Important tips to build a dream home -sachi shiksha hindi

ड्रीम होम बनाने के जरूरी टिप्स

आजकल बड़े शहरों में महिलाएं अधिकतर कमाने के लिए बाहर काम पर जाती हैं। जो कामकाजी महिलाएं हैं, वे दोहरा जीवन जीती हैं। महिला होने के नाते घर परिवार की जिम्मेदारी को निभाना और कामकाजी होने के नाते दफ्तर की जिम्मेदारी संभालना, ऐसे में वर्किंग लेडीज के पास घर की साफ सफाई और घर को व्यवस्थित रखने के लिए समय कम होता है।

जो महिलाएं गृहिणी के रूप में घर की जिम्मेदारी निभाती हैं वे घर को ज्यादा व्यवस्थित और अनुशासित रख सकती हैं। वे घर के सभी डिपार्टमेंट सही तरीके से चला सकती हैं क्योंकि उनके पास समय कुछ अधिक होता है। वैसे तो अच्छी सोच समझ और पूर्ण सजगता के साथ कोई भी गृहिणी अच्छी होममेकर बन अपने घर को ड्रीम होम बना सकती हैं। बस जरूरत है सही प्लानिंग की।

घर के सभी सदस्यों में ठीक समय पर सोने और उठने की आदत डालें। घर के सभी सदस्यों को समय का महत्त्व समझाएं और बताएं कि अगर लेट उठते हैं तो प्रात: से ही दिनचर्या देर से शुरू होगी और दिन भर का प्रोग्राम बिगड़ने की संभावना रहेगी।

अगले दिन की तैयारी एक रात पहले से ही प्लान कर लें कि प्रात: क्या बनना है, बच्चे स्कूल जाने वाले हैं तो उनके टिफिन में क्या डालना है बच्चों की यूनिफार्म, पतिदेव के कपड़े अगर आप कामकाजी महिला हैं तो अपने कपड़े, रूमाल, जुराबें सभी रात्रि में ही निकाल कर रख दें।

बच्चे 6 वर्ष से ऊपर के हैं तो उनसे थोड़ी मदद ले सकते हैं जैसे बच्चे अपनी यूनिफार्म, रूमाल, जुराबे, जूते निकालकर रख सकते हैं और अपना बैग रात्रि में संभाल सकते हैं। बच्चों को प्रारंभ से आदत डालें कि वो अपना पढ़ाई का सारा सामान स्वयं स्टडी डेस्क में संभालें और खेलने के खिलौने, गेम्स सभी रात्रि में संभाल कर सोयें। बच्चों को जिम्मेदारी समझाने में धैर्य और प्रशंसा दोनों का प्रयोग करें। बच्चों के खेलने, पढ़ने और टीवी देखने का समय तय करें और उसे सख्ती से अमल करें।

बच्चों के साथ-साथ पति में भी अपने छोटे-छोटे काम निपटाने की आदत डालें। इससे बच्चों में प्रेरणा बनी रहेगी। स्वयं टीवी देखते समय अगले समय जो सब्जी बननी हो, काट कर तैयार रखें। बच्चों को पढ़ाते समय कपड़े लपेटना आदि का काम भी कर सकती हैं। इन सब छोटे कामों से प्रात: की हड़बड़ाहट से छुटकारा मिल सकेगा।

किचन में प्रात: चाय बनाते समय, दूध उबाल सकती हैं, एक्वागार्ड से पानी भर सकती हैं, सब्जी बना सकती हैं, आटा गूंथ सकती हैं। ऐसे में आपका काम जल्दी निपट जाएगा। चाय से निपट कर साथ ले जाने के लिए चपातियां बना कर रख सकती हैं ताकि पति महोदय आपके साथ टिफिन पैक करने में मदद कर सकें।

अब बारी आती है घर में फैले कपड़ों व बिस्तर को संभालने की। प्रारंभ से ही पति देव को समझाएं कि वे जब उठें, अपना बिस्तर ठीक कर दें। नहाने के बाद धोने वाले कपड़े एक वाशिंग बैग या वाशिंग बिन में डाल दें। इसी प्रकार जब बच्चों में समझ आने लगे तो उन्हें भी यह आदत प्रारंभ से सिखायें। स्वयं सोफा कवर, डाइनिंग टेबल, सेंट्रल टेबल साफ कर लें। अगर आप कामकाजी महिला हैं तो जब आप घर पर आएंगी तो घर सिमटा हुआ लगेगा। अगर होम मेकर हैं तो डस्टिंग करने में आसानी रहेगी।

सप्ताह में एक बार कमरों की दीवारों, छतों से जाले साफ कर लें। महीने में एक बार खिड़कियों दरवाजों के शीशे, सोफे हटाकर उनके पीछे की सफाई कर लें। शो पीस वगैरह भी साथ-साथ साफ करते रहें ताकि उनकी लाइफ बनी रह सके।
जैसे आॅफिस में नियमित काम चलता रहे तो तनाव की स्थिति नहीं बनती, इसी प्रकार घर के कार्य भी नियमित चलते रहें तो घर हमेशा साफ रहेगा और किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अगर घर में नौकर हैं तो नौकर से कुशलतापूर्वक काम लेना भी एक कला है। नौकर की कुशलता, आराम, छुट्टी का ध्यान भी रखें ताकि वो काम ठीक प्रकार से कर सके और आप भी बौखलाहट और तनाव से बच सकें। इन सब बातों के साथ अपनी सेहत का भी पूरा ध्यान रखें, तभी घर की गाड़ी सुचारू रूप से चल सकती है। आप सुंदर, व्यवस्थित घर की मल्लिका बन सकती हैं और आपका घर ड्रीम होम बन सकता है।
नीतू गुप्ता

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