drizzle Sawan - sachi shiksha hindi

खुशियों से जीवन करे लबालब सावन की रिमझिम

‘बरसात’ शब्द सुनते ही तन-मन में एक मीठी सी तरंग दौड़ जाती है। दिल अठखेलियां करने लगता है। गांव की गलियों में घुटनों तक आता पानी बरबस ही बचपन के दिनों को ताजा कर जाता है। बाल मनुहार के लिए यह बरसात किसी उत्सव से कम नहीं है। बरसात का यह मौसम प्रकृति की आबोहवा को मदमस्त बना देता है। यही कारण है कि हर कोई इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करता है।

देश में पूरे वर्ष होने वाली 80 फीसदी बरसात सावन-मानसून ही करता है और जब यह कम होती है, तो सूखे के हालात पैदा हो जाते हैं। क्योंकि देश की खेती 50% मानसून पर निर्भर है, जोकि देश की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा है। देश के सकल घरेलू उत्पाद दर में मानसून का 20% योगदान है। देश में हरियाली को लाने वाला है मानसून। जन-जन की खुशहाली का प्रतीक है यह। उमड़ते-घुमड़ते बादलों के समूह अति प्रिय लगते हैं। फिजा में छाई काली घटाएं मयूर मन को नाचने पर मजबूर कर देती हैं।

बच्चे, बूढ़े, नौजवान सब कूल-कूल बौछारों-फुहारों में भीग-भीग कर मस्ती मनाते है। वर्षा ऋ तु यानी बरसात। यह ऋतु बहुत ही मनभावन होती है। आकाश में जब घुमड़ घुमड़ कर घनघोर घटायें छा जाती हैं तो उस समय वातावरण कितना मोहक व सुहाना हो जाता है। बरसात का मौसम हर वर्ग को सुकून देने वाला होता है। मनुष्य, पशु-पक्षी, खेत-खलिहान, बाग-बगीचे यानि धरती पर बरसात की बूंदें जब गिरती हैं, तो हर तरफ खुशनुमा माहौल बन जाता है। ऐसे मौसम में खुशहाली के साथ-साथ बहुत सी जगहों पर बरसात का पानी परेशानी भी बन जाता है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बन जाता है। इसलिए इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक है।

Also Read :-

तो आइये जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए-

बारिश के मौसम में पाचन की अग्नि कमजोर होती है। पूरी गर्मियों में वात दोष शरीर में इकट्ठा होता जाता है और अग्नि को बिगाड़ता है जिससे पाचन की शक्ति पर भी असर पड़ता है। जब दोष असंतुलित हो जाते हैं तो यह कई तरह की पेट से जुड़ी समस्याएँ पैदा करते हैं जैसे दस्त और पेचिश। बारिश के मौसम में वातावरण में आए बदलाव के बुरे असर से बचने के लिए आयुर्वेद वर्षा ऋतुचर्या अपनाने की सलाह देता है-

  • दिन में ना सोएं, चूंकि इससे पाचन धीमा होता है और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जोकि इस मौसम में बिगड़े हुए वात की वजह से पहले से ही कमजोर रहता है।
  • गीली सतह पर ना चलें और अपने पैरों को सूखा रखें।
  • घर में एक मुट्ठी नीम की सूखी पत्तियों को जलाकर उसका धुआं करें। इससे आपके घर में छिपे हानिकारक कीड़े-मकोड़ों से आपको छुटकारा मिलेगा।
  • गर्म पानी पिएं, खासकर उबलते हुए पानी में एक चुटकी अदरक पाउडर को मिलाकर।
  • अगर भीग गए हों तो एक कप अदरक-पुदीना या तुलसी-अदरक की चाय पिएं। इससे आपको गर्मी मिलेगी और अस्थमा, खांसी और सर्दी से बचे रहेंगे।
  • इस मौसम में सलाद, कच्ची, बिना पकी हुई पत्तेदार सब्जियों से बचें।
  • खाना खाने से पहले अदरक का एक छोटा टुकड़ा सेंधा नमक के साथ खाएं।
  • पानी को उबालकर फिर उसे ठंडा करके पिएं।
  • देर से पचने वाले आहार से बचें।

मानसून में बच्चों की मस्ती:

बारिश हम सभी को बहुत अच्छी लगती है, लेकिन यह एक ऐसा मौसम है, जिसमें तुम्हें अपना सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। चाहे स्कूल हो या घर, बरसात के मौसम में जितनी ज्यादा सफाई और खाने का ख्याल रखोगे, उतनी ज्यादा मस्ती कर पाओगे।

तो आइए जानें कुछ टिप्स, जिससे मानसून की मस्ती को कम किए बिना तुम किस तरह अपना ध्यान रख सकते हो:-

भरे हुए पानी से बचो:

बारिश में हर जगह पानी भर जाता है। घरों के बाहर, सड़क के गड्ढों में हर जगह छोटी सी झील बन जाती है और तुम्हें उस भरे हुए पानी में नाव चलाना या पानी में छपछप करने में बड़ा मजा आता है। लेकिन ध्यान रहे कि ये भरा हुआ पानी बेहद खतरनाक होता है। बारिश के इसी पानी में मच्छर पनपते है और जिनके काटने से मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां हो जाती हैं। इससे भी डरावनी बात कि यह पानी बेहद गंदा होता है। सड़क की सारी गंदगी और यहां तक कि गटर का पानी भी कभी-कभी इसमें मिल जाता है, इससे भी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

घर का खाना है सबसे अच्छा:

बाहर का चटपटा खाना तुम सबको अच्छा लगता होगा, लेकिन बारिश के मौसम में घर में मम्मी के हाथ का बना खाना ही खाएं। बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा लोग बाहर का खाना खाने से ही बीमार पड़ते हैं। तुम जो भी खाना खाना चाहो उसे अपनी मम्मी से घर पर ही बनवाओ, क्योंकि बाहर खाने का मतलब है टाइफाइड जैसी बीमारियों को अपने पास बुलाना।

दूध बिना नो मस्ती:

बारिश के बाद तुम सबको ठंड तो जरूर लगती होगी और इस ठंडी से छुटकारा पाने के लिए एक गिलास गर्म दूध रोज सुबह और रात में पीना सबसे अच्छा तरीका है। अगर दिन में कभी भी तुम बारिश में भीगते हो तो घर आकर सबसे पहले कपड़े बदलो और फिर एक गिलास गर्म दूध थोड़ी-सी हल्दी मिला कर पीयो, ये तुम्हें सर्दी और खांसी से बचाकर रखेगा।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!