भारतीय मानक ब्यूरो भारतीय मानक ब्यूरो Indian Standards Bureau (बीआईएस) उपभोक्ता मामलों के विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजानिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत भारत का वैधानिक राष्ट्रीय मानक निकाय है। 22 मार्च 2016 को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम को अधिसूचित किया गया था, जो 12 अक्टूबर 2017 को प्रभाव में आया।
यह सामानों के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों के लिए उत्तरदायी है। हम जानते हैं कि किसी भी राष्ट्र की मजबूती और गतिशीलता में युवा वर्ग की अहम भूमिका होती है। बच्चों को शुरूआती वर्षों में जिन मूल्यों से परिचित करवाया जाता है, वे उनके युवा दिमाग में विकसित हो जाते हैं और एक बल गुणक के रूप में कार्य करते हुए राष्ट्र के भविष्य को बदलने की काबलियत रखते हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल स्तर पर भारतीय मानक ब्यूरो का उद्देश्य छात्र केन्द्रित गतिविधियों की मदद से कक्षा 9वीं और उससे उपर की कक्षाओं के विज्ञान के विद्यार्थियों को भारतीय मानकों के निर्माण, अनुरूपता मूल्यांकन, प्रयोगशाला परीक्षण, हॉलमार्किंग योजना, उपभोक्ता मामलों की गतिविधियों और प्रशिक्षण सेवाओं व गुणवता और मानकीकरण की अवधारणा से अवगत करवाना है। भारतीय मानक ब्यूरो भविष्य की पीढ़ियों के बीच गुणवत्ता संस्कृति को विकसित करना चाहता है।
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Indian Standards Bureau मानक क्लबों का निर्माण
भारतीय मानक ब्यूरो ने शैक्षिक संस्थानों में मानक क्लब बनाने की शुरूआत कर दी है। इन क्लबों में विद्यार्थियों को गुणवत्ता और मानकीकरण के क्षेत्र में सीखने के अवसर मिलेंगे। यहाँ पर शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शक के रूप में महत्वपूर्ण रहेगी। स्कूलों में स्कूल मुखिया द्वारा दो वर्षों के लिए नामित विज्ञान अध्यापक या प्राध्यापक के नेतृतव में मानक क्लब का गठन किया जा सकता है।
इसमें सदस्य के रूप में विद्यार्थियों को योग्यता और इच्छा के आधार पर चुना जा सकता है और स्कूल में सम्बन्धित विद्यार्थियों के नामांकन जारी रहने तक उन्हें इस क्लब का सदस्य बनाए रखा जा सकता है। मानक क्लब के तहत गतिविधियों को एक कोर ग्रुप जिसमें मार्गदर्शक विज्ञान अध्यापक, एक छात्र नेता और तीन छात्र सदस्य द्वारा समन्वित किया जा सकता है। कोर ग्रुप के लिए छात्र नेता और तीन छात्र सदस्यों को विज्ञान अध्यापक द्वारा नामित किया जा सकता है। मानक क्लब में अगर कुल 50 से अधिक छात्र शामिल हो चुके हैं तो कोर ग्रुप में छात्र सदस्यों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
Indian Standards Bureau मानक क्लब के तहत गतिविधियां
विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिताओं जैसे प्रश्नोतरी प्रतियोगिता या निबन्ध लेखन प्रतियोगिता, मानक और गुणवत्ता पर बहस या वाद-विवाद जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाकर स्कूली विद्यार्थियों को भारतीय मानक ब्यूरो के कार्यों व उद्देश्यों से अवगत करवाया जा सकता है। मार्गदर्शक शिक्षक द्वारा समय-समय पर मानक क्लब के तहत बैठकें/सेमिनार/कार्यशालाएं आयोजित करवाकर विद्यार्थियों को मानकीकरण, गुणवत्ता, संरचना और मानकों की सामग्री के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
Indian Standards Bureau गतिविधियों की रिपोर्टिंग और समीक्षा
स्कूल स्तर पर मार्गदर्शक शिक्षक को सत्र के अंत में एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी चाहिए। रिपोर्ट में करवाई गई गतिविधियों के प्रकार, दिनांक, समय और स्थान, प्रतिभागियों की संख्या, कवर किये गये विषय, प्रस्तुत सामग्री का सारांश, गतिविधियों की फोटोग्राफ और प्रतिभागियों से लिए गये फीडबैक भी शामिल होने चाहिएं। मानक क्लब के सलाहकारों और छात्र सदस्यों जो कम से कम एक शैक्षणिक वर्ष के लिए क्लब का हिस्सा रहे हों, को प्रमाण पत्र भी दिया जा सकता है।
एक फाइनेंसियल समाचार पत्र के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो अगले साल मार्च तक भारत में स्कूलों और कॉलेजों में 10,000 समर्पित क्लब बनाने की योजना बना रहा है। बीआईएस का दावा है कि उसने पिछले वित्त वर्ष में पहले ही 1037 क्लब स्थापित कर लिए हैं। इस कदम के साथ, सरकारी संस्था का लक्ष्य विद्यार्थियों के लिए कम उम्र में मानकीकरण और गुणवत्ता की अवधारणा को पेश करना है। एक राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में भारतीय मानक ब्यूरो को भारत की केंद्र सरकार द्वारा मानकीकरण और प्रमाणन की अपनी मुख्य गतिविधियों के माध्यम से देश में एक मजबूत गुणवत्ता पारिस्थितिकी तन्त्र बनाने का काम सौंपा गया है।