अनन्त श्रद्धा अथाह समंदर पावन एमएसजी भंडारा (25 जनवरी 2023)
- डेढ़ करोड से अधिक पहुंचे श्रद्धालु
- 700 एकड़ में बनाए 11 विशाल पंडाल
- 2000 से अधिक लाउड स्पीकर और 38 विशाल स्क्रीनें से संगत ने किए दर्शन
- 25 से 60 किलोमीटर तक लगे रहे लंबे जाम
- पावन भंडारे पर सेवादारों ने साध-संगत की सुविधा के लिए यातायात, पंडाल, पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, लंगर-भोजन, बुजुर्गों व दिव्यांगों को पंडाल तक पहुंचाने की सेवा तनम्यता से निभाई।
- साध-संगत को मिला काजू कतली व मालपुआ का प्रसाद और मटर-पनीर का लंगर
- पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया 104वां पावन एमएमजी भंडारा
- करोड़ों संगत ने किया सजदा, लाखों ने किए आॅनलाइन दर्शन
रूहानियत के सरताज डेरा सच्चा सौदा की चर्चा आज हर जुबां पर है, खासकर 25 जनवरी को आयोजित पावन एमएसजी भंडारे को लेकर। अपने मुर्शिद-ए-कामिल को सजदा करने को डेरा प्रेमी इस कदर दौड़े चले आए कि सरसा शहर से दूर 60-60 किलोमीटर तक वाहनों की कतारें टूटने का नाम नहीं ले रही थी। रंग-बिरंगी पगड़ियों, टोपियों व पटकों से सजे सिरों की भरमार इतनी नायाब लग रही थी कि जहां तक निगाह देख सकती थी, संगत ही संगत दिखलाई पड़ रही थी।
शाह सतनाम जी धाम के चारों और संगत का इकट्ठा अपने सतगुर की दीद-ओ-दीदार से चहक रहा था। करीब 5 साल के लंबे अंतराल के बाद यह ऐसा मुकदस अवसर था, जब तड़पती रूहों को अपने सतगुर संग अपने परम पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज का पावन भंडारा मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। करोड़ों की संख्या में संगत का उमड़ा यह सैलाब खुद-ब-खुद अहसास करवा रहा था कि डेरा सच्चा सौदा वर्तमान दौर में पहले से कई गुणा बढ़कर चमक-धमक रहा है और इन्सानियत के यह फरिश्ते हर मुसीबत, हर बाधा को पार करते हुए अपने मानवता भलाई के मिशन पर बुलंद हौंसले से आगे बढ़ रहे हैं।
डेरा डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के 104वें पावन अवतार दिवस का एमएसजी भंडारा शाह सतनाम जी धाम सरसा में करोड़ों साध-संगत ने धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर शाह सतनाम जी धाम में पावन भंडारा एमएसजी के रंग में रंगा नजर आया। सैकड़ों एकड़ में बनाए विशाल पंडाल श्रद्धालुओं के उत्साह के समक्ष छोटे पड़ गए। डेरा की ओर आने वाले सभी मार्गों पर श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे।
24 जनवरी दोपहर से ही शाह सतनाम जी धाम व शाह मस्ताना जी धाम में साध-संगत का आना शुरू हो गया, जो कि भंडारा समाप्ति तक अनवरत जारी रहा। संगत के लिए बनाए मुख्य पंडाल भरने पर आश्रम की सैकड़ों एकड़ जमीन पर 11 पंडाल और बनाए गए। इसके साथ ही स्कूल के ग्राउंड और क्रिकेट स्टेडियम के बड़े मैदान में संगत के बैठने का प्रबंध किया गया। इसी प्रकार शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के नजदीक एक विशाल पंडाल बनाया गया था। वहीं शाह मस्ताना जी धाम के पंडाल में भी तिल रखने तक की जगह नहीं थी। इन पंडालों के बावजूद दरबार की खेतीकार्य हेतु जमीन पर अलग से पंडालों की व्यवस्था करनी पड़ी थी।
