Science teaches from daily life - sachi shiksha hindi

दैनिक जीवन से लेकर दुनिया तक सिखाता है विज्ञान

सरकारी स्कूलों में भावी इंजीनियर तैयार करने के साथ-साथ उनमें नये आइडिया इजाद करने के क्षेत्र में विज्ञान का विषय एक सार्थक प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है। केंद्र व हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों में इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि विद्यार्थियों में नए अविष्कार करने की क्षमता विकसित की जा सके।

विज्ञान शिक्षण को प्रभावी बनाने के उद्देयार्थ शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर सच्ची शिक्षा टीम ने सिरसा के जिला विज्ञान विशेषज्ञ एवं केमिस्ट्री में पीएचडी डॉ. मुकेश कुमार से एक खास बातचीत की, इसके कुछ अंश:-

सवाल :- एक विद्यार्थी के लिए विज्ञान शिक्षण क्यों आवश्यक है, इसका महत्व भी बताएं ?

जवाब :- विज्ञान बच्चों को उनके आसपास की दुनिया के बारे में सिखाता है। विज्ञान का सम्बन्ध केवल किताबों और प्रयोगशाला तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सम्बन्ध दैनिक जीवन में भी है। आज मानव ने विज्ञान के कारण ही चन्द्रमा तथा अन्य ग्रहों तक पहुंचने और अन्तरिक्ष में भ्रमण करने में सफलता प्राप्त की है। बिना विज्ञान के इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। विज्ञान के अध्ययन से बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास आदि गुणों का भी विकास होता है।

सवाल : विज्ञान शिक्षण को विद्यालय स्तर पर प्रभावी बनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा क्या किया जा रहा है?

जवाब : विज्ञान एक प्रैक्टिकल सब्जेक्ट है। इसके लिए विभाग द्वारा समय-समय पर स्कूलों में साइंस किटें भेजी जाती हैं और ब्लॉक स्तर व जिला स्तर पर विज्ञान विषय के अध्यापकों व प्राध्यापकों की साइंस किट की ट्रेनिंग भी करवाई जाती है। डाइट डिंग में साइंस प्रमोशन प्रोग्राम के तहत साइंस अध्यापकों को साइंस के प्रयोग व गतिविधियों से सम्बन्धित ट्रेनिंग भी करवाई जाती है। विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए साइंस वैन के माध्यम से स्कूलों में विज्ञान से सम्बन्धित गतिविधियां करवाई जाती हैं।

सवाल : विद्यार्थियों के लिए विज्ञान से सम्बन्धित कौन-कौन से प्रोग्राम हैं?

जवाब : साइंस सिटी कपूरथला में सरकारी विद्यालयों में विज्ञान संकाय पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक भ्रमण, इंस्पायर अवार्ड मानक, जिला स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, जिला स्तरीय निबन्ध लेखन प्रतियोगिता, राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी, बुनियाद प्रोग्राम, सुपर 100 प्रोग्राम, नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम (युविका), रमन यंग साइंस इन्नोवाटर अवार्ड इत्यादि कार्यक्रम चल रहे हैं।

सवाल : इंस्पायर अवार्ड मानक योजना क्या है और स्कूली बच्चे इसमें कैसे भाग ले सकते हैं?

जवाब : इंस्पायर अवार्ड मानक विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग भारत सरकार का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य मेधावी छात्रों के अंदर छोटी आयु में ही विज्ञान की पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा करना व वैज्ञानिक अनुसन्धान को अपना भविष्य बनाने के लिए प्रेरित व आकर्षित करना है। इस योजना के तहत छठी से दसवीं कक्षा के मेधावी छात्रों के मौलिक विचारों को आॅनलाइन पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित किया जाता है।

विद्यार्थी स्कूल मुखिया के माध्यम से आॅनलाइन अपने मौलिक विचारों को भेज सकता है। विचार चयनित होने पर सम्बन्धित विद्यार्थी को दस हजार रुपये की राशि प्रोजेक्ट/मॉडल बनाने के लिए दी जाती है। चयनित विद्यार्थी जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेता है।

सवाल : बुनियाद प्रोग्राम क्या है और ये किस मकसद से शुरू हुआ है?

जवाब : बुनियाद प्रोग्राम स्कूल शिक्षा विभाग व हरियाणा सरकार द्वारा विकल्प फाउंडेशन के माध्यम से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को सक्षम व प्रशिक्षित करने के लिए शुरू किया गया नींव कार्यक्रम है। बुनियाद प्रोग्राम उन विद्यार्थियों के लिए है, जिन्होंने 8वीं कक्षा पास की हो और 9वीं कक्षा में राजकीय विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हों। बुनियाद कार्यक्रम हेतु चयनित विद्यार्थियों के लिए पठन पाठन सामग्री, वर्दी, यातायात सुविधा इत्यादि का प्रबन्ध विभाग द्वारा किया जाता है । सिरसा जिला में राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिरसा, नाथूसरी चोपटा, ऐलनाबाद और डबवाली में स्थापित कुल चार बुनियाद केन्द्रों पर विकल्प संस्थान द्वारा ब्रॉडकास्ट किये गये लाइव लेक्चर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई करवाई जा रही है।

सवाल : सुपर 100 प्रोग्राम का उद्देश्य क्या है?

