Sleep Is Important For Health -sachi shiksha hindi

Sleep अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है शांत नींद

Sleep Is Important For Health शांत नींद अच्छी सेहत के लिए सबसे बड़ी नियामत है। आधुनिक जीवन शैली ही कुछ ऐसी है कि शांत नींद कम लोगों को ही नसीब होती है। शांत नींद से शरीर में ताकत, स्फूर्ति और कार्यक्षमता बढ़ जाती है।

लोग किसी तनाव के कारण शांत नींद नहीं ले पाते या उनकी जीवन शैली ऐसी है कि नींद पूरी नहीं हो पाती, उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ने लगता है। स्वभाव में चिड़चिड़ापन व आलस्य बढ़ता जाता है। अच्छी नींद के लिए कई लोग शराब या नींद की गोलियों का सहारा लेते हैं। प्रारंभ में तो अच्छी नींद आ जाती है पर धीरे-धीरे शरीर की नींद प्रणाली पर प्रभाव डालना शुरू कर देते हैं जो भविष्य में नुक्सानदायक सिद्ध होता है। वैसे भी लंबे समय तक नींद की गोलियों का सेवन खतरनाक होता है। इससे अन्य समस्याएं पनपने लगती हैं।

ऐसे में अच्छी शांत नींद के लिए प्राकृतिक उपाय प्रयोग में लाने चाहिएं जिससे हमारी नींद प्रणाली ठीक काम करना प्रारंभ कर दें और कोई अन्य समस्या भी पैदा न हो।

Also Read :-

नजर डालते हैं कुछ ऐसे नियमों पर जिन्हें अपनाकर शायद आप भी शांत नींद ले पाएं और अपना स्वास्थ्य ठीक रख सकें।

  • देर रात्रि में कुछ न खाएं। रात्रि खाना 8 बजे तक खा लें ताकि सोने तक खाना पच जाए। देर रात तक खाना या स्रैक्स लेने से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है और नींद आने में समस्या होती है।
  • बिस्तर पर जाने के बाद न तो कोई काम करें, न ही टी.वी देखें। इससे नींद भाग जाएगी। टीवी भी रात्रि 9 बजे के बाद न देखें।
  • जब आप बिस्तर पर जाएं तो आंखें बंद कर लेटने का प्रयास करें और अपनी श्वासों की ओर ध्यान दें। धीरे-धीरे आप निद्रा के आगोश में समा जायेंगे।
  • यदि रात्रि में पढ़ने के शौकीन हैं तो मेज कुर्सी पर बैठकर कुछ अध्यात्म या प्रेरणा देने वाली पुस्तकें पढ़ें। ड्रामेटिक नावल, जासूसी किताबें या मनोरंजन युक्त पुस्तकें न पढ़ें।
  • रात्रि में यथासंभव शