Sacha Sauda Tara Akhiyan Da... Editorial -sachi shiksha hindi

सच्चा सौदा तारा अखियां दा… सम्पादकीय
अप्रैल का पावन महीना डेरा सच्चा सौदा के लिए अति महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक है। सर्वविदित है कि बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने इस पवित्र माह में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना करके दुनिया को राम-नाम का वैश्विक केन्द्र प्रदान किया। इसकी शुभ शुरुआत मानवीय कल्पनाओं से परे है।

पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 में एक छोटी सी कुटिया के रूप में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की। सार्इं जी ने वचन किए कि सच्चा सौदा को पूरी दुनिया में लोग जानने लगेंगे। आज से करीब 75 साल पहले पूजनीय बेपरवाह जी ने ये वचन फरमाए, वहीं आस-पास अपने खेतों में काम कर रहे कुछ किसान भाई और गांववासी (नेजिया-बेगू गांव के लोग) मौके पर मौजूद थे, उन्होंने अपनी भाषा (बागड़ी बोली) में कहा कि ‘बाबा जी, म्हानै तो दिखै कोनी कोई, टीबड़ा-ई- टीबड़ा दिखै।’ बात तो उनकी बिल्कुल ठीक थी।

Why Dera Sacha Sauda is differentवाकई यहां चारों तरफ बालू रेत के ऊंचे-ऊंचे टीले ही टीले थे। गर्मियों की तेज धूप में बालू रेत शीशे के समान चमकती थी। यहां बात हो रही है शाह सतनाम जी धाम वाली जगह की। दूर-दूर तक घास का एक तिनका भी कहीं दिखाई नहीं देता था। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि अल्लाह, राम, वाहेगुरु, खुदा बहुत बड़ा खिलाड़ी है। किसी के समझ में नहीं आते उसके खेल। इसी प्रकार वो आम इन्सान भी सार्इं जी के गूढ़ वचनों की रमज को समझ ना पाए। लेकिन सतगुरु जब चाहता है, सब समझ में आ जाता है।

वो अपने आप सब खेल कर जाता है। उन वचनों का सच होने का टाईम आ गया था। पूज्य मौजूदा गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने जब 1993 में उन रेत के टीलों को उठवा कर यहां पर डेरा सच्चा सौदा शाह सतनाम जी धाम के नाम से एक बहुत ही आलीशान विशाल आश्रम स्थापित किया, तब लोगों ने माना कि पूजनीय बाबा बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने ठीक यही फरमाया था और ये भी वचन किए कि पूरी दुनिया सच्चा सौदा को जानने लगेगी, पूरी दुनिया में लोग राम-नाम जपने लगेंगे।

तो जिन्हें दृढ़ यकीन है, जो बुलंद हौंसले के साथ राम-नाम और सेवा में जुटे हैं, पूज्य गुरु जी ठोक के दावा करते हैं कि सच्चे मुर्शिद-ए-कामिल बेपरवाह सच्चे सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज, पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के वचन सच थे, सच हैं और हमेशा सच ही रहेंगे। पूजनीय बेपरवाह सार्इं मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा स्थापित किया और राम-नाम के साथ-साथ मानवता की सेवा भलाई के दिन-रात कार्य शुरू किए। पूजनीय सार्इं जी, पूजनीय परम पिता जी ने वचन किए कि राम-नाम दिन दौगुना, रात-चौगुना बढ़ेगा। बच्चा-बच्चा राम-नाम जपेगा। रूहानियत के नियम हैं कि वो परमपिता परमात्मा अपना हर कार्य अपने तरीके से करता है।

पूजनीय गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इस दिन यानि 29 अप्रैल 2007 को ‘जाम-ए-इन्सां गुरु का’ (रूहानी जाम) शुरू किया। जिससे इस दिन की महत्ता और बढ़ गई। पूज्य गुरु जी ने इस दिन को रूहानी स्थापना दिवस का नाम देकर नवाजा है। पूज्य गुरु जी का रहमोकर्म है कि आज डेरा सच्चा सौदा साढ़े 6 करोड़ साध-संगत की अखियों का तारा बनकर चमक रहा है और पूरी दुनिया को मानवता भलाई का अनूठा संदेश दे रहा है। पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज द्वारा रचित एक भजन में भी आता है कि:-

सच्चा सौदा तारा अखियां दा…
साढ़े दिल दा चैन सहारा है।
जिंद वारिये गुरु तो लख वारी
सानूं जान तो लगदा प्यारा है।

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