Negative Thinking -sachi shiksha hindi

Negative Thinking नकारात्मक सोच से पाएं छुट्टी

नकारात्मक विचार वाले लोग प्राय: उदास रहते हैं और हीनता के शिकार हो जाते हैं। सकारात्मक विचार वाले लोग स्वछन्द और खुशमिजाज होते हैं। उनकी सकारात्मकता उनकी बातों, उनके व्यवहार और उनके स्वास्थ्य से झलकती है।

Also Read :-

नकारात्मक सोच :-

मन मस्तिष्क व जीवन पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इसलिए नकारात्मक भावनाओं से ऊपर उठकर सकारात्मक सोच विकसित करना स्वास्थ्य व सौंदर्य को निखारने एवं मस्तिष्क को विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। जीवन को खुशनुमा जीने के लिए नकारात्मक सोच को छोड़ना ही बेहतर होता है। आइए कुछ बातों पर अमल कर नकारात्मक सोच से मुक्ति पाने का प्रयास करें।

वर्तमान में जीना सीखें:-

बीते हुए समय या आने वाले समय के बारे में सोचकर स्वयं को चिंतित न बनायें। ऐसा सोचना तनावों को निमंत्रण देना होता है। जिस समय, जिस परिस्थिति में हैं, उस पल को भरपूर जीने का प्रयास करें। खुश रहने का यह एक बड़ा जरिया है।

स्वयं को व्यक्त करना सीखें:-

सुख-दु:ख जीवन में सभी को होता है। इन अनुभूतियों को दूसरों के सामने व्यक्त करना सीखना चाहिए, क्योंकि सुख बांटने से बढ़ता है और दु:ख बांटने से कम होता है। कभी कभार हम जिन बातों से दु:खी हैं, दूसरा व्यक्ति उन दु:खों से कैसे निपटा जाए की जानकारी आपको देकर आपका उत्साह बढ़ाता है। इससे आप थोड़े मस्त हो जाते हैं। कोई दर्द, शोक, क्र ोध या नकारात्मक सोच यदि आप व्यक्त नहीं करते तो आप अंदर ही अंदर से खोखले हो जाते हैं। दूसरों के सामने अपने विचार प्रकट करने से आपके मन का बोझ हल्का हो जाता है और आप पुन: स्वयं को वर्तमान में ढालने का प्रयास कर उन दु:खों से दूरी बना लेते हैं।

पौष्टिक आहार लें :-

यह कहावत सच है ’जैसा खाओ अन्न, वैसा होगा मन‘। यदि हम पौष्टिक आहार लेते हैं तो हम अधिक खुश रहते हैं और यदि हम पौष्टिक भोजन नहीं लेते तो हम दु:खी और बुझे रहते हैं। भोजन में फल, सब्जियां, दालें, अनाज, पनीर, दूध, दही आदि उचित मात्र में नियमित लेते रहने से शरीर स्वस्थ रहता है और विचार सकारात्मक बनते हैं। जंक फूड, तले हुए खाद्य पदार्थ, तेज मिर्च मसाले हाजमा भी बिगाड़ते हैं और विचार नकारात्मक बनाते हैं। पौष्टिक आहार अपनाकर हम जीवन खुशहाल बनायें।

खूब सोएं:-

भरपूर सोना और साउंड स्लीप लेना अच्छे स्वास्थ्य और सक्रि य दिमाग के लिए अति आवश्यक हैं। यदि आप नींद पूरी लेते हैं तो शरीर और दिमाग चुस्त रहते हैं। जिन लोगों को अनिद्रा की परेशानी होती है, उनके मन में नकारात्मक विचार घूमते रहते हैं और उन्हें परेशान करते रहते हैं। इसके लिए सोने से कम से कम दो घंटे पहले से कुछ भी नकारात्मक न सोचें। घर में वातावरण हल्का रखें। यदि टी.वी. भी देखना है तो हास्य प्रोग्राम देखें, पढ़ने के शौकीन हैं तो हल्का फुल्का पढ़ें जिससे दिमाग को सोचना न पडेÞ।

नियमबद्ध चलें :-

जीवन में आगे बढ़ने की इच्छा सभी को होती है। अपने सपनों को साकार करने के लिए अपनी योजनाओं को एकत्र कर उन पर नियमित रूप से चलें। जब लक्ष्य की पूर्ति होगी तो मन खुश रहेगा और विचार भी सकारात्मक रहेंगे। अनप्लांड तरीके से चलने पर लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होगी और जीवन के प्रति विचार भी नकारात्मक हो जाएंगे। तो क्यों न योजनाबद्ध चल कर जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाए।

छोटी-छोटी खुशियों को बटोरें:-

कभी खुशी कभी गम, ये सब तो जीवन के अंग हैं। क्यों न छोटी-छोटी खुशियों का आनन्द उठाएं ताकि जीवन अधिक आनन्दमय बन सके। जिंदगी समस्याओं से घिरी हुई है। यदि हम खुश रहना चाहते हैं तो समस्याओं की कैद से स्वयं को आजाद करना होगा। तभी जिंदगी जी सकेंगे।

दिन में कुछ समय अपने लिए निकालें :-

दिन में कोई भी समय जो आपको सूट करे, अपने लिए एकान्त में बैठने के लिए रखें। उस समय मेडिटेशन करें, अपने बारे में सोचें, निर्विचार बैठें, शांत बैठें, लम्बी गहरी सांस लें, गुरुमंत्र का जाप करें। मन शांत और स्थिर होगा। जब आप बाहर आएंगे तो मन में सकारात्मक विचार उपजेंगे।

हंसें और मुस्कुरायें:-

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार दिल खोल कर हंसें। इससे आपका इम्यून सिस्टम, स्ट्रांग होगा। तब छोटी-छोटी परेशानियां आपसे दूर रहेंगी। किसी से भी मिलें तो मुस्कुरा कर मिलें ताकि सामने वाला भी रिलैक्स महसूस करे। हर समय दुखड़े न रोयें। खुद भी हंसें, दूसरों को भी हंसायें। ऐसा माहौल नकारात्मक सोचने ही नहीं देगा।

व्यायाम करें :-

प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम शरीर के लिए अति आवश्यक है जो आपको कई बीमारियों से भी दूर रखता है और सोच को सकारात्मक भी बनाता है। व्यायाम से शरीर और मन दोनों तंदुरुस्त रहते हैं। जब मन भी खुश और तन भी खुश तो क्या काम है नकारात्मकता का।

खूब पानी पिएं:-

पानी शरीर के पाचनतंत्र को ठीक रखता है और विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है, इसलिए दिन में पानी खूब पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी न होने पाए। डीहाइडेÑशन से कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं जैसे सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, याददाश्त कमजोर होना आदि। जहां शारीरिक समस्याएं प्रारंभ हुई, वहीं इन्सान की नकारात्मक सोच पैदा हो जाती है। इसलिए खूब पानी पिएं और स्वस्थ जीवन जिएं।
(स्वास्थ्य दर्पण)

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!