Be alert if you have high fever cough sore throat -sachi shiksha hindi

तेज बुखार, खांसी, गले में खराश हो तो रहें सतर्क ओमिक्रॉन वैरिएंट की तरह ही है नये कोरोना के लक्षण

वैश्विक स्तर पर कोविड मामलों में गिरावट के बावजूद कुछ देशों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, डब्लयूएचओ का कहना है कि इस ओर ध्यान देना जरूरी है। इसके लक्षण ओमिक्रॉन वैरिएंट की तरह ही हैं, इसमें तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, पेट की परेशानी, सिरदर्द और ठंड लगना शामिल है।

भारत देश की ’गर बात करें तो यहां फिर से कोरोना का संक्रमण बढ़ता नजर आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से कोरोना को लेकर देश में गंभीर लापरवाही देखी जा रही है। जिसका नतीजा है कि इन दिनों कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी होने लगी है। लॉकडाउन के दौरान लगी पाबंदियों को भले सरकार ने धीरे-धीरे समाप्त कर दिया था, लेकिन पाबंदी हटाने के उपरांत भी सरकार गाइडलाइन जारी कर लोगों को सचेत करती रहती है।

सरकार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने, लगातार मास्क लगाने व एक स्थान पर निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के एकत्रित नहीं होने की सलाह देती रही है। मगर लोग लॉकडाउन हटने के साथ ही देश को कोरोना मुक्त समझ कर सरकारी निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। यहां पर यह ध्यान देना आवश्यक है कि कोरोना महामारी खत्म नहीं हो रही, बल्कि फैल रही है।

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इसलिए इसके बचाव के उपायों को हर क्षण ध्यान में रखना अति आवश्यक है।

साफ-सफाई रखें:

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना वायरस से खुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेसिक और महत्वपूर्ण उपाय है कि हम सफाई से रहें। समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोएं। आप चाहें तो एक अल्कोहॉल बेस्ड सैनेटाइजर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सैनेटाइजर को हाथों पर अच्छी तरह लगाएं। इससे अगर आप के हाथ पर वायरस मौजूद हुआ भी तो समाप्त हो जाएगा।

आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें। हम अपने हाथ से कई सतहों को छूते हैं और इस दौरान संभव है कि हमारे हाथ में वायरस चिपक जाए। अगर हम उसी अवस्था में अपने नाक, मुंह और आंख को छूते हैं तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है।

यदि आप छींक रहे हैं या खांस रहे हैं, तो अपने मुंह के सामने टिश्यू जरूर रखें और अगर आपके पास उस वक़्त टिश्यू ना हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें।
आपने यदि कोई टिश्यू इस्तेमाल किया है, तो उसे जितनी जल्दी हो सके डिस्पोज कर दें।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें:

सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर दूर रहने की सलाह दी गई है। लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि जब तक बहुत जरूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें। ज्यादा भीड़-भाड़ में जानें से बचें, ताकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचा जा सके।

मास्क का प्रयोग करें:

अगर आप किसी ऐसे मास्क का इस्तेमाल करते हैं जो एकदम साधारण है और जिसे आपने सुपर मार्केट से खरीदा था, तो वो आपके लिए मददगार नहीं होगा। हालांकि अगर सामने से कई संक्रमित व्यक्ति छींक देता है तो उस स्थिति में ये जरूर कुछ मददगार साबित हो सकता है।
आवश्यक यह है कि आप एनएच-10 मास्क का प्रयोग करें। इसके अलावा मार्केट में और भी अच्छे मास्क उपलब्ध हैं। साथ ही घर में बने कपड़े के मास्क भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएं:

महामारी के इस दौर में मानसिक तनाव हो सकता है। जैसे आपको बेचैनी महसूस हो रही हो, आप तनाव महसूस कर रहे हों, परेशान हो रहे हों, दुखी हों, अकेला महसूस कर रहे हों। इसके लिए ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस ने दस टिप्स दिए हैं, जिससे आप अपनँ मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

  • अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ फोन, वीडियो कॉल या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में बने रहें।
  • उन चीजों के बारे में बात करते रहें, जिससे आपको परेशानी हो रही हो। दूसरे लोगों को भी समझने की कोशिश करें।
  • अपनी नई दिनचर्या को व्यवहारिक तरीके से प्लान करें।
  • अपने शरीर का ध्यान रखें। नियमित व्यायाम और खान-पान का ध्यान रखें।
  • आप जहां से भी जानकारियां ले रहे हों वो क्रेडिबल सोर्स हो और इस महामारी के बारे में बहुत अधिक ना पढ़ें।
  • अपने व्यवहार को अपने नियंत्रण में रखें।
  • अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखें।
  • वर्तमान पर फोकस करें और यह याद रखें कि यह समय चिर-स्थायी नहीं है।
  • अपनी नींद को किसी भी तरह से बाधित ना होने दें।

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत में बढ़ रहे कोरोना के लिए नया ओमिक्रॉन वैरिएंट एक्सबीबी.1.16 जिम्मेदार है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा है कि राहत की बात यह है कि इस दौरान अस्पताल में भर्ती होने या कोरोना से होने वाली मौतों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में नए कोविड मामलों में अचानक उच्चतम आनुपातिक वृद्धि देखी गई है, जबकि वैश्विक स्तर पर मामलों में लगभग 27 प्रतिशत की कमी आई है। भारत में कोरोना के नए मामले में 437 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और इस वृद्धि के लिए नया ओमिक्रॉन वैरिएंट एक्सबीबी.1.16 जिम्मेदार है, यह वैरिएंट बीए.2.10.1 और बीए.2.75 का रिकंबाइंड है।

भारत के अलावा दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देश इंडोनेशिया और थाइलैंड में भी कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी हुई है। संगठन ने कहा है कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में पिछले 28 दिनों की अवधि में लगभग 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 27 फरवरी 2023 से लेकर 26 मार्च के दौरान वैश्विक स्तर पर कोरोना के 36 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि 25 हजार लोगों की कोविड से मौत हो गई है।

कोरोना वारिसर्य को डेरा सच्चा सौदा ने किया था अनूठा सैल्यूट

दुनियाभर में कोरोना अपना भयावह रूप दिखा चुका है। फिर से कोरोना की आहट सुनाई दे रही है, इन सबके बीच ऐसे इन्सान भी हैं जो खुद की जान की परवाह किए बिना दूसरों के जीवन को कोरोना से बचाने में ढाल बनते रहे हैं। कोरोना वारियर्स के रूप में चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, सेना व पुलिस के जवानों के साथ डेरा सच्चा सौदा के सेवादार हमेशा अग्रणी पंक्ति में नजर आए हैं।

डेरा सच्चा सौदा ने एक विशेष मुहिम चलाकर दुनियाभर में कोरोना वारियर्स को अपने अंदाज में सैल्यूट किया था। इन वारियर्स के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्यवर्धक किटें भी बांटी। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के एक आह्वान पर शुरू हुई इस मुहिम के द्वारा डेरा सच्चा सौदा सेवादार व साध-संगत इस दौर में कोरोना वारियर्स के तौर पर कार्य कर रहे डॉक्टर, नर्स, पुलिस व एंबुलैंस के ड्राइवरों को किन्नू, संतरा, नींबू पानी व फ्रूट देकर उनके स्वास्थ्य की कामना की।

पूज्य गुरु जी ने आह्वान किया था कि जहां भी कोरोना वारियर्स दिखें उन्हें सैल्यूट करें व उनका पूरा सहयोग करें। हमेशा मानवता हित में कार्य करने वाले शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों जगह-जगह पर कोरोना वारियर्स को नींबू पानी, फ्रूट्स से भरी टोकरियां, कैल्सियम से भरपूर दवाइयां इत्यादि देकर उनका हौंसला बढ़ाया। यही नहीं, डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने कोरोना की प्रथम लहर के दौरान सैनेटाइज अभियान चलाया था, जिस दौरान धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर सैनेटाइज के साथ-साथ सफाई भी की गई थी।

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