Don't give or take used items -sachi shiksha hindi

इस्तेमाल की वस्तु न किसी को दें, न लें

अपने पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नए की तलाश में, कभी लालचवश तो कभी आलस्यवश, सामने रखी किसी दूसरे की वस्तु को हम अपने उपयोग में ला बैठते हैं पर बिना सोचे-समझे किसी अन्य की व्यक्तिगत वस्तु का प्रयोग करना खतरनाक साबित हो सकता है।

दूसरों द्वारा इस्तेमाल किया गया ऐसा प्रसाधन जो कि सीधा शारीरिक संपर्क में आता हो, त्वचा से सीधा स्पर्श करता हो, आपको एलर्जी या ऐसी ही कोई प्रतिक्रि या दे सकता है। किसी का खूबसूरत रेजर इस्तेमाल करने का मतलब अपने चेहरे को बदसूरत बनाना भी हो सकता है जैसा कि श्रेयांस के साथ हुआ। वह अपने मित्र की शादी में गया हुआ था। वहां खूबसूरत, नई टाइप का रेजर रखा देख उसने अपना रेजर छोड़कर उससे दाढ़ी बना ली।

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परिणामत: उसके ‘बार्बर्स इच‘ हो गई। चेहरे पर दाने हो गए और खुजली होने लगी पर श्रेयांस ने कुछ ध्यान न दिया। उसे तो पता ही न था कि वह बार्बर्स इच की पकड़ में आ चुका था। चेहरे के दाने पक गए, मवाद पड़ गया। चेहरा बदरंग हो गया। जब त्वचा रोग विशेषज्ञ ने खाने और लगाने की औषधि दी, तब काफी दिनों तक दवा का सेवन करने के बाद ठीक हुआ।

त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. पाल का कहना है कि हर किसी की त्वचा की प्रकृति एक जैसी नहीं होती है। जिनकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है, उनको संक्र मण होने की अधिकतम संभावना होती है। इसलिए किसी अन्य का प्रयोग किया ऐसा सामान, जो त्वचा से सीधा संपर्क रखता हो, स्वयं से दूर ही रखें। तभी आपकी त्वचा की रक्षा हो सकती है। केवल तौलिया ही नहीं, कंघी, दांतों का ब्रश, मोजे आदि से भी रोग लगने की संभावना होती है।

सौंदर्य विशेषज्ञा डॉ. मलिका चंदानी ने दूसरे की वस्तुओं का प्रयोग बिलकुल न करने की चेतावनी देते हुए निम्न बातें बताईं:

  • किसी अन्य की प्रयोग की हुई लिपस्टिक से मुंह, गले तथा त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। इनके उपचार हेतु एंटीबायोटिक या एंटीएलर्जिक दवा खानी पड़ती है तथा मरहम लगाना पड़ता है।
  • किसी की कंघी को प्रयोग में लाने से जुएं, रूसी तो हो ही सकती हैं, बालों का झड़ना जैसी बीमारी भी लग सकती है। समझदारी इसी में है कि अपने कंघे का ही प्रयोग करें। घर के हर सदस्य की कंघी अलग-अलग होनी चाहिए।
  • बनियान, अंडरवियर, ब्रेजियर आदि अंदरूनी कपड़ों और रूमाल तथा हैंडटावल आदि से त्वचा रोग, एलर्जी, गुहेरी (स्टाइ) जैसी व्याधि हो सकती है।
  • किसी दूसरे की आइब्रो पेंसिल, कागज, आइब्रश, आइलाइनर प्रयोग में लाने से कंजक्टिवाइटिस, रोहे, कार्नियल अल्सर तथा गुहेरी जैसी छूत की बीमारी हो सकती है।
  • किसी के इस्तेमाल किए दांतों के ब्रश से मुंह के छाले, मसूड़ों में सूजन, पायरिया तथा गले का संक्र मण होने की पूर्ण संभावना रहती है।

कुछ नियम बनाए जा सकते हैं:

  • व्यक्तिगत इस्तेमाल की वस्तु न किसी को दें और न किसी से लें जैसे रूमाल, अंदरूनी वस्त्र, कंघी, शेविंग ब्रश, रेजर आदि।
  • खाने-पीने में भी बचाव रखें। स्वाद और मुफ्त के चक्कर में जूठी चीज न खाएं। ठंडे पेय की बोतल के मुंह से तथा आइसक्र ीम के एक ही चम्मच से छाले जैसे संक्र मण की संभावना रहती है, अत: यह बात बच्चों को शुरू से ही समझा दें कि दूसरों की जीभ या होंठों से छुए पदार्थ को न खाएं और न पिएं।
  • यात्रा के दौरान किसी अजनबी से कोई भी खाने-पीने की चीज कदापि न स्वीकारें।
  • थोड़ी-सी सावधानी बरतिए और अपनी ही वस्तु प्रयोग में लाकर मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक कष्ट से बचे रहिए। विशेषकर त्वचा से संपर्क करती पराई वस्तु का प्रयोग न कर, स्वयं को सदा सुरक्षित रखिए।
    खुंजरि देवांगन

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