अक्टूबर माह में सब्जियों व फलों के बेहतर उत्पादन के लिए करें यह कार्य
किसानों को अक्तूबर महीने में अपने खेत में दाल व अनाज के अलावा सब्जियां व फलों के उत्पादन की ओर भी ध्यान देना चाहिए। कई किसान तो ऐसे हैं कि वे सिर्फ सब्जी और फल उत्पादन से ही अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि वे समय-समय पर सब्जियों व फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। इन प्रयासों में प्रमुख हैं, सब्जियों व फलों को समयानुसार बोना व उनके उत्पादन काल के दौरान उनकी अच्छे से देखभाल करना ताकि स्वस्थ व गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त हो सके।
आपको इसी विषय पर विशेष जानकारी देंगे कि सब्जियों व फलों के उत्पादन काल में इनका किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौनसी वानकी क्रियाएं करनी चाहिए, जिससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में बढ़ोतरी हो और किसान भाइयों को अपने उत्पाद का बाजार में बेहतर दाम मिल सके।
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प्याज की नर्सरी लगाएं
इस माह प्याज की नर्सरी ऊंची उठी जगह पर लगाएं। प्याज की उन्नत किस्मों में अलों ग्रनों, पूसा रेड, पूसा रतनार, पूसा व्हाईट पलैट, पूसा व्हाइट राऊड व पूसा माधवी है। इससे पहले नर्सरी में कम्पोस्ट खाद मिलाकर जगह तैयार करें। इसके बाद बीज को नर्सरी में लगाएं। यह कार्य 17 अक्टूबर से लेकर 17 नबंवर माह तक किया जा सकता है।
गाजर व मूली की बुवाई करें
जापानी व्हाईट मूली तथा पूसा केसर व पूसा मघाली गाजर अक्टूबर में बोई जा सकती है।
मटर की बिजाई करें
मटर अर्कल 17 अक्टूबर से 7 नवंबर तक तथा वोर्नवीला एवं लिकंन अक्टूबर के अंत से 17 नवंबर तक बोया जा सकता है। बिजाई से पहले 30 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ रातभर भिगोकर 1-1.5 फुट दूर लाइनों में एक इंच पौधों में दूरी रखकर बुवाई करनी चाहिए। बिजाई के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। खरपतवार नियंत्रण के लिए 600 ग्राम स्टोम्प को 370 लीटर पानी में घोलकर बिजाई के 1-2 दिन के अंतर पर खेत में छिडकाव करें। इसके बाद पहली सिंचाई 27-30 दिन बाद करें।
टमाटर की विशेष फसल के लिए अभी करें बिजाई
टमाटर की विशेष फसल के लिए अक्टूबर के शुरू में बिजाई करके मध्य नवंबर तक रोपाई कर कर सकते हैं। बोने से पहले, 170 ग्राम बीज को 0.7 ग्राम थीरम से उपचारित कर लें तथा हर 17 दिन बाद शाम के समय 2 ग्राम थीरम प्रति लीटर पानी में घोलकर कर छिड़काव करें। सफेट मक्खी की रोकथाम के लिए नर्सरी में 0.1 प्रतिशत मैलाथियान 17 दिन के अंतर पर छिड़काव किया जा सकता है। पुरानी टमाटर की फसल से रोगग्रस्त पौधे उखाड़कर जला दें। दवाइयां छिडकने से पहले फल तोड़ लेना चाहिए ताकि दवा का दुष्प्रभाव फलों पर न हो।
फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें
फूलगोभी की पूसा स्नोवाल-1 व पूसा स्नोवाल के-1 किस्में 17 अक्टूबर तक नर्सरी में बोई जा सकती है। इसके चार सप्ताह बाद खेत में रोपाई करें। पुरानी फसल में 10 दिन के अंतर पर सिंचाई करते रहें। खरपतवार नियंत्रण के लिए एक गुड़ाई करें तथा यूरिया की दूसरी किस्त एक बोरा, पहली किस्त के 30-40 दिन बाद दें। कीड़ों से बचाव के लिए फूलगोभी पर 0.2 प्रतिशत मैलाथियान का छिडकाव करते रहना चाहिए।
इस माह भी लगा सकते हैं पालक व मैथी
पालक व मैथी को अक्टूबर माह में भी लगाया जा सकते है। सितंबर में बोई फसल को 30 दिन बाद काट सकते है।
कम पानी वाले क्षेत्रों में लगाएं इसबगोल
इसबगोल एक औषधीय फसल है जिसे अच्छे जल निकास वाली मिट्टी तथा कम पानी वाले क्षेत्रों में 17 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच लगाया जा सकता है। बीजों को बोने से पहले इनको उपचारित करें। करीब 3 कि.ग्रा. बीज को 9 ग्राम थिरम से उपचारित करके 9 इंच दूर लाइनों में एक इंच से कम गहरा बोयें। पहली सिंचाई एक माह बाद करें।