पावन एमएसजी भण्डारा शाह सतनाम जी रूहानी धाम, राजगढ़-सलाबतपुरा, पंजाब डैप्थ मुहिम: नशेयां दे हड़ नूं पाई ठल्ल

  • नशे के खिलाफ लाखों ने भरी हुंकार, पंचायतों ने लिया नशा मुक्तगांव बनाने का प्रण
  • पूज्य गुरु जी ने पावन मुखारबिंद से गाया भजन ‘नी मैं मोर वांग नच्चदी फिरां’
  • उमड़ा जनसैलाब: 100 एकड़ में बनाए 6 पंडाल पड़े छोटे, 8 ट्रैफिक ग्राउंडों में भी नहीं समा पाए वाहन

‘पंज दरियावां दी धरती’ के नाम से मशहूर पंजाब में एक बार फिर से रूहानियत का दरिया कलकल करता हुआ बहा। श्रद्धा के समुंद्र में हिलौरे लेता शाह सतनाम जी रूहानी धाम राजगढ़-सलाबतपुरा इसका गवाह बना। अवसर था पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार दिवस की खुशी में आयोजित पावन एमएसजी भंडारे का। 30 जनवरी को रूहानी संगम के इस अनूठे कार्यक्रम में मानो संगत का हड़ ही बह उठा हो। 100 एकड़ में बने पंडाल भी संगत के आगे बौने साबित हो गए, दरबार के चारों और जहां तलक नजर दौड़ रही थी बस संगत ही संगत दिखलाई पड़ रही थी। सड़कों पर भी 15-15 किलोमीटर दूर तक जाम लग गए।

जाम के बावजूद संगत का जज्बा बेमिसाल था, 5 किलोमीटर तक पैदल चलकर सत्संगी पंडालों तक पहुंच पाए और अपने पीरो-मुर्शिद के दीदार पाकर खुशियों से चहक उठे। खास बात यह भी थी कि इस पावन अवसर पर पंजाब को घुन की मानिंद खा रहे नशे के खिलाफ पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ऐसी आवाज बुलंद की, जिसकी गूंज पूरे पंजाब में सुनाई दी। भंडारे पर बड़ी संख्या में पहुंचे पंचायत सदस्यों ने अपने गांवों को नशा मुक्त बनाने का प्रण लिया और लाखों युवाओं ने उसी क्षण नशे व अन्य बुराईयों से तौबा की। इस दरमियान नशे से पीड़ित एक लड़की ने पूज्य गुरु जी से अपनी दुखभरी दास्तां सुनाई तो सुनने वालों के पैरों तले से जमीन खिसकती नजर आई।

पूज्य गुरु जी ने भंडारे के दौरान बरनावा आश्रम से लाइव होते हुए संगत को खुशियों से लबरेज किया। आपजी ने पंजाब में नशा के फैलाव पर चिंता जताते हुए फरमाया कि आजकल छोटे-छोटे बच्चे, नौजवान नशे में डूबे पड़े हैं, उधर किसी का ध्यान नहीं है। काश! अगर सभी मिलकर उस तरफ ध्यान दें तो अकेला पंजाब ही नहीं, पूरा देश नशे से मुक्त हो सकता है। क्या ये जरूरी नहीं है कि जो इतने नशे, जिसमें पंजाब पहले नंबर पर आया हुआ है, सभी लोग कहते हैं कि इतना ज्यादा नशों का दरिया बह रहा है, छठा दरिया नशे का बह रहा है।

जो भी मिलता है, वो यही कहता है कि पंजाब में नशा भयानक रूप से फैल गया है। पूरे देश में ही नशा है, पूरे विश्व में ही नशा है, लेकिन अपना काम पहले अपने देश को ठीक करना है। इसलिए आप सभी मिलकर बाकी बातों को छोड़कर रब्ब, वाहेगुरु, अल्लाह, गॉड, खुदा, जो भी नाम आप लेते हैं, जिसको भी आप जपा सकते हो, जपाओ। ताकि बच्चे नशे से दूर हो जाएं और हमारा समाज तंदुरुस्त हो जाए, ये बहुत जरूरी है। हाथ जोड़कर सभी धर्म प्रचारकों और नुमाइंदों से विनती करते हैं कि हम सभी लोग मिलकर सबसे पहले जो अति जरूरी है वो पंजाब से आप नशा छुड़वाओ और बाकी जो साध-संगत जहां-जहां हमारा समाज है मिलकर नशा छुड़ाओ। आप सभी के सहयोग से ही ये संभव हो सकता है। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी ने जन्म दिन साईं यार दा, नी मैं मोर वांग, हाय मोर वांग, नी मैं मोर वांग नचदी फिरां…भजन भी सुनाया।

