MSG Health Tips -sachi shiksha hindi

पूज्य गुरु जी ने बताए स्वास्थ्य संबंधी अनमोल टिप्स
रूहानी सत्संग के दौरान साध-संगत द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने स्वास्थ्य संबंधी अनमोल टिप्स दिए MSG Health Tips :-

सवाल: गुरु जी, अगर आँख में कुछ चला जाए तो क्या करें?

जवाब : हम अपनी ज़िंदगी का अनुभव बताते हैं, क्योंकि हम प्लेयर भी रहे हैं और कोच भी हैं, तो क्या करते रहे हैं। आप फिल्टर वाला बिल्कुल साफ-सुथरा पानी एक साफ कप में लें, या फिर अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धो लें और अंजुली साफ पानी से भर लो और आँख को अंजुली के पानी में खोलो और बंद करो, खोलो-बंद करो। आप यकीन मानो सिर्फ जो कण आँख में गया है वो ही बाहर नहीं आएगा बल्कि आँखों की कई बीमारियां भी इससे दूर होती हैं।

और इस पर आॅलरेडी (पहले ही) हमारे डॉक्टर साहिबानों ने रिसर्च किया हुआ है और वो कहते हैं कि गुरु जी एक व्यक्ति की आँखों पर हल्की-हल्की फुंसियां हो गई, हल्के-हल्के दाने हो गए उसने साफ पानी में आँख खोलना-बंद करने वाली एक्सरसाइज 15-20 दिन की और उसकी आँख के वो दाने गायब हो गए। वो तंदुरुस्त हो गई आँखें। पानी बढ़िया होना चाहिए, उसमें मिट्टी ना हो, या हाथ भी पूरी तरह से साफ धुले होने चाहिएं।

Also Read :- Online Gurukul हर शै में नूर आ गया

सवाल: जुखाम व नज़ले से कैसे निजात पाएं?

जवाब: प्रैक्टिकली हमने जो करके देखा। जब आप नहाते हैं तो नहाते समय पानी को अंजुली में भरें और एक नाक का छिद्र बंद करके दूसरी नाक से पानी को थोड़ा हल्का सा ऊपर खींचे और फिर निकाल दें। फिर इसी तरह दूसरी साइड। आप पाँच-चार बार इधर और पाँच-चार बार उधर करें। जोर से नहीं, प्रेशर से नहीं, पर करें। फिर चैक करेंगे तो आपका नाक बिल्कुल साफ हो जाएगा, इसका मतलब आपने नाक का फिल्टर साफ कर लिया। ये हकीकत है। उसमें जो कण फंसे हुए हैं, ये भगवान ने नाक में ऐसे ही बाल नहीं बनाए हैं, बच्चों आप तो अंदर नोजल फंसा-फंसाकर साफ कर लेते हो। हम नहीं रोकते किसी को, चाहे कहीं तक ही साफ कर लो, कोई फर्क नहीं पड़ता। पर रामजी ने ये फिल्टर बनाए हैं। धूल के कण, धुएं के कण, पोल्यूशन, प्रदूषण के बहुत सारे कण, बैक्टीरिया टाइप उनको भी ये बाल अंदर जाने से रोक लेते हैं। कुदरत ने कमाल किया है, रामजी ने। इसे देसी भाषा में कहते हैं पानी की नस्वार।

पानी को थोड़ा सा नाक में खींचा और निकाल दिया, ज्यादा ऊपर ना चढ़ा लेना कहीं गड़बड़ हो जाए। सुबह नहाने के समय और शाम को भी इस एक्सरसाइज को करें। सर्दी में थोड़ा गुनगुना पानी लें। और गर्मी में नॉर्मल पानी लें। ठंडा पानी ना लें। तो इस तरह से नाक साफ रहेगा, काफी हद तक आपकी ये प्रोब्लम दूर होने लगेगी। सुबह जो हमने आजमाई, कच्ची हल्दी का बिल्कुल छोटा सा पीस चबाचबा कर खाओ, थोड़ा घूंट पानी ले सकते हो और आधा घंटे बाद कुछ खाओ। तो यहीं हमारे एक सज्जन थे, अभी कुछ दिन की ही बात है, कई दिनों से जुकाम से परेशान थे और वो कह रहा था कि गुरु जी मेरी तो दोनों नाक बंद हैं। पिछली बार हम आए थे तो तब भी उसका यही हाल था। तो हमने बोला था कि कच्ची हल्दी, शायद उसने सोचा हो कि गुरु जी ने ऐसे ही कह दिया।