हर पंडाल में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनें लगाई गई, जिनके माध्यम से साध-संगत ने बरनावा आश्रम से लाइव पावन भंडारे का आनन्द उठाया। पावन एमएसजी भंडारे का आगाज सुबह 11 बजे पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को बधाई देते हुए ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के पवित्र नारे के साथ हुआ। पूज्य गुरु जी शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा(यू.पी.) से लाइव हुए। वहीं हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों और संस्कारों को दर्शाती मनमोहक प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया। इस दौरान एक्रोबेटिक, स्किट और कॉमेडी के माध्यम से युवाओं को नशों से दूर रहने का संदेश भी दिया गया।
पावन भंडारे के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने साध-संगत की सुविधा के लिए यातायात, पंडाल, पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, लंगर-भोजन, बुजुर्गों व दिव्यांगों को पंडाल तक पहुंचाने के लिए पूरी व्यवस्था को संभाला। अलग-अलग राज्यों से आने वाली साध-संगत के वाहनों की पार्किंग के लिए अलग-अलग विशाल ट्रैफिक ग्राउंड बनाए गए थे। विभिन्न स्थानों पर सूचना केन्द्र बनाए गए। देश-विदेश के श्रद्धालुओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषाओं और वाद्यों पर नाचते थिरकते हुए एक-दूसरे को बधाइयां देकर खुशी जताई।
Table of Contents
तीन नए कार्य किए शुरू
149: भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने और खुशहाल जिन्दगी जीने के लिए सुबह उठते ही माता-पिता व बड़ों के चरण स्पर्श करने व उनका आशीर्वाद लेकर दिन की शुरूआत करना।
150: परिवार में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए रोज नहीं तो कम से कम सप्ताह में एक दिन जरूर सारा परिवार इकट्ठा बैठकर खाना खाए।
151: गरीब बस्तियों में शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए आर.ओ. (रिवर्स आॅस्मोसिस) या वाटर कूलर लगवाकर देना।
वेबसाइट री-लॉन्च, नंबर किया जारी
पूज्य गुरु जी ने अपनी वेबसाइट https://www.saintdrmsginsan.me/
को रिलॉन्च किया, जिसमें नशों के खिलाफ चलाई गई डेप्थ मुहिम से संबंधित नंबर 80596-02525
जारी किया गया। इस नंबर व वेबसाइट पर कोई भी नशा छोड़ने वाला संपर्क कर सकता है।
पावन भंडारे के अवसर पर साध-संगत जहां एक दूसरे को बधाई दे रही थी, वहीं दूसरी ओर नशे रूपी दैत्य को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पूज्य गुरु जी द्वारा गाया गीत जागो ‘दुनिया दे लोको’ साध-संगत के वाहनों और डीजे पर बजता रहा। इसके अलावा साध-संगत ढोल-नगाड़ों पर पंजाबी गिद्दा, हरियाणवीं नृत्य, राजस्थानी पारंपरिक लोकनृत्य पर नाचते-गाते हुए पावन भण्डारे पर पहुंची।
पावन भण्डारे के शुभ अवसर पर कुल का क्राउन मुहिम के तहत 35वीं शादी धूमधाम सम्पन्न हुई। पूज्य गुरु जी ने पावन कर-कमलो से नवविवाहित युगल को शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग की ओर से 25000 रुपए का चैक टोकन आॅफ लव के रूप में प्रदान किया।
