Father Day Special प्रेम और त्याग की मूर्त है पिता
रूहानियत में गुरु, सतगुरु शिष्य के लिए मां भी हैं और पिता यानि पापा भी । वो केवल इस दुनिया का ही नहीं बल्कि दोनों जहानों में रहबर बनकर ‘बैस्ट पापा’ का रोल अदा करता है। दुनियावी तौर पर तो बेशक पापा का हाथ, सिर से उठ जाने पर बेटा अपने आपको अनाथ महसूस करता है,
लेकिन रूहानियत का पापा, गुरु, मुरीद से एक पल भी दूर नहीं होता। शिष्य चाहे कितना भी ऊंचा या बड़ा भी हो जाए, लेकिन गुरु की नजर में वह हमेशा एक नन्हा-सा बच्चा ही रहता है। वो उसे अपने अलौकिक प्यार से सहलाता रहता है ताकि कहीं वह दुनिया की बुराइयों के कीचड़ में फिसल न जाए। ऐसे महान गुरु, पापा का देन बच्चा कभी दे नहीं सकता।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
अजीज भी वो है, नसीब भी वो है
दुनिया की भीड़ में करीब भी वो है
उनकी दुआ से चलती है जिंदगी
क्योंकि खुद भी वो है,
और तकदीर भी वो है!!
‘वो’ पिता है, जिसके प्रेम और त्याग की किसी भी चीज से तुलना नहीं की जा सकती। पिता अपने बच्चों की खुशी के लिए अपने जीवन की सारी खुशियां त्याग कर देता है। पिता के प्रेम को इास दिवस के रूप में हर साल जून महीने में मनाया जाता है। इस 18 जून को ‘फादर्स डे’ मनाया जा रहा है। यह दिन पिता के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने का दिन होता है।
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फादर (ऋं३ँी१) के हर शब्द में छुपा है गहरा अर्थ:
F- (फोरएवर, हमेशा साथ),
बचपन, किशोर ही नहीं, युवावस्था के बाद भी एक पिता अपने बच्चे के साथ हमेशा एक मजबूत स्तंभ बनकर खड़ा रहता है। अपने अनुभव के जरिए वह अपने बच्चे के अंदर ऐसा विश्वास जगाता है कि वो हमेशा उसके साथ है और रहेंगे।
A- (अटैचमेंट यानि दिली लगाव),
अपने बच्चे को सोते हुए देखना, उसको घर से बाहर जाते हुए कुछ ऐसी अंदाज में हिदायत देना या शादी-विवाह के अवसर पर विदाई के समय बेटी के सामने अपने आंसुओं को रोके रखने की तमाम असफल कोशिश करना, ऐसी कई बातें हैं जो पिता को अपने बच्चे से गहनता से जोड़े रखती हैं।
T- (टफनेस यानि कठोरता),
पिता की बाहरी छवि काफी कठोर ही नजर आती है। लेकिन इस कठोरता में भी बच्चे को व्यावहारिक जीवन की कठिनाइयों, चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने का भाव हमेशा निहित रहता है।
H- (हार्डवर्किंग यानि कठोर परिश्रम ),
अपने बच्चे की हर इच्छा को पूरा करने और उसके बेहतर भविष्य के लिए पैसे की कभी कमी आड़े नहीं आने देना चाहता। इसके लिए एक पिता कठिन परिश्रम करने से कभी पीछे नहीं हटता। वह अपने परिश्रम के द्वारा बच्चे में भी जीवन में परिश्रम करने का संदेश प्रेषित करता है।
E- (इमोशनल यानि भावुकता),
मां की ममता तो बच्चे के लिए जगजाहिर होती है, लेकिन एक पिता का अपनी संतान के प्रति भावनात्मक जुड़ाव का तोड़ आजतक कोई नहीं जान पाया है। उनकी भावुकता बिना शब्दों के ही उनके व्यवहार और हाव-भाव में झलकती रहती है।
R- ( रिलायबल यानि जिम्मेवारी)
बच्चा जब बचपन में चलना शुरू करता है तो उसे पिता की अंगुली ही डगमगाते कदमों का सहारा बनती है। तभी वह विश्वास और बिना डर-संकोच के कदम आगे बढ़ाता है। यह रियाबलिटी, बच्चे के जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास जगाती है कि जीवन के हर मोड पर उसके पापा की सीख, उसे राह से भटकने नहीं देगी।
इस फादर्स-डे पर दें अपने पिता को खास उपहार
फादर, पिता या पापा..एक रिश्ता और नाम कई हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है, जो हमारी जिंदगी का ताना-बाना बुनता है। जिसकी उंगली पकड़ कर पहले-पहल चलना सीखते हैं हम। जिसके सीने में छुपकर हम जिंदगी की धड़कन सुनते हैं। ऐसे खूबसूरत रिश्ते को सराहने-संवारने के लिए तो पूरी जिंदगी कम है।
वक्त की आपाधापी और काम की मसरूफियत हमें मौका नहीं देती। इसी कमी को पूरा करने के लिए बना है ‘फादर्स-डे’। जब आप अपने पिता को कम से कम एक दिन के लिए तो जी भरकर स्पेशल फील करा सकते हैं। अगर आपने अभी तक इस दिन को सेलिब्रेट करने का प्लान नहीं बनाया है तो अब बना लीजिए।
