make the house a home with the fragrance of love -sachi shiksha hindi

मकान को घर बनाएं, प्यार की खुशबू से
अपना स्वयं का मकान बनाने का स्वप्न तो सभी देखते हैं और उसे पूरा करने का भी भरसक प्रयास करते हैं पर मकान को मकान न बनाकर घर बनाना अति आवश्यक होता हैर्। ईंट, पत्थर, सीमेंट में चारदीवारी तो बन जाती है, परंतु मकान को घर बनाने के लिए आवश्यकता होती है रिश्तों में प्यार की, आपसी विश्वास और मुहब्बत की।

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  • आप भी अपने घरौंदे के स्वप्न को साकार बनाना चाहती हैं जो अपने घर में प्यार की खुशबू के चिराग जलाएं और उस प्यार रूपी बगिया को महकाएं अपने संस्कारों और समझदारी से।
  • घर में प्यार और शांति बनाए रखने के लिए परिवार के सभी सदस्यों में उचित तालमेल होना अति आवश्यक है।
  • छोटी बातों या झगड़ों को तूल न देकर उन मतभेदों को भुलाने का प्रयास करें।
  • घर में छोटे-बड़ों को समुचित आदर और प्यार दें। कोई भी सदस्य स्वयं को उपेक्षित महसूस न करे।
  • घर परिवार की महिलाएं घर के सदस्यों को प्यार की मजबूत डोर से बांधे रख सकती हैं, इसलिए घर की महिलाओं को शांति और स्रेह बनाए रखना चाहिए।
  • हर तीज त्यौहार को परिवार के साथ मिल कर मनाना चाहिए। हर खुशी को मिलकर बांटने से परिवार में परस्पर प्यार बढ़ता है।
  • परिवार के हर सदस्य को एक दूसरे की तकलीफ, आवश्यकताओं और भावनाआें का ख्याल रखना चाहिए। इससे घर की नींव और पक्की होती है।
  • घर में महिलाआें को समान दर्जा देना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी का वास रहता है और बेवजह अंकुश लगाने से गृहक्लेश को बढ़ावा मिलता है।
  • परिवार में परस्पर त्याग, प्रेम की भावना बनाए रखने से घर स्वर्ग बनता है।
  • घर में पुरुषों को भी गृहकार्यों में मदद करनी चाहिए। यदि महिलाएं घर के प्रति समर्पित हैं तो पुरुषों को भी कंधे से कंधा मिलाकर काम करने में शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए।
  • घर आए अतिथि को पूरा सत्कार देना चाहिए। अतिथि देवता तुल्य होते हैं। उन्हें देखकर नाक भौं नहीं सिकोड़नी चाहिए।
  • बच्चों को बुजुर्गों के प्रति सम्मान पूर्वक बात करनी चाहिए। ऐसे संस्कार स्वयं उदाहरण बनकर सिखाएं। स्वयं इज्जत से बात करेंगे तो बच्चे भी समझ जायेंगे कि गलत शब्दों का या अपमान भरे शब्दों का हमारे घर में कोई स्थान नहीं है।
  • परिवार के किसी सदस्य की कमियों को उजागर न करके उनकी अच्छाइयों की तरफ ध्यान देना चाहिए। कोई न कोई कमी तो हर इन्सान में होती है।
  • बुजुर्गों को भी कड़ा अनुशासन और अधिक अंकुश परिवार पर नहीं रखना चाहिए। कुछ सीमित स्वतंत्रता घर के सदस्यों को अवश्य देनी चाहिए।
  • स्वार्थ एक बहुत बड़ा घुन है जो परिवार के प्यार को समाप्त कर देता है। घर में स्वार्थ को स्थान नहीं देना चाहिए।
  • घर में असंतोष न पनपे, इसके लिए घर के सभी सदस्यों को अपनी जिम्मेदारियां समझनी चाहिएं।
    -नीतू गुप्ता

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