कुल का क्राउन: खुशबू इन्सां सुपुत्री तारा इन्सां व चरणजीत सिंह इन्सां, निवासी शाह सतनाम जी पुरा, सरसा (हरियाणा)। भक्तमर्द गाजी: गुरविन्द्र इन्सां सुपुत्र सुरेन्द्रपाल कौर इन्सां व सुरेन्द्र सिंह इन्सां, निवासी गांव गुढ़े, जिला मानसा (पंजाब)।
‘एमएसजी भंडारे ई-स्पेशल हैं’
शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने करोड़ों साध-संगत को संबोधित करते हुए विशाल रूहानी सत्संग में फरमाया कि आप सबको सच्चे दाता रहबर परम पिता कुल मालिक, दाता रहबर शाह सतनाम जी महाराज के अवतार दिन की और अवतार दिन को आगे से हमेशा मनाए जाने वाले एमएसजी भंडारे की बहुत-बहुत बधाई, बहुत-बहुत आशीर्वाद।
मालिक से दुआ करते हैं कि जो आप बार-बार कह रहे हैं कि पाँच साल बाद मना रहे हैं आपके साथ मालिक रहमोकरम करे कि हर बार जब भी हम मनाएंगे जल्द से जल्द और जल्द से जल्द खुशियों से मालामाल मालिक आपको करे। अब आप एक दो भंडारों की नहीं समुन्द्रों के समुन्द्र कृपा दृष्टि की यहां से झोलियां भरकर ले जाएंगे। बस वो संभली रहें आपकी झोलियों में, आपके दामन में कोई दाग ना लगने पाए, आपका दामन फटने ना पाए, तो वचनों पर ठोक कर पहरा देते रहियेगा, ताकि ये समुन्द्रों के समुन्द्र एमएसजी भंडारे ई-स्पेशल हैं, एक्सट्रा स्पेशल रहेंगे।
पूज्य गुरु जी ने बढ़ाया हौंसला
मंदबुद्धियों की सार-संभाल और उपचार के बाद सकुशल घर पहुंचाने में पहले स्थान पर रहे राजस्थान के ब्लॉक केसरीसिंहपुर, दूसरे स्थान पर रहे संगरियां और तीसरे स्थान पर रहे पंजाब के ब्लॉक सुनाम को पूज्य गुरु जी ने सुंदर ट्राफियां देकर सम्मानित किया।
संस्कृतियों का दिखा अनूठा संगम
पावन भंडारे के दौरान विभिन्नताओं में बसे भारत की एकता की अनूठी झलक देखने को मिली। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने पूरे हिंदुस्तान की संस्कृति को मंच पर लाकर खड़ा कर दिया, जिसे देखकर हर कोई कायल नजर आया। कलाकारों ने जहां गायन के माध्यम से सबका दिल जीत लिया, वहीं मंच पर प्रदेशों की पुरानी संस्कृतियों की झलक देखते ही बन रही थी। पहली प्रस्तुति देने पहुंची हरियाणा के कलाकारों की टीम ने मंच पर ओ बापू तेरा जोबन करै ओ कमाल, ओ सुणले छोटे नंबरदार..। हम तो नाचां मार कै छालÞ, ओ जिब भी तू माईक पकड़ कै गावै..।
तेरी कड़ पै मै चलाऊंगा कीड़ी, बापू बेटा दोनूं खेलां कागा उड़ चिड़ी, म्हारा तेरे बिना पल भी ना सरता, गफ्फे-गफ्फे करां तेरे लाड़ बापू हो… जैसे जोशिले व रसीले बोलों के माध्यम से सबको मंत्रमुग्ध बना लिया। इस दौरान कलाकारों ने हरियाणा की गौरवमयी पुरातन संस्कृति को बहुत ही सुंदर तरीके से दर्शाया, जैसे पुरातन समय में प्रचलित चक्की, अनाज कूटती महिलाएं, गंडासे से चारा काटते किसान के अलावा घाघरा, दामण, कुर्ती, धोती-कुर्ता जैसे पुराने पहनावे अद्भुत छटा बिखेर रहे थे। हम तो नाचां मार कै छाल, ओ जिब भी तू माईक पकड़ कै गावै..बोलों पर पंडाल में बैठी साध संगत एकाएक खड़ी होकर झूम उठी। इस सॉन्ग पर झूमती संगत को अपने आशीर्वाद से निहाल करते हुए पूज्य गुरु जी ने कलाकारों की खूब प्रशंसा की और फरमाया कि अपने पीर-फकीर के लिए गाना बहुत बड़ी बात है, वरना आजकल तो गानों में बहुत गंदगी आ चुकी है।
जब जागो ने बांधा समां