शायद ये टिप्स आपके कुछ काम आ जाएं:
पापा को ‘यंग पापा’ बनाएं-
कभी गौर से देखा है पापा का चेहरा? आपकी जिंदगी संवारते-संवारते उनकी चेहरे की चमक कहीं खो-सी गई है। वक्त से कहीं पहले उम्र की परछाइयां तैरने लगी हैं। क्यों न इस फादर्स डे पर आप उन्हें उनकी तरोताजगी वापस लौटा दें। आप कई तरीकों से ऐसा कर सकते हैं।
टीशर्ट:
उनके लिए आकर्षक रंगों वाली स्लोगन लिखी टी शर्ट खरीदिए। आपकी भेंट की गई टी-शर्ट पहनकर वे फिर से कॉलेज के दिनों वाली एनर्जी से भर जाएंगे।
फेशियल:
किसी अच्छे से सैलून में ले जाकर उनका फेशियल कराइए जिससे एक बार फिर उनके चेहरे की चमक वापस आ जाए।
नया मोबाइल:
कभी उनका मोबाइल देखा है? कितना पुराना हो गया है? उन्हें लेटेस्ट एप्स वाला एक मल्टी फंक्शन मोबाइल खरीद कर दीजिए जिससे आपके सीधे सादे पापा का अंदाज टेक टेकी हो जाए।
नॉवेल:
आपके पापा को कोई न कोई लेखक और उसका नॉवेल जरूर पसंद होगा। एक बार फिर उन्हें वही नॉवेल गिफ्ट दें, जिसे पढ़कर, कुछ वक्त के लिए ही सही। एक सकून पा सकें और गुस्सा करना भूलकर मुस्कराना सीख लें।
पापा फेसबुक:
अपने पापा का फेसबुक अकाउंट बनाएं। उसमें उनके पुराने स्कूल या कॉलेज के दोस्तों को एड करें। फिर पापा को इसके बारे में बताएं। भले आपके पापा फेसबुक आॅपरेट न करें, मगर इस बहाने पुराने दोस्तों से उनकी री-यूनियन तो हो जाएगी।
उनकी सेहत का ख्याल रखें:-
आॅफिस का काम, ओवरटाइम का बोझ, घर की जिम्मेदारियां और दूसरी कई तरह की टेंशन। कहीं न कहीं इन सबका खामियाजा आपके पापा की सेहत को भुगतना पड़ता है। तभी तो आए दिन वह सिर दर्द या मानसिक तनाव से जूझते हैं। तो क्यों न फादर्स डे के बहाने आप उनकी फिटनेस की थोड़ी सी फिक्र कर लें।
योग सेशन:-
अपने पापा को योग की क्लास में ले जाएं। वहां योगा व मेडिटेशन करवाएं। आप ऐसे सेशन में पापा को ले जा सकते हैं, जिससे वह काफी रिलैक्स महसूस करेंगे।
डेट विद डायटीशियन:-
उम्र के हर पड़ाव पर शरीर की अलग-अलग जरूरतें होती हैं और उन्हीं के अनुसार खान-पान भी बदलना होता है। पापा अपना ध्यान नहीं रखते, पर आप उन्हें डायटीशियन से मिलवा सकते हैं।
ट्रेड मिल या साइकिल:
आपके पापा को जिम जाना पसंद नहीं होगा, यह तो तय है। लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं कि वह एक्सरसाइज न करें। इसलिए आप उन्हें ट्रेडमिल या साइकिल गिफ्ट कर सकते हैं ताकि वह घर पर ही जरूरत के हिसाब एक्सरसाइज करें और खुद को फिट रखें।
उनके शौक पूरे कीजिए:-
आपके पापा के भी कई शौक होंगे, जो शायद अब उन्हें याद भी न हों। हो सकता है कॉलेज के दिनों में वह बहुत अच्छी शायरी करते हों या उन्हें पेंटिंग बनाने का शौक हो। तो क्यों न इस फादर्स-डे के बहाने आप उनके इस शौक को वापस जिंदा कर दें।
लॉन:-
हो सकता है कि उन्हें बागबानी बहुत पसंद हो। लेकिन आपके घर में जगह की कमी के कारण उनके इस शौक को हवा न मिली हो। ऐसे में आप उन्हें एक छोटा-सा पौधा या बोनसाई गिफ्ट कर दें। इससे एक बार फिर उनमें हरियाली का शौक पनपेगा।
वर्कशॉप:-
अगर आपके पापा में क्रिएटिव राइटिंग, पेंटिंग या म्यूजिक जैसा कोई टैलेंट है तो बड़े शहरों, महानगरों में हर रोज ऐसी कई वर्कशॉप होती हैं जहां इन टैलेंट को बढ़ावा दिया जाता है। एक दिन के लिए ही सही आप अपने पापा को वहां ले जा सकते हैं।
चलो पार्टी मनाएं:-
अगर आपका मन इस फादर्स-डे पर सिर्फ और सिर्फ पार्टी मनाकर पापा को खुश करने का है, तो भी कई आइडिया हैं, जिनसे आप उन्हें स्पेशल फील करा सकते हैं।
डिनर बनाइए:-
आप अपने हाथों से अपने पापा की पसंद की डिश बनाइए और फिर उसे अच्छे से टेबल पर सजाइए तथा साथ में हल्के म्यूजिक का इंतजाम भी कीजिए। आपके पापा काफी स्पेशल फील करेंगे।
पुराने दोस्तों के साथ पार्टी:-
आपके पापा के कई सारे पुराने दोस्त होंगे, जिनके साथ वक्त गुजारने का मौका उन्हें कम मिलता होगा। ऐसे दोस्तों को इंवाइट करके एक पार्टी थ्रो कीजिए और अपने पापा को अपने पुराने हमजोलियों से टहकते देखिए। आप भी बहुत खुशी महसूस करेंगे।
-साभार