अभिशाप नहीं है दिव्यांगता | वर्ष 2008 से लगातार दिव्यांगता उन्मूलन में प्रयासरत है डेरा सच्चा सौदा
- 14वें याद-ए-मुर्शिद नि:शुल्क विकलांगता निवारण शिविर में 107 मरीजों की हुई जांच, 8 के हुए आॅप्रेशन व 40 को दिए कृत्रिम अंग।
पावन विनती का शब्द बोलकर 14वें नि:शुल्क याद-ए- मुर्शिद विकलांगता निवारण शिविर का शुभारंभ करते हुए आदरणीय रूह दी हनीप्रीत जी इन्सां, डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधकीय समिति के सदस्य व शाह सतनाम जी स्पैशेलिटी हॉस्पीटल्ज सरसा के विशेषज्ञ चिकित्सक। -फोटोज: सुशील कुमार
शिविर में चयनित मरीजों को कृत्रिम अंग देते हुए शाह सतनाम जी स्पैशेलिटी हॉस्पीटल्ज सरसा के विशेषज्ञ चिकित्सक।
दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है, क्योंकि शारीरिक अभावों को यदि प्रेरणा के तौर पर लिया जाए तो यही दिव्यांगता व्यक्तित्व विकास में सहायक बन जाती है। शरीर के किसी अंग से लाचार व्यक्तियों में ईश्वर प्रदत्त कुछ खास विशेषताएं भी छुपी होती हैं। इन्सान की सोच यदि दृढ़ एवं सही है तो अभाव भी अपने आप में विशेषता बन जाते हैं। देश में अनेक दिव्यांगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को विकलांगों की बजाय दिव्यांग शब्द देकर उनको उत्साहित करने की पहल की थी, वहीं डेरा सच्चा सौदा पिछले 15 सालों से लगातार दिव्यांगता उन्मूलन के लिए प्रयासरत है। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज की पावन स्मृति में आयोजित होने वाले इन कैंपों से अब तक हजारों नि:शक्तजनों को एक नई ऊर्जा मिली है, जिससे उनकी जिंदगी की राह और आसान हो गई।
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गत अप्रैल महीने में 14वें नि:शुल्क याद-ए-मुर्शिद विकलांगता निवारण शिविर लगाया गया। आदरणीय रूह दी हनीप्रीत इन्सां, डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्यों व शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सकों एवं स्टाफ सदस्यों द्वारा अरदास का शब्द बोलकर व ‘‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’’ का इलाही नारा लगाकर कैंप का शुभारंभ किया गया। शाह सतनाम जी रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन सरसा की ओर से आयोजित इस कैंप में चयनित मरीजों के आॅपरेशन, आॅपरेशन से पूर्व जांच, एक्सरे, दवाईयां व कैलीपर आदि नि:शुल्क दिए गए।
वहीं चयनित 8 मरीजों के आॅपरेशन शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आॅपरेशन थिएटर में हड्डियों के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किए गए। शिविर में 107 ओपीडी (जांच) हुई थी। 40 मरीजों का कैलिपर के लिए चयन हुआ था, जिन्हें बाद में यह कृत्रिम अंग वितरित किए गए। कैंप में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल से हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. वेदिका इन्सां, प्लास्टिक सर्जन डॉ. स्वप्निल गर्ग इन्सां, डॉ. पुनीत इन्सां, मानसा से डॉ. पंकज शर्मा, हिसार से डॉ. संजय अरोड़ा, डॉ. कुलभूषण, डॉ. सुशील आजाद, आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अजय गोपलानी, डॉ. मीना गोपलानी, फिजियोथेरेपिस्ट जसविन्द्र इन्सां व नीता सहित अनेक चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 से हर वर्ष 18 अपै्रल को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रहनुमाई में विकलांगता निवारण शिविर आयोजित हो रहा है। इन कैंपों में अब तक हजारों मरीजों की जांच, 640 के करीब आॅप्रेशन व सैकड़ों मरीजों को कत्रिम अंग वितरित किए जा चुके हैं। वहीं डेरा सच्चा सौदा की ओर से दिव्यांगों को ट्राइसाईकिल देने का सिलसिला वर्ष भर चलता रहता है।
- यह शिविर किसी वरदान से कम नहीं है। शिविर में हड्डी संबंधित रोगों की जांच, आॅप्रेशन सहित दवाईयां मरीजों को फ्री में दी जाती है। इस कैंप का लाभ उठाने के लिए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से मरीज आते हंै।
– डॉ. गौरव अग्रवाल इन्सां, आर.एम.ओ. शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सरसा। - हड्डियों और जोड़ों को मजबूत रखने का काम कैल्शियम करता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती हैं। कैल्शियम व विटामिन-डी की कमी से बच्चों में रिकेट नामक रोग हो सकता है, जिसमें बच्चे के पैर टेढ़े हो जाते हैं। गर्भ धारण करने और बच्चे को दूध पिलाने के चलते महिलाओं की हड्डियों में भी कमजोरी आ जाती है, इसलिए ऐसी महिलाओं को विटामिन डी व कैल्शियम की आपूर्ति अनिवार्य हो जाती है।
-डॉ. वेदिका इन्सां, हड्डी रोग विशेषज्ञ। शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल सरसा।