पंजाबी सभ्याचार से ओतप्रोत जागो की प्रस्तुति बड़ी शानदार रही। महिलाओं ने ‘जागो सिर ते लो उठा, दीवा जगा…, कुल मालिक ने जागो जगाई, जागो बिलोचिस्तान च आई संगते दीवा जला, जागो जलालआणे विच आई संगते दीवा जगा, जागो गुरुसर मोडिया आई संगते दीवा जगा…’ जैसे मीठी बोलियों के साथ खूब धूम मचाई। जागो के दौरान पंजाबी संस्कृति को बड़े सुंदर ढंग से सजाया गया था। इस दौरान छज्ज के द्वारा हाथों से गेहूं साफ करती महिलाएं, फुलकारी निकाली, चरखा चलाती महिलाएं अपनी लोक परम्परा को बखूबी दर्शा रही थी।
हैरतंगेज स्टंट
शाह सतनाम जी बॉयज कॉलेज के दो युवाओं ने एमएसजी द् मैसेंजर सॉन्ग पर हैरतंगेज स्टंट दिखाया। ये युवा ऊंची छल्लांग लगाकर भी कमाल का बैलेंस बना रहे थे, जिससे हर कोई दांतों तले ऊंगली दबा रहा था। इन युवाओं ने मंच पर शानदार एक्रोबेटिक स्टंट दिखाए। बता दें कि इन दोनों युवाओं को पूज्य गुरु जी द्वारा स्वयं ट्रेनिंग दी गई है।
राजस्थानी धमाल ने किया कमाल
राजस्थानी कलाकारों द्वारा ‘वारी जाऊं री बलिहारी जाऊं रीे, म्हारा धन गुरु आया आंगन बलिहारी जाऊँ री…’ प्रस्तुति से मरू प्रदेश की संस्कृति को संजीव कर दिखाया। इस दौरान एक कलाकार ने सिर पर तीन गिलास एक-दूसरे के ऊपर रखकर उन पर पानी का भरा मटका टिकाकर गजब का संतुलन बनाते हुए लोक नृत्य किया। यही नहीं, उसने कीलों के ऊपर खड़े होकर भी नृत्य दिखाया तो पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वहीं झूमर के साथ नृत्य करती महिला कलाकारों ने भी कमाल कर दिया।
पावन 104वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में जिला करनाल के ब्लॉक ब्याना निवासी रोशन लाल
पूज्य गुरु जी के समक्ष 104 दीयों को सेट बनाकर लेकर आया।
इस पर पूज्य गुरु जी ने सेवादार पर खूब प्यारा लुटाया और फरमाया कि वाह जी वाह! कमाल कर दिया आपने। बहुत सुंदर है।
ये 104 दीयों का सेट हम बिटिया के साथ आज ही जलाएंगे।
बेपरवाह जी के इस 104वें अवतार दिवस पर ये सेट घी के दीये जलाएंगे।
साध-संगत को मिला काजू कतली व मालपुआ का प्रसाद और लंगर में संगत ने छका मटर-पनीर
पावन भंडारे पर आई साध-संगत पर जहां सतगुर जी समुंद के समुंद्र रहमतें लुटा रहे थे, वहीं प्रसाद और लंगर भी स्पेशल वितरित किया गया। संगत को इलाही काजू कतली व मालपुआ का प्रसाद दिया गया। लंगर में मटर-पनीर का दाला तैयार किया गया था। करीब 30 हजार सेवादारों के अनथक प्रयास से संगत को अल्प समय में ही प्रसाद व लंगर का वितरण कर दिया गया। लंगर समिति के जिम्मेवार निर्मल सिंह ने बताया कि पावन भंडारे में प्रसाद व लंगर के लिए सेवादार तीन दिन पूर्व ही तैयारियों में जुट गए थे।
लंगर घर में बड़ी-बड़ी भट्ठियों व तवियों पर लंगर तैयार किया गया। लंगर घर में भजन व सुमिरन के बीच यह सेवाकार्य दिन-रात चलता रहा। उन्होंने बताया कि संगत के लिए सैकड़ों ट्रकों में सामग्री लाई गई थी जिससे लंगर व इलाही प्रसाद तैयार हुआ। 40 टन काजू कतली व 70 टन मालपुआ प्रसाद वितरित किया गया। वहीं लंगर में 30 ट्रक आटा, 7 ट्रक मटर, 13 टन पनीर, 20 क्विंटल मिर्च मसाला, 1 ट्रक प्याज, 8 टन टमाटर, 10 क्विंटल क्रीम व 2000 टीन घी का इस्तेमाल किया गया।