पारंपरिक लोक गीतों से महका वातावरण: अलगोजे व बुगचू की धुनों ने किया मंत्रमुग्ध

पावन अवतार माह की खुशी में सलाबतपुरा में मनाए पावन एमएसजी भंडारे के दौरान कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पंजाबी कल्चर से गायब रही पारम्परिक रस्म-रिवाजों को फिर से जीवित कर दिखाया। डेरा श्रद्धालुओं ने पंजाब के लोकनृत्य गिद्दा-भंगड़ा डालकर तथा जागो निकालकर खुशी मनाई। भंगड़ा व बोलियां डालने वाले श्रद्धालुओं ने पारंपरिक साजों से धुनें बजाई। इन साजों में ढोल, चिमटा, गिड़दा, काटो, अलगोजे, बुगचू शामिल थे। भंगड़े वाले युवा कुर्ते-चादरें, तुरले वाली पगड़ियों व गलों में कैंठा डालकर पारंपरिक पहनावे में बहुत सुंदर दृश्य पेश कर रहे थे।

पूज्य गुरु जी हमेशा यही फरमाते हैं कि अपनी संस्कृति से कभी भी दूर न हों, बल्कि बच्चों को भी ऐसी पावन संस्कृति से अवगत करवाना चाहिए। महिलाओं ने भी बोलियों के साथ-साथ दोहे गाए, जिसकी पूज्य गुरु जी ने खूब प्रशंसा करते हुए फरमाया कि सभी ने बहुत ही सुंदर बोलियां सुनाईं। ऐसी विरासत जवानोंं के चेहरों पर, ऐसी पगड़ियां, लाली सतगुरु के प्यार से ही आती है, बहुत अच्छा सुनाया। जागो का जिक्र करते पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि बहनों ने सिर पर जागो उठाई हुई है, पारंपरिक पहनावा पहना हुआ है, जो बहुत ही अच्छा है।

संगत को प्रसाद में मिला पंजीरी का लड्डू

पावन एमएसजी भंडारे के दौरान सलाबतपुरा में भी सरसा दरबार की तरह गफ्फेभर प्रसाद की सौगात नसीब हुई। प्रसाद में देशी घी से तैयार 400 ग्राम वजनी पिन्ने को खाकर हर कोई निहाल सा हो गया। वहीं दाले में मलाई पनीर कोफ्ता ने तो स्वाद का जायका और भी खूबसूरत बना दिया। लंगर समिति के इंचार्ज राजेंद्र इन्सां व निर्मल इन्सां ने बताया कि पूज्य गुरु जी के हुक्मानुसार देसी घी की पंजीरी बतौर प्रसाद तैयार की गई थी, जिसमें बादाम, काजू, खसखस, पिस्ता व किशमिश बड़ी मात्रा में डाली गई थी। हर सत्संगी को पंजीरी का 400 ग्राम का लड्डू प्रसाद के तौर पर दिया गया। वहीं दाले में मलाई पनीर कोफ्ता बनाया गया, जिसे हजारों सेवादारों ने संगत में वितरित किया।

आशियाना मुहिम के तहत 4 परिवारों को मिला सपनों का घर

पावन एमएसजी भंडारे के अवसर पर आशियाना मुहिम के तहत शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में तरसेम कुमार पुत्र प्यारा लाल गाँव चांगली, ब्लॉक शेरपुर जिला संगरूर (पंजाब) को संगरूर ब्लॉक की साध-संगत ने, विधवा बहन रणजीत कौर पत्नी सतपाल सिंह निवासी शेरपुर जिला संगरूर (पंजाब) को शेरपुर ब्लॉक की साध-संगत ने, विधवा बहन शकुंतला पत्नी सतपाल सिंह गाँव खरकड़ा, ब्लॉक उकलाना, जिला हिसार को ब्लॉक उकलाना की साध-संगत ने और सलाबतपुरा में जगसीर सिंह पुत्र जगराज सिंह निवासी तलवंडी साबो, भठिंडा की साध-संगत ने पूरा मकान बनाकर दिया। इन मकानों की चाबियां इन जरूरतमंद परिवारों को पूज्य गुरु जी की पावन हजूरी में सौंपी गई।

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