जवाब : स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा ने विकल्प संस्थान रेवाड़ी के सहयोग से 2018 में सुपर 100 योजना शुरू की थी। इस प्रोग्राम के तहत राजकीय विद्यालयों से चयनित विद्यार्थियों को नीट और आईआईटी जेईई के लिए नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है और बच्चों को रहने एवं खाने की फ्री सुविधा भी सरकार के द्वारा मुहैया करवाई जाती है। राजकीय विद्यालयों में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी जो 11वीं कक्षा में विज्ञान संकाय की पढाई करना चाहते हैं वो सुपर 100 की परीक्षा दे सकते हैं। इस वर्ष सुपर 100 प्रोग्राम के तहत सिरसा जिला से 12 विद्यार्थियों ने आईआईटी मैन्स की परीक्षा उतीर्ण की है।

सवाल : विज्ञान प्रयोगशालाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है?

जवाब : सम्बंधित विज्ञान प्राध्यापकों तथा अध्यापकों को विज्ञान प्रयोगशालाएं सुव्यवस्थित कर नियमित रूप से प्रयोग, गतिविधियाँ तथा प्रोजेक्ट कार्य आयोजित करवाने व लोग बुक में उसका रिकॉर्ड बनाने के लिए कहा गया है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि कक्षा नौवीं से बारहवीं तक सभी कक्षाएं विज्ञान प्रयोगशालाओं में लगाई जाएं तथा साइंस प्रैक्टिकल का सिलेबस साइंस लैब में चिपकाया जाए।

सवाल : क्या शीतकालीन/ग्रीष्मकालीन साहसिक महोत्सव में विज्ञान के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं?

जवाब : बच्चों में छिपी प्रतिभा को बाहर निकाल उनमें साहस और रोमांच की भावना का विकास करने एवं उनमे निर्णय लेने और सीमित संसाधनों में जीवनयापन आदि गुण विकसित करने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा विभाग, हरियाणा द्वारा प्रदेशभर के शिक्षा के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं का साहसिक गतिविधियों का शिविर टीकरताल (मोरनी हिल्स) और मनाली में विभिन्न कैंप साइट्स पर दिसम्बर व जून महीने में लगाया जाता है। यहाँ पर विद्यार्थियों को इनडोर व आउटडोर गतिविधियां जैसे रॉक क्लाइम्बिंग, बर्मा ब्रिज, कमांडो नेट, तीर अन्दाजी, ट्रैकिंग, रैपलिंग, जुमरिंग, फ्लाइंग फॉक्स, पैरेलेल रोप, लैडर क्लाइम्बिंग,एयर गन शूटिंग, लोकल साइट सीइंग, टेंट पिचिंग आदि करवाई जाती हैं।

सवाल : सरकारी विद्यालयों में विज्ञान संकाय पढ़ रहे विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण से क्या फायदा होता है?

जवाब : अगस्त 2022 में सरकारी स्कूलों के कक्षा 11वीं में विज्ञान संकाय पढ़ने वाले 27 स्कूलों के 100 विद्यार्थियों को अटारी बॉर्डर, जलियांवाला बाग, स्वर्ण मंदिर अमृतसर, पुष्पा गुजराल विज्ञान नगरी कपूरथला, ब्रह्मसरोवर, कृष्ण संग्रहालय, ज्योतिसर व कल्पना चावला प्लेनेटोरियम कुरुक्षेत्र सहित अनेक स्थलों का भ्रमण करवाया गया था। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने 72 एकड़ में बने पुष्पा गुजराल साइंस सिटी में स्पेस थिएटर, लेजर शो, 3डी शो, भूकंप सिमूलेटर, फ्लाइट सिमूलेटर, क्लाइमेट चेंज थिएटर के माध्यम से अपने ज्ञान में इजाफा किया। बच्चों को कृष्ण संग्रहालय कुरुक्षेत्र में महाभारत का पूरा इतिहास देखने के साथ-साथ एशिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित सरोवर को देखने के साथ इतिहास के बारे में जानने का मौका मिला।

सवाल : सिरसा जिला के कितने स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब है और उसके क्या फायदे हैं ?

जवाब : नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था), भारत सरकार द्वारा अटल इन्नोवेशन मिशन के तहत सिरसा जिला में 35 स्कूलों को अटल टिंकरिंग लैब आवंटित हुई है। अटल टिंकरिंग लैब में विद्यार्थी रोबोटिक्स, सेंसर्स, 3डी प्रिंटर्स व विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अटल इनोवेशन मिशन का मुख्य उद्देश्य अटल टिंकरिंग लैब के माध्यम से विद्यार्थियों को नई टेक्नोलॉजी से रूबरू करवाना व उनके नवप्रवर्तन/नये आईडिया को सार्थक करने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाना है।

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