कई सुनने वाले भी ऐसे सोच रहे होंगे। फिर उसने थोड़ी सी कच्ची हल्दी खाई और फिर चार दिन बाद उसका मास्क हट गया और जुखाम भी ठीक हो गया। हमने उससे पूछा कि क्या हाल है? कहता गुरु जी माफ करना, मैंने आपकी बात पहले क्यों नहीं मानी, ढाई महीने इस जुकाम से परेशान रहा हूँ। आज पाँच-छह दिन हुए हैं बिल्कुल स्वस्थ हो गया हूँ, कोई जुखाम नहीं। ये देसी नुस्खे हैं। कोई गारंटी वाला नुस्खा नहीं होता। अपने पर किया और बहुत सारे बच्चों ने किया तो उनका भी फायदा हो गया। पर आप हल्दी लेने से पहले थोड़ा किसी डॉक्टर की राय जरूर ले लेना, कई बार होता कि ये गर्म होती है, तो आपके तेजाब वगैरह थोड़ा बहुत हो सकता है साइड इफैक्ट, लेकिन मामूली सी लेने से कोई साइड इफैक्ट नहीं होता। तो इस तरह से नाक साफ किया।

एक और तरीका है जो हमने आजमाया, वो है कि जब आप नहाने लगो। वैसे तो आप करोगे नहीं, नहाते टाइम जितना गर्म पानी आप मुंह में रख सकते हो, उबलता हुआ मत रखना, ठंडा भी मत रखना। जितना गर्म आप मुंह में रख सकते हो, जितना सह सकते हो, मुंह में रखो और फिर पूरे शरीर पर साबुन वगैरह लगाओ, नहाते रहो लेकिन पानी मुंह में रहना चाहिए। बस जब नाक साफ करना है तब मुंह का पानी निकाल कर बाहर फेंक दो, कुर्ला करके। तब तक पांच-सात, आठ-दस मिनट तो लग ही जाते होंगे। एक महीना करके देखो बहुतों का जुखाम ठीक हुआ है। तो इस तरह से आप ये चीज कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

सवाल: कान में अगर खाज होती है या कान साफ करना है तो क्या करें?

जवाब: वैसे नेचर है कि जब आप नहाकर हटोगे तो कोई भी रूमाल या कपड़ा लेकर कान पर ऐसे मार कर देखना जितनी भी फालतू की चीज है वो बाहर आ जाएगी। पर आपको आदत बनी हुई है, खासकर बहनों को तो सिर की सुई निकाली और कान में मारने लग जाएंगी। हमने देखा है बेटियों को ऐसे करते हुए। और भाई तिनका सा ले लेते हैं, आजकल बने बनाए भी आते हैं, उसका ये नहीं पता कि कहां तक चला गया।

कई पर्दे में मार बैठते हैं, क्योंकि वो पतला सा होता है उसका कोई मुंह, सिर तो है नहीं और अंदर कान में खाज मची तो कईयों को मीठी-मीठी भी लगने लगती है और आगे पर्दे पर मार देते हैं और फिर सुनने वाले काम की छुट्टी। कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए। ज्यादा ही हो तो ख़ुद साफ रूर्इं लो, जो डॉक्टरों के पास होती है, हल्का सा तिनके पर लगाकर कान की बाहर की तरफ जो मैल होती है वो निकल जाती है। कान के बिल्कुल अंदर जो मैल होती है वो फायदेमंद होती है। आपके कानों में कीट-पतंगा कुछ भी नहीं घुसता, क्योंकि ये जहरीली चीज होती है। वो इसकी बदबू से, आपको बदबू नहीं आती, पड़ोसी को भी नहीं आती, लेकिन सिर्फ उन कीट-पतंगों को आती है, जो कान में घुसने को तैयार रहते हैं।

