जंक फूड को करें बॉय-बॉय नई युवा पीढ़ी जंक फूड की दीवानी है। कुछ भी खाने का मन हो तो बस दिल जंक फूड पर ही आकर टिकता है। पढ़े-लिखे युवा जानते हैं कि जंक फूड खाना सेहत के लिए उचित नहीं है पर उनकी पसंद जंक फूड ही है।

जंक फूड का नियमित सेवन हमारी पाचन प्रणाली पर प्रभाव डालता है। पेट में संक्र मण होने का खतरा बढ़ता है। पेट जल्दी-जल्दी खराब होता है। जंक फूड खाने का सबसे बड़ा दुश्मन मोटापा है और मोटापा ही अन्य कई बीमारियों की जड़ है।

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आइए जानें जंक फूड में क्या न खाएं

समोसा, ब्रेड पकौड़ा, चाट आदि न खाएं-

सड़क किनारे या दुकान पर मिलने वाली चाट, भेलपूरी, टिक्की, समोसा, ब्रेड पकौड़ा, कचौड़ी, पकौड़े आदि से परहेज करना ही बेहतर है क्योंकि इनमें प्रयोग होने वाली चटनियां, दही, पानी पता नहीं शुद्ध हैं या नहीं। चटनी पुरानी भी हो सकती है। साफ पानी का प्रयोग न होने के कारण पेट खराब हो सकता है। अगर खाने का ज्यादा मन करे तो वो चीज घर पर बनाकर खा सकते हैं, दो-तीन माह में एक बार दिन के समय खाएं। रात्रि में न खाएं। अगले दिन से अपने पौष्टिक आहार को ही अपने भोजन में स्थान दें। बाजारी खाद्य सामग्री के सेवन से पीलिया, डायरिया आदि होने का खतरा बढ़ सकता है।

चाइनीज फूड भी पहुंचाता है नुकसान

चाइनीज फूड ने युवा पीढ़ी को इतना जकड़ लिया है कि उन्हें मोमोज, नूडल्स, स्प्रिंग रोल्स खाने में इतना मजा आता है कि शाम के स्रैक्स में इन्हें खाना पसंद करते हैं। चाइनीज फूड में प्रयोग होने वाला अजीनोमोटो, तेज मसाले, अप्राकृतिक रंग आदि खाने का टेस्ट तो शायद बढ़ाते हैं और देखने में आकर्षित करते हैं पर शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। यह सब जानते हुए भी युवा इन स्वादों के गुलाम हैं। थोड़े से स्वाद के कारण स्वास्थ्य से खिलवाड़ अच्छा नहीं। इनके सेवन से सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द, पेटदर्द, पेट में जलन आदि समस्याएं आम हैं। कभी कभार तो इनका सेवन ठीक है पर नियमित स्रैक्स का हिस्सा न बनने दें।

बंद पैकेट चीजें भी सेहत की दुश्मन

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ चिप्स, जूस आदि का सेवन भी सेहत का दुश्मन है। जूस में कैलोरी की मात्र कई गुना होती है और अप्राकृतिक रंग होते हैं, चिप्स आदि भी मोटापा देते हैं और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को प्रिजर्व करने के लिए कैमिकल्स का प्रयोग सेहत के लिए ठीक नहीं। जो भी खाना हो ताजा ही खाएं। ताजे फलों का जूस सेहत के लिए लाभप्रद है। डिब्बाबंद मिठाइयां जैसे रसगुल्ले आदि का सेवन न करें। डिब्बाबंद सब्जियां और फल भी न खाएं। कार्बोनेटेड डिंक्स भी हमारी पाचन क्षमता को कमजोर करते हैं।

पिज्जा और बर्गर खाने से वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। मैदे से बने होने के कारण शरीर को रेशा नहीं मिलता जो कब्ज को बढ़ावा देता है। पेट में गैस बनाता है। इन चीजों का सेवन बहुत कम करें। अगर कभी बहुत मन हो तो होलवीट बर्गर का पैकेट लेकर घर पर खूब सारी सब्जियां, पनीर डालकर बनाएं। अपने नियमित आहार में इसे शामिल न करें। इन्हें बॉय करना ही सेहत के लिए अच्छा है।

क्या खाएं

  • मौसमी फलों का सेवन नियमित करें। ध्यान रखें फल ताजे और अच्छी तरह से धुले होने चाहिए।
  • स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, वसा और मिनरल्स हों। अंकुरित अनाज और दालों को अपने आहार में शामिल करें। सब्जियों का सेवन भी नियमित करें। सब्जी काटने से पूर्व अच्छी तरह धो लें, कम तेल में सब्जी ढक कर पकाएं, ओवर कुक न करें।
  • चाय काफी का सेवन कम से कम करें। ग्रीन टी दिन में एक बार या दो बार पिएं, क्योंकि इसमें मौजूद एंटी आक्सिडेंटस हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • सब्जियों का सूप सेहत के लिए अच्छा होता है। इसका सेवन करें।
  • जो भी खाएं ताजा खाएं, मौसमी चीजें ही खाएं घर पर बना ही खाएं।
  • अपने भोजन में करी पत्ता, करेला, पुदीना, हल्दी, मेथीदाना, अजवायन, धनिया, अदरक, लहसुन, हींग को स्थान दें। ये सब चीजें सेहत की रखवाली करती हैं और संक्र मण से हमें बचा कर रखती हैं।
  • पानी खूब पिएं।
  • खाना समय पर खाएं। तीन मेन कोर्स लें। दो बार हल्के स्रैक्स लें ताकि शरीर में स्फूर्ति बनी रहे।
  • गले हुए फल, सब्जियों का प्रयोग न करें।
  • तेज मसालों का प्रयोग भी न करें।
    -नीतू गुप्ता

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