Impressed after listening to respected Guruji's online satsang. Depth Campaign

पूज्य गुरु जी का ऑनलाइन सत्संग सुनकर हुआ प्रभावित

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचनों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में युवा नशे छोड़ रहे हैं। इन्हीं में से एक है जिला भटिंडा के गांव गोबिंदपुरा निवासी युवा अंग्रेज सिंह, जिनका जीवन भी नशों से बर्बाद हो गया था, लेकिन पूज्य गुरु जी की प्रेरणा से अब उसके जीवन में नई सवेर उदय हुई है।

अंग्रेज सिंह ने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि मैं पिछले सात-आठ वर्ष से लगातार चिट्टे का नशा कर रहा था। मुझे हर वक्त चिट्टे की तलब लगी रहती थी। नशा लेने के लिए जैसे ठीक लगता था कभी किसी से पैसे पकड़ लिए व कभी चोरी कर लिए। एक दिन मैं गाँव के ही डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु गुरप्रीत सिंह के साथ गाड़ी में जा रहा था। तब गाड़ी में ही उन्होंने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का लाइव सत्संग अपने फोन पर सुनाया, जो मुझे बड़ा अच्छा लगा।

चिट्ठे की आदत ने चोरी करना तक सिखाया,
अब नशा छोड़ा तो अर्से बाद परिवार में लौट आई खुशियां

उसके बाद गुरप्रीत ने भी मुझे समझाया। तब मैंने नशे की इस बुरी लत को छोड़ने की इच्छा जताई। पूज्य गुरु जी की कृपा हुई और मैंने भटिंडा में आॅनलाइन सत्संग सुना, जिसके बाद मैंने नशा छोड़ दिया।

मुझे शुरूआती एक हफ्ते में थोड़ी परेशानी जरूर हुई, लेकिन वह भी केवल सोचने के साथ ही आती है, यदि हम किसी गलत व्यक्ति के साथ जाएंगे तो सोच भी वैसी ही बन जाती है। आम लोगों में यह धारणा होती है कि यदि अब नशा छोड़ा तो अधरंग हो जाएगा या कोई और बीमारी लग जाएगी, ऐसा कुछ भी नहीं होता, यह केवल कहने की बातें हैं।

जब मेरे खिलाफ केस दर्ज होता था, पुलिस उठाकर ले जाती थी तो वहां कौन सा नशा मिलता था या जेल में कौन नशा देते हैं, वहां तो अधरंग हुआ नहीं। कईयों को यह केवल डर होता है, लेकिन अब कुछ नहीं, बस दो-तीन दिन ही शरीर को तकलीफ हुई। रूंधे गले के बीच अंग्रेज सिंह ने बताया कि नशे के चलते परिवार की जिंदगी नरक के समान हो गई थी, पहले कभी अपनी माँ को खुश नहीं देखा था, वो हमेशा मेरे नशा करने से डरी, सहमी सी रहती थी। लेकिन जब से मैंने नशा छोड़ा है, मेरी माँ के चेहरे की खुशी मुझे भी बहुत सुकून देती है।

अंग्रेज सिंह के अनुसार, नशा छोड़ना कोई बड़ी बात नहीं, अच्छा रंग-संग मिलना चाहिए, जिस तरह मुझे सत्संगी गुरप्रीत सिंह का साथ मिला और रंग परमात्मा का नसीब हुआ। मेरे साथ 3-4 और भी लड़कों ने नशा छोड़ा है, उन्हें भी कोई दिक्कत नहीं हुई।

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