भोजन पकाएं नहीं, पौष्टिक बनाएं
जैसे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए हम मसाले, तेल, मक्खन, प्याज, लहसुन, टमाटर का प्रयोग कर कभी उन्हें तल कर, भून कर या स्टीम कर बनाते हैं। उसी प्रकार भोजन को अधिक पौष्टिक भी बनाया जा सकता है। कम नमक, कम चीनी व कम तेल का प्रयोग कर अन्य कुछ चीजों का प्रयोग कर उसे अधिक पौष्टिक बना सकते हैं।
पौष्टिक आहार हमें अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु प्रदान करता है। अगर भोजन बनाते समय सही चीजों का प्रयोग करें तो उनकी पौष्टिकता बढ़ जाएगी और गैर जरूरी चीजें डालकर स्वाद के चक्कर में रहें तो उनकी पौष्टिकता कम हो जाएगी।
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प्रयोग करें लो-फैट पनीर और चीज
आप कुछ भी बना रही हैं उसमें अगर पनीर का प्रयोग करती हैं जो फुल क्र ीम दूध से बना है तो उसके स्थान पर लो फैट पनीर का प्रयोग करें। पनीर की सब्जी में भी लो फैट पनीर का प्रयोग करें। अगर पिज्जा बाजार से मंगा रही हैं तो एक्स्ट्रा चीज के लिए आर्डर न करें। घर पर बना रही हैं तो सब्जियां अधिक चीज कम डालें। वैसे दुग्ध उत्पाद में कैल्शियम की मात्रा काफी होती है पर लो फैट दुग्ध उत्पाद का ही सेवन करें।
कम करें नमक का प्रयोग
हम भोजन को, परांठे को और स्वादिष्ट बनाने के लिए मक्खन का प्रयोग करते हैं जबकि सब्जी व परांठे में पहले से भी नमक मिला होता है। यह नमक हम अतिरिक्त लेते हैं जो हमारे स्वास्थ्य हेतु नुकसानदायक होता है। नमक के साथ एक्स्ट्रा फैट भी हमारे शरीर में चले जाते हैं। अपने भोजन को अधिक सेहतमंद बनाने के लिए भोजन में कुछ मसाले प्रयोग कर सकती हैं जैसे धनिया, सौंफ, करी पत्ता, लहसुन आदि। इनके प्रयोग से भोजन की महक भी अच्छी होगी और पौष्टिकता भी अधिक होगी। सब्जी, दाल बनने के बाद नींबू का रस मिलाना भी सब्जी, दाल को अधिक पौष्टिकता प्रदान करता है।
Nutritious food सब्जियों का प्रयोग अधिक करें
सब्जियां विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होती हैं। इनका सेवन हमें अधिक से अधिक करना चाहिए। सब्जियों का प्रयाग सूप, जूस में अधिक से अधिक करें। बच्चों को सब्जी खाने की आदत डालें, थोड़ा बड़ा होने पर समझाएं कि प्रतिदिन थोड़ी थोड़ी सब्जी खाना शरीर के लिए लाभप्रद है। अगर आप रोज घर पर सब्जी बनाएंगे और देंगे तो उन्हें धीरे-धीरे आदत पड़ जाएगी।
खाना बनाते समय जैतून का तेल प्रयोग में लाएं
रिफांइड तेलों को जैसे मक्का, सोयाबीन, कनोला तेलों को बहुत अधिक रिफाइन किया जाता है जिनसे बनाया गया भोजन सेहतमंद नहीं होता क्योंकि रिफाइंड तेलों को जब कुकिंग के लिए गर्म किया जाता है तो यह सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बेहतर जैतून का तेल, सरसों और नारियल का तेल होता है जो गर्म करने पर भी सेहत के लिए ठीक रहते हैं। इसलिए रिफाइंड तेल का प्रयोग कम से कम करें। उसके स्थान पर जैतून, सरसों और नारियल तेल का प्रयोग करें।
मैदे के स्थान पर साबुत अनाज से बने भोज्य पदार्थ का प्रयोग करें
मैदा अनाज का सबसे रिफाइंड भाग है जो हमारी आंतों पर चिपकता है जिससे हमारी पाचन क्रिया प्रभावित होती है। अगर आप गेहूं की चपाती खाते हैं तो चोकरयुक्त आटा बेहतर विकल्प है। व्हाइट ब्रेड के स्थान पर होल व्हीट ब्रेड अधिक बेहतर है। मैदे से बनें पास्ता, नूडल्स के स्थान पर आटे से बने नूडल्स और पास्ता बनाएं। रिफाइंड व्हाइट राइस के स्थान पर ब्राउन राइस का प्रयोग करें।
चीनी कम से कम लें
चीनी का सेवन कम से कम करने की आदत आपके स्वास्थ्य हेतु लाभप्रद हे। हमारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के पीछे चीनी की अधिकता का सेवन बहुत बड़ा कारण है। चीनी का अधिक प्रयोग हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। किडनी डेमेज की समस्या को बढ़ाता है। बढ़ती उम्र का प्रभाव चेहरे पर जल्दी दिखने लगता है और शरीर में मिनरल्स के संतुलन को भी बिगाड़ता है। चीनी का सेवन कम से कम करें। उसके स्थान पर गुड़, शहद का सेवन करें।
-नीतू गुप्ता