तो अंदर वो अगर थोड़ी सी वैक्स पड़ी है तो फायदेमंद है। उसकी बदबू से और उसको टच करने से वो जीव भाग जाते हैं। जैसे नाक में हैं वैसे ही कान के अंदर भी छोटे-छोटे बाल होते हैं और वो भी फिल्टर का काम करते हैं ताकि कानों के पर्दें पर कोई और चीज जाकर जम ना जाए, कलियर सुने। जैसे प्याज की झिल्ली होती है, उससे भी पतला पर्दा होता है कान का और आप सुर्इंयां, पता नहीं क्या-क्या मारते हैं। पहले तो आया करते थे कड़छी से लेकर कि आजा तेरा कान साफ करूं। तो कई बहरे हुए हैं उस पंगे में, क्योंकि आगे कान का पर्दा फट जाता है। तो आप आराम से कान को साफ करें। कान में पानी न जाए तो ज्यादा अच्छा रहता है।

सवाल: बदलते मौसम में वायरल फीवर से कैसे बचें?

जवाब: बदलता मौसम, कहते हैं कि सर्दी आती मारती है या सर्दी जाती मारती है। होता क्या है आप पहलवान बन जाते हैं। एक दिन मौसम गर्म हुआ, फरवरी का महीना जैसे चल रहा है, एंह सर्दी तो चली गई। आधी बाजू का कपड़ा पहना और चल दिए। रात को कड़ाके की सर्दी और एकदम से ठंड लग जाती है, नैच्यूरली। क्योंकि पहले आप बॉडी को गर्म कपड़ों का आदी बना चुके हो। कई ऐसे भी होते हैं सर्दी में बनियान में ही घूमते रहते हैं, फर्क ही नहीं पड़ता। हमारे वहां राजस्थान में ऐसे होता था। लेकिन उससे क्या होता है कि गर्म सर्द हो गया तो आपको जुखाम वगैरह या ये वायरल बुखार हो जाता है। मौसम के कारण भी ये चीजें बहुत होती हैं।

बैक्टीरिया, वायरस बढ़ जाते हैं, कि जैसे सर्दी के मौसम में दिन में गर्मी हुई वो छिप गए और रात को एकदम से निकले तो वो भी कारण है। खान-पान में आपने चक्कर डाल दिया, पहले कोई गर्म चीज खा ली और फिर देखा कि आज तो मौसम गर्म है कोई ठंडी चीज खा ली तो उससे बुखार हो जाता है। और फिर ये वायरल अगर हो गया तो कम से कम मास्क लगाकर जरूर रखें। कहता है कि मेरे को हुआ है तो मेरे ताए को, चाचे को, माँ को, बाप को क्यों नहीं? और वायरल तो तैयार बैठा होता है, वायरल मतलब फैलने वाला।

तो फैलने वाली चीज है तो अपने तक सीमित रख लो। अगर आप परेशान हो रहे हैं तो दवाई तो ले लेनी चाहिए। तो आप अपना बचाव रखिए। अब जैसे अंदर ठंड है, बाहर गर्मी तो आप जब जाएं तो थोड़ा शरीर को, अगर आपने एसी वगैरह चला रखा है तो उसे बंद करो, टैम्परेचर को बढ़ने दो, क्योंकि अंदर वाला धीरे-धीरे बढ़ेगा। तो इस लायक हो जाए कि जब बाहर जाओ तो अंदर और बाहर का टैम्परेचर मेनटेन रहे तो उससे बीमारियां से बचा जा सकता है।

सवाल: गुरु जी, आँखों की रोशनी कैसे बढ़ाएं?

जवाब: आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज हैं और हमने जो तज़ुर्बा करके देखा, मीठी हरी मिर्च आप सलाद के साथ खाएं वो बहुत ही अच्छी रहती है। और एक्सरसाइज करो। जॉगिंग और भागने के बीच का एक तरीका होता है कि अपनी बॉडी उछले इस तरह से चलो। ना वो रनिंग है और ना वो वॉकिंग है, ना जॉगिंग है। तो उसमें आप मैडिटेशन करो, आते-जाते स्वांस, उससे क्या होता है कि जो आॅक्सीजन का फलो है वो हमारी सारी नाड़ियों की सफाई कर देता है।

जैसे हम भागते हैं तो सांस दो बार झटके से ऊपर जाता है और दो बार नीचे आता है, मतलब दो बार खींचा, दो बार छोड़ा। हमने अपने ऊपर आजमाया। तो प्रेशर से बहुत सारी बंद नाड़ियां खुल जाती हैं और बहुत सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाती हंै। सिर्फ आँखें ही नहीं पूरी बॉडी का फायदा होता है। और आँखों का तो फायदा होता ही होता है। और भी बहुत सारे तरीके हैं। आँखें बंद करके अंदर ही अंदर आँखों को क्लॉक्वाइज गोल घुमाएं दाएं और बाएं तरफ घुमाएं, फिर ऊपर-नीचे लेकर जाओ। ज्यादा ऊपर ना चढ़ाना, नॉर्मल और आँखों को तेजी से ब्लिंक करो तो इससे आँखों में जो कण वगैरह होते हैं वो भी निकल जाते हैं। तो इस तरह से आँखों की संभाल करें। शुगर वगैरह है, हाई ब्लड प्रैशर है तो उनको भी कंट्रोल रखो। कहीं ये पानी वगैरह आजमाते रहें और पेट गुबारा बन जाए और मोटापा बढ़ जाए तो भाई फिर क्या करेंगी ये चीजें। शरीर को भी एक्सरसाइज से सही रखो।

सवाल : ब्लड प्रेशर को कैसे कंट्रोल रखें?

जवाब: अगर हाई ब्लड प्रेशर है तो मोटापा कम कीजिये, नमक कम होना चाहिए, नाममात्र, काला नमक थोड़ा सा या फिर सेंधा नमक है, जो आयुर्वेदा में चीजें आती हैं, ये चीजें आप लें। और दूसरा मैडिटेशन करें, ताकि दिमाग में कोई बोझ ना बने, गुस्सा नहीं आएगा, बोझ नहीं होगा दिमाग में तो जो हाई ब्लड प्रेशर है नॉर्मली कम हो जाएगा। और अगर आप भागने लग जाएं, एक्सरसाइज करने लग जाएं, यकीन मानिये, नीचे, ऊपर वाले सारे ब्लड प्रेशर ठीक हो जाते हैं। डाइट का ख्याल रखिये। जो कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, खेतीबाड़ी वालों को छोड़कर, उनको मोटा अनाज कम लेना चाहिए। फू्रट खा लो या आप खीरा वगैरह या सलाद वगैरह खाया करो।

खाना खाओ लेकिन थोड़ा। फिफ्टी पर्सेंट सलाद आधा घंटा पहले, फिफ्टी पर्सेंट खाना खा लो। और 12 बजे तक जितना बॉडी वेट हैं, इनटू 10 ग्राम, हो सके तो कोई फू्रट किसी भी तरह का आप खाकर देखिए, जो भी उपलब्ध हो। जैसे बेर, केला है या कोई भी फू्रट। इकट्ठा मत खाइये, उसको अलग-अलग तरह से खाएं। तो इससे शरीर का वजन भी कम होगा और ब्लड प्रेशर संबंधी परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं। ये भी एक तरीका है आयुर्वेदा का, अगर करके देखोगे तो पता चलेगा।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!