kitchen gardening tips in hindi - Sachi Shiksha

वैसे तो मानसून में पौधों को पानी खूब मिल ही जाता है पर अति हर चीज की खराब होती है। कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें सीमित पानी चाहिए, कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें अधिक और कुछ को कम पानी की आवश्यकता होती है। आइये जाने कुछ रोचक Kitchen Gardening Tips in Hindi.

किचन गार्डन में कभी भी आवश्यकता से अधिक पौधे न लगाएं क्योंकि अक्सर घरों के आंगन में इतना स्थान नहीं होता कि बहुत भीड़ अच्छी लगे। वर्षा में तो वैसे ही पौधे जल्दी बढ़ते हैं। वर्षा से पहले ही सोच लें कि कौन सा नया पौधा लगाना है। उसे वर्षा प्रारम्भ होने से पहले लगवा लें ताकि वह अच्छी तरह से जड़ पकड़ सके।

अपने किचन गार्डन को हरा-भरा रखने के लिए सीजन के अनुसार पौधे लगाएं और कुछ पुराने पौधों को छोड़ दें। पुराने पौधों की साथ-साथ कांट-छांट करते रहें। कुछ प्लांटस ऐसे होते हैं जो हर सीजन में हरे रहते हैं। उन्हें अपने किचन गार्डन में जरूर स्थान दें जैसे एलोवेरा, मनीप्लांट, गुलदाऊदी आदि।

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सीजन के अनुसार कुछ गमलों में या आंगन में कच्ची जमीन पर सब्जियां भी लगाएं, जो हरियाली के साथ रंग बिरंगे फल भी देंगी। वर्षा ऋतु से पहले ही जो सब्जियों के पौधे लगाने हों, लगा लें ताकि वर्षा तक उनमें फूल पड़ने शुरू हो जाएं। टमाटर, भिंडी, बैंगन, तोरी, पुदीना आदि लगाएं। नया पौधा लगाते समय जब भी नर्सरी से या माली से पौधा लें, पौधे की जड़ें मिट्टी से अच्छी तरह ढकी होनी चाहिए, नहीं तो हवा लगने से पौधा नये गमले में जड़ पकड़ नहीं सकता।

मानसून में पौधे खरीदने और लगाने से पूर्व ध्यान दें कि पौधे पर कीड़ा न लगा हो। कीड़ा और पौधों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में मिट्टी में खाद मिलाते समय थोड़ा-सा कीटनाशक भी छिड़क दें। इन सबसे पौधों का विकास ठीक होगा और पौधे स्वस्थ भी रहेंगे।

अक्सर लोग सोचते हैं कि मानसून में पौधे यों ही बढ़ जाते हैं, पर ऐसा नहीं है। पौधों को वर्षा में यूं न छोड़िए। अधिक पानी से पौधे सड़ भी सकते हैं और कुछ पूरी तरह से जड़ नहीं पकड़ पाते तो टूट कर गिर जाते हैं। पौधों को आवश्यकता से अधिक पानी न मिले। उन पर मलमल का कपड़ा बांध दें ताकि उन्हें तेज बारिश और धूप से बचाया जा सके।

इनके अतिरिक्त भी ध्यान दें कुछ और बातों पर

  • पौधों को आसानी से पानी दिया जा सके, इसके लिए इस प्रकार के कंटेनर का प्रयोग करें जिससे थोड़ा पानी निकले। पानी हमेशा पौधों को न देकर जड़ों को दें पर सतर्कता बरतते हुए ताकि जड़ों की मिट्टी न निकलने पाए।
  • पौधे को सही गमले या जमीन की क्यारी में लगायें। घर के बचे हुए डिब्बों, शीशियों में न लगाएं। इनसे उनका उचित विकास नहीं हो पाएगा।
  • खुदाई करने से पहले मिट्टी को थोड़ा नम कर लें ताकि खुदाई आसानी से हो सके।
  • सुबह के समय पानी कम मात्रा में दें।
  • धूप और रोशनी का भी पूरा ध्यान रखें। अधिक धूप पड़ने वाले स्थान पर गमलों को न रखें या फिर उन्हें बीच-बीच में छाया वाले स्थान पर रखते रहें या गमलों के ऊपर कुछ शेड डलवा लें ताकि सीधी धूप न पड़े क्योंकि अधिक तेज धूप से पौधा जल भी सकता है।
  • किचन गार्डन अक्सर घर के आंगन में होता है और बारिशों में कीड़े-मकोड़े भी अधिक होते हैं। बारिशों में कीटनाशक दवा का छिड़काव करते रहें।
  • बारिशों में पौधे जल्दी बढ़ते हैं। इन्हें समय-समय पर काटते-छांटते रहें।
  • जिन दिनों रात्रि में अधिक ठंड हो, उन दिनों गमलों को बरामदे में छत के नीचे रखें ताकि अधिक ठंड से पौधे खराब न हो जाएं।
  • जहां पर गमले हों या क्यारी, उस स्थान पर पानी का निकास ठीक हो नहीं तो अधिक नमी भी पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • पत्तों की सफाई के लिए छोटी स्प्रे बोतल लें और धीरे-धीरे पत्तों पर स्प्रे करें और मुलायम कपड़े से पोंछ लें।
    इस प्रकार आपकी बगिया मॉनसून के दिनों में हरी भरी बन जाएगी।
    -नीतू गुप्ता

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