Shown the 'way to live' to a drug-addicted minor. Depth Campaign

नशे की आदी नाबालिग को दिखाई ‘जीने की राह’

  • पंजुआना में आॅनलाइन सत्संग के दौरान पूज्य गुरु जी से हुई थी रूबरू बात

पूज्य गुरु जी द्वारा नशे के खिलाफ चलाई गई डेप्थ मुहिम के समाज में सार्थक परिणाम सामने आए हैं। जिन घरों में नशे के कारण अक्सर क्लेश रहता था, वहां अब हंसी-खुशी व रामनाम की चर्चा होती है। इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण है सरसा जिला के बड़ागुढ़ा खंड के एक गांव में रहने वाली 15 वर्षीय रेखा (काल्पनिक नाम), जो अपने माता-पिता व 2 बहन-भाइयों के साथ रहती है।

उसका पिता लकवे का शिकार होने के चलते चारपाई के अधीन है तो वहीं उसकी माँ एक फैक्ट्री में मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने परिवार का पालन-पोषण करती है। गलत संगति की वजह से रेखा करीब 2 वर्ष पूर्व गांजे व धूम्रपान की आदी हो गई। पहले तो वह चोरी-छुपे नशा करती थी, लेकिन बाद में जब उसकी माँ को पता चला तो काफी देर हो चुकी थी। स्थिति इतनी कष्टदाई हो चुकी थी कि रेखा नशे के बगैर सुबह चारपाई से उठ भी नहीं पाती थी। जिस दिन उसे नशा नहीं मिलता था, वह घर में उत्पात मचाना शुरू कर देती।

मजबूरन माँ को खुद दिहाड़ी करके अपनी जन्मी बेटी की बुरी लत पूरी करने के लिए पैसे देने पड़ते थे। हालात दिन-ब-दिन और बिगड़ते जा रहे थे, परिवारिक सदस्यों को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें। पड़ोस में रहने वाली डेरा सच्चा सौदा की अनुयायी बहन गुरप्रीत कौर से उक्त परिवार की यह स्थिति देखी ना गई, वह पीड़ित लड़की को बीती 15 नवंबर को गाँव पंजुआना में आयोजित पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी के आॅनलाइन रूहानी सत्संग में ले आई। रेखा ने इस दौरान गुरुमंत्र लेते हुए पूज्य गुरु जी से आॅनलाइन बात भी क ी।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि बेटा! आपने आज गुरुमंत्र ले लिया है, पढ़Þाई या खेलों की तरफ ध्यान दो। साध-संगत को अपना परिवार समझो और गुरुमंत्र का जाप करना, इससे आत्मबल बढ़ेगा। पूरी साध-संगत हर समय आपके साथ है। यहीं से रेखा को जीने की एक नई राह मिल गई। रेखा ने नाम-सुमिरन करते हुए आत्मबल के साथ मात्र कुछ दिनों में ही इस लत से किनारा कर लिया। आज रेखा अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रही है।

बकौल पीड़िता, मैं गलत संगत में पड़ गई थी। नशे के बगैर मुझसे उठा भी नहीं जाता था। पूज्य गुरु जी के पावन वचनों से मुझे जिंदगी की सही राह मिल गई है। अब नशा करने की मन में भी नहीं आती। मैं मेडिटेशन भी करती हूँ। पूज्य गुरु जी ना मिलते तो पता नहीं क्या होता। मैं पूज्य गुरु जी की कोटि-कोटि आभारी हूँ। साध-संगत मेरी पूरी संभाल कर रही है। अब मैं बिल्कुल ठीक हूं।
-रेखा (काल्पनिक नाम)।

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