संत पर-उपकारी आए -सम्पादकीय
मानवता का उद्धार, स्वस्थ समाज का उत्थान, स्वस्थ सामाजिक परम्पराओं को प्रोत्साहित करना, घर-घर में परमपिता परमात्मा की चर्चा, प्रेम-प्यार का प्रकाश हो, भक्ति-इबादत हो, सब कहीं सचखंड का स्थाई नजारा बने, एक सच्चे संत का सृष्टि पर अवतरित होने का यही मकसद, यही उद्देश्य रहता है।
लोग हक-हलाल, मेहनत की करके खाएं, धर्म के कर्म हों, न कोई वैरी नहीं बेगाना की भावना हर मानव हृदय में हमेशा बनी रहे, पृथ्वी का हर प्राणी खुशहाल हो, किसी को भी कभी कोई कमी न आए अर्थात् समस्त समाज की भलाई के लिए संत अपना पूरा जीवन लगा देते हैं।
‘संत पर-उपकारी आए’। संतों का आगमन सृष्टि-जगत के प्रति हमेशा सुखकर होता है। इतिहास गवाह है, आदिकाल से परमपिता परमात्मा संतों के रूप में सृष्टि पर अपना अवतार धारण करते आए हैं। मालिक स्वरूप संत सृष्टि पर अपने बेअंत परोपकार करते हैं। धर्म-संस्कृति की रक्षा करना, इन्सानी मनोबल को ऊंचा उठाने, मानव व समाज कल्याण के लिए संत सृष्टि पर अवतार धारण करते हैं। संत हर युग व हर समय-काल में सृष्टि में आते हैं और आते रहे हैं। केवल यह एक त्रिलोकी ही नहीं, बल्कि त्रिलोकियों के पार और दोनों जहानों में ऐसे परोपकारी संतों की जय-जयकार होती है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां सृष्टि-उद्धार का उद्देश्य लेकर सृष्टि पर अवतरित हुए हैं।
आप जी ने 15 अगस्त 1967 को सृष्टि पर अवतार धारण किया। गांव श्री गुरुसर मोडिया, जिला श्री गंगानगर (राजस्थान) के बहुत बड़े आदरणीय जमीेंदार परिवार के मुखिया नम्बरदार सरदार मग्घर सिंह जी के घर परम पूजनीय माता नसीब कौर जी इन्सां की पवित्र कोख से ये ईलाही जोत प्रकट हुई। पूजनीय गुरु जी 23 सितम्बर 1990 को डेरा सच्चा सौदा में बतौर तीसरे पातशाह गुरुगद्दी पर विराजमान हुए। पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने स्वयं आप जी को सारी साध-संगत में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और उसी दिन ही डेरा सच्चा सौदा व साध-संगत की सेवा-संभाल के सभी अधिकार आप जी को सौंप दिए। पूजनीय गुरु जी ने मानवता भलाई का बीड़ा उठाया हुआ है।
किसान खुदकुशी का रास्ता छोड़कर अपनी खेती को लाभवंद बनाएं और खुशहाल रहें। नौजवान पीढ़ी गलत कामों में पड़कर अपने जीवन को बर्बाद न करे, बल्कि अच्छे कार्यों व ईश्वर भक्ति में लगकर अपने जीवन को सुखमय बनाए। क्या व्यापारी वर्ग, क्या गृहस्थी जीवन जी रहे लोग, यानि पूजनीय गुरु जी ने देश-दुनिया के हर वर्ग के लिए करम कमाया है और अभी भी इस नेक कार्य के लिए प्रयत्नशील हैं। आप जी अपने रूहानी पत्रों के द्वारा भी हमेशा मानवता भलाई की कामना करते हैं।
आप जी का हर पल मानवता व समाज के भले के लिए परमपिता परमात्मा से अर्ज-दुआ में गुजरता है। मानवता का भला हो, सारी दुनिया खुशहाल रहे, मानव समाज तंदुरुस्त रहे, इन्सानियत का ज्यादा से ज्यादा भला हो, ज्यादा से ज्यादा लोग परमपिता परमात्मा की भक्ति से जुड़ें। इस तरह पूज्य गुरु जी अपने मन, वचन, कर्म से हर पल मानवता व समाज के उद्धार में लगे हुए हैं। आप जी के हर रूहानी पत्र में संगत के लिए प्यार भरा होता है।
पूजनीय गुरु जी के पवित्र वचनानुसार अगर हर इन्सान पूजनीय गुरु जी की पावन शिक्षाओं को फोलो करे और अपने जीवन को उसी के अनुसार ढाल ले, तो हर कोई सुख-चैन तथा आत्मिक सुकून से भर जाए, हर तरफ समाज, देश, पूरे जगत में खुशहाली व खुशी, प्रेम की बहारें हों। पूज्य गुरु जी के वचनानुसार साध-संगत तन-मन-धन से गुरु जी द्वारा दर्शाए नेकी-भलाई के मार्ग पर चल रही है और इसी तरह नित्य-प्रति आगे ही आगे बढ़ते जाएं। नेकी-भलाई के लिए साध-संगत के कदम कभी रूकने न पाएं। पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर सदा अमल करें।
पूजनीय गुरु जी का पावन अवतार दिवस व स्वतंत्रता दिवस मुबारक हो जी।
सम्पादक