सबके दिलों को छू गया ‘रूमाल छू’
पारंपरिक खेलों को नई ऊर्जा दे रहा डेरा सच्चा सौदा
हमेशा गरीब, हादसा पीड़ित या आपदा पीड़ितों की मदद में अग्रसर रहने वाली शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग द्वारा करीब 5 वर्ष के अंतराल बाद अपना स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान समाज में लुप्त होती खेलों को फिर से नई ऊर्जा देने के लिए दो दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें रूमाल-छू ने तो दर्शकों का मन मोह लिया।
मानवता भलाई में नित नए आयाम लिखने वाली शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के संस्थापक पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 27 जनवरी को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से इन खेलों का आगाज किया। जिसके बाद खिलाड़ियों ने रस्साकशी, रूमाल छू व हस्त पंजा खेलों में दमखम दिखाया। पहले दौर के मुकाबले सरसा स्थित खेल मैदान में हुए, जबकि अंतिम चरण में रोचक फाइनल मुकाबले शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा में सम्पन्न हुए। दो दिवसीय इस खेलकूद प्रतियोगिता में पूज्य गुरु जी लगातार जुड़े रहे और कई अवसर पर खिलाड़ियों को महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए।
बता दें कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां स्वयं 32 नेशनल गेम खेलते रहे हैं और इन खेलों के विशेषज्ञ भी हैं। वर्तमान दौर में क्रिकेट का टी-20 प्रारूप जो इंटरनेशनल स्तर पर भी बेहद पसंद किया जा रहा है, उसको भी पूज्य गुरु जी ने ही ईजाद किया था। इसके अलावा गांवों की गलियों में खेला जाने वाला प्रसिद्ध खेल रूमाल छू और गुलस्टिक जैसे खेल को नई पहचान देने का काम किया है। गौरतलब है कि शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग की स्थापना उस समय हुई थी कि जब देश में वर्ष 2001 में प्राकृतिक आपदाओं ने त्राहिमाम मचाया था।
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पूज्य गुरु जी ने इन आपदाओं में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए इस फोर्स का गठन किया, जो हर समय सेवा के लिए तत्पर रहती है। खास बात यह भी है कि यह सेवादार बिना वेतन या मानदेय के लोगों की सेवा करते हैं। वर्तमान समय में भारत के अलावा विदेशों में भी बड़ी संख्या में सेवादार इस विंग के सदस्य बन चुके हैं। पूज्य गुरु जी ने इन सेवादारों को शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए स्थापना दिवस पर खेलों का आयोजन शुरू किया है। लंबे अंतराल के बाद हुई इन प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपना दमखम दिखाया।
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शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के स्थापना दिवस पर हुई राष्टÑीय खेलकूद प्रतियोगिताएं
रूमाल छू:
पुरुष वर्ग में फाइनल मुकाबला पंजाब व राजस्थान के बीच हुआ, जिसमें पंजाब की टीम विजेता रही। इसी खेल में महिला वर्ग में हरियाणा ने पंजाब को हराया।
रस्साकशी मुकाबला:
पुरुष वर्ग में फाइनल मुकाबला हरियाणा व उत्तर प्रदेश की टीमों के मध्य खेला गया, जिसमें हरियाणा की टीम विजेता बनी।
हस्त पंजा मुकाबला:
महिला वर्ग में निर्णायक मुकाबला हरियाणा की वीना और पंजाब की संदीप के बीच हुआ। रोचक मुकाबले में वीना विजेता बनी।
गजब: हाथों के बल खड़े होकर दांतों से उठाया भार
हाथों के बल उलटा खड़ा होकर भला कोई इन्सान दांतों से वजन भी उठा सकता है? ऐसा ही करिशमा कर दिखाया विकास इन्सां ने। दरअसल दो दिवसीय खेलों के समापन अवसर पर इस इवेंट का आयोजन हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ के ब्लॉक करावल के विकास इन्सां ने (60 किलोग्राम) हाथों के बलबूते उलटे खड़े होकर अपने दांतों से 101 किलोग्राम वजन उठाया तो देखने वालों की आंखें खुली रह गई।
यही नहीं, विकास के 14 साल के बेटे आदित्य इन्सां ने 51 किलोग्राम व उन्हीं के छोटे बेटे 9 वर्षीय अनमोल इन्सां ने दांतों के बल से 21 किलोग्राम भार उठाकर सबको हैरान कर दिया। इन बच्चों ने योगा में बेमिसाल प्रतिभा दिखाई। इस पर पूज्य गुरु जी ने इनके हुनर की प्रशंसा करते हुए फरमाया कि ये होती है खानदानी पहलवानी। इसके अलावा टोहाना से आए जादूगर प्रिंस ने अपने हाथों की कला का कमाल दिखाया। वहीं शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों और सैंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशनल स्कूल के होनहारों व हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।
पूज्य गुरु जी ने निभाई ‘खेल सरपंच’ की भूमिका
शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के स्थापना दिवस की खेल प्रतियोगिताओं के समापन समारोह के मुख्यातिथि पूज्य गुरु संत
डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने सेवादारों के जज्बे की सराहना की,
वहीं सांस्कृति कार्यक्रम की बारीकियों को पकड़कर अंकों के आधार पर परिणाम घोषित किए। पूज्य गुरू जी ने खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान तीसरे अम्पयार के लिए ‘सरपंच’ की भूमिका निभाई।
‘हम एमएसजी के बेटे हैं, इतिहास बना देंगे…’ सांस्कृतिक कार्यक्रम की धूम
खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। ग्रीन एस के सेवादारों व डेरा सच्चा सौदा के शिक्षण संस्थानों के बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियां देकर हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। ‘दीदार कर सतगुरु दे खुशियां दियां लगियां झड़ियां, तेरे ऊतों जान तां छोटी, वारां आलम सारा’, ‘बापू साडा पूरा टोहरी, नूरी चेहरे नूं तक तक के ना थकदा, सिप सिप करके पीवे पानी बोतल विचों यारा’, ‘जिथे खड़गे प्रेमी तेरे हुण एह नी डोलदे, साडी जित्थे लगगी है लग्गी रहण दे’ बोलियों के माध्यम से सैंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशन स्कूल सीनियर विंग गोल्ड रोजिज बी की छात्राओं ने पंजाब का लोक नृत्य गिद्दा पेश किया तो हर किसी को बांध कर रखा दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित सेवादार बोलियों पर नाच रहे थे तो कोई प्रस्तुति के अंदाज को निहार रहा था। छात्राओं ने एक से बढ़कर एक बोली पेश कर वाहवाही बटोरी। लोक गायक बलबीर चोटियां की प्रस्तुति के साथ पंजाब ने भंगड़ा पेश कर वाहवाही हासिल की। शाह सतनाम जी बॉयज स्कूल व कॉलेज सरसा के विद्यार्थियों ने पूज्य गुरु जी के पावन सानिध्य में बधाई के रूप में महिला वेशभूषा में हरियाणवी डांस कर हर किसी को अपना कायल बना लिया। बच्चों की प्रस्तुतियों के बीच हरियाणा राज्य के सेवादारों ने तो अपनी गायन विद्या ‘हमें क्या सिखाया बापू यह दुनिया को दिखा देंगे, हम एमएसजी के बेटे हैं इतिहास बना देंगे’ से हर किसी को अपना बना लिया।
शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल तारानगर की छात्राओं का राजस्थानी डांस, श्रीगुरूसर मोडिया की छात्राओं का भंगड़ा तो सरसा की छात्राओं ने अपने अपने अंदाज में पंजाब का लोक नृत्य भंगड़ा पेश कर हर किसी को अपना कायल बनाया। सैंट एमएसजी ग्लोरियस इंटरनेशन स्कूल के बच्चों की लाईव प्रस्तुति ने बैंड के माध्यम से अपनी कला को प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में शाह सतनाम जी बॉयज स्कूल-कॉलेज व यूथ के सेवादारों ने अपनी स्किट के माध्यम से डॉ. एमएसजी से जुड़ी सच्ची घटना को प्रस्तुत कर हर किसी को इमोशनल कर दिया।
कलाकारों ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा मानवता भलाई कार्यों के तहत सेवाकार्य में जुटे सेवादारों के परिवार व उनकी सार संभाल करते हुए सेवादार कुलदीप मोगा के बच्चे के मौत जैसे कर्म पलक झपकते ही दूर कर देने का जीवंत प्रस्तुत कर सतगुरु के रहमो-करम की बरसात का यथार्थ चित्रण किया। कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरुजी की रहमत की बरसात का हकदार बने सुखदेव व उसके पिता कुलदीप सिंह मोगा ने कनाडा से लाईव कार्यक्रम के दौरान आशीर्वाद प्राप्त किया और अपने साथ घटित हुई इस घटना की प्रस्तुति के साक्षी बने।