Back Pain -sachi shiksha hindi

Back Pain बच सकते हैं कमर दर्द से

कभी-कभी अचानक उठा कमर का दर्द बहुत ही तकलीफÞदेह साबित होता है। शरीर एकदम बेजान सा हो जाता है और यदि कुछ महसूस होता है तो सिर्फ दर्द जो कभी-कभी इस हद तक भी भयंकर हो जाता है कि शरीर में फेफड़ों की सूजन, हृदय बाल्व में खराबी, आँखों में सूजन और अकड़ाहट जैसे कई घातक रोग स्वत: ही उत्पन्न हो जाते हैं।

कमर दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे काफÞी देर तक उल्टी-सीधी मुद्राओं में खड़ा होना, देर तक चलना, थकना, झुककर व लेटकर पढ़ना, अधिक वजÞन उठाना, कूदना, गिरना और आवश्कता से अधिक श्रम करना। चिकित्सकों का मानना है कि मेरूदण्ड की बनावट मजÞबूत और नाजुक दोनों ही प्रकार से होती है। यह सारे शरीर के अंगों के संतुलन का भार उठाता है। कई बार विभिन्न कारणों से यह संतुलन गड़बड़ा जाता है और शरीर के किसी भी हिस्से की पर्याप्त देखभाल न होने के कारण कमर दर्द उत्पन्न हो जाता है।

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इसके अलावा कमर दर्द Back Pain के कई अन्य कारण भी होते हैं। दरअसल आयु बढ़ने के साथ-साथ शरीर की हड्डियों का लचीलापन भी कम होने लगता है और ऊतक सख़्त हो जाते हैं। ये परिवर्तन अधिकतर रीढ़ की हड्डी में होते हैं तथा इन पर चोट व प्रहार के कारण कशेरूकाओं के बीच की डिस्क खिसक जाती है और कमर दर्द होता है। कुल मिलाकर यदि यह कहा जाये तो उपयुक्त होगा कि रीढ़ की हड्डी पर अनावश्यक दबाव, खिंचाव अथवा तनाव पड़ने से मांसपेशियों के तंतु प्रभावित होते हैं जो कमर दर्द का मुख्य कारण होता है।

आमतौर पर यह भी देखा जाता है कि दुबले व सामान्य लोगों की अपेक्षा मोटे व्यक्तियों में तोंद निकलने व वजन न संभाल पाने और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने व झुकने से कमर दर्द अधिक होता है। इसके अलावा स्त्रिायों में भी कमर दर्द की शिकायत अधिक पायी जाती है। हाल ही में चिकित्सकों ने एक शोध में स्पष्ट किया है कि गर्भवती महिलाओं में प्रसव हेतु आॅपरेशन के दौरान बेहोश करने के लिए जो सुईं रीढ़ की हड्डी में लगाई जाती है जिससे पीठ दर्द पनपता है। शोध से यह नतीजा भी सामने आया है कि इस बेहोशी की सुई से उनकी पेशियाँ कमजÞोर पड़ जाती हैं और तंतुओं के टूटने से जो पीठ दर्द शुरू होता है उसे ठीक करने के लिए उपचार में कभी-कभी वर्षों भी लग जाते हैं।

Back Pain पीठ दर्द से बचाव:-

  • कमर दर्द से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें।
  • क्षमता व आवश्यकता से अधिक कार्य न करें।
  • अधिक लेटना, खड़े होना, चलना और झुकना नहीं चाहिए।
  • ऊंचे हील के जूते, चप्पल या सैंडिल न पहनें।
  • पीठ दर्द होने पर थोड़ा विश्राम करें।
  • बिना ज्ञान के व्यायाम के आसन न करें।
  • गर्म पानी अथवा बर्फ की थैलियों की सिंकाई से पीठ दर्द में आराम मिलता है।
  • वाहन चलाते समय कमर को टेक अवश्य दें।
  • संभव हो तो सप्ताह में एक बार कमर की मालिश अवश्य करायें।
  • व्यायाम करते समय सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर ले जायें। फिर पंजों के बल खड़े होकर शरीर का संतुलन बनाये रखें। इससे पीठ दर्द नहीं होता।
  • एक अन्य आसन के अनुसार पेट के बल जमीन पर लेटें। फिर अपने हाथ सिर से आगे सामने की ओर फैलायें। इसके बाद बायां हाथ और दायां पैर एक साथ ऊपर उठायें तथा दोनों को साथ ही विपरीत दिशा में खींचने की कोशिश करें। इस प्रक्रि या से पीठ दर्द में राहत पहुंचती है।
  • तीसरा आसन है पेट के बल लेटें। फिर हाथ पीठ के पीछे बांधें और पैरों व सिर को एक साथ ऊपर उठायें। धड़ पेट के बल जÞमीन पर टिकाये रखें। इन सभी व्यायामों से कमर दर्द से बचाव तो होगा ही, स्वास्थ्य व शरीर भी तरोताजा रहेगा।
    -मनु भारद्वाज ‘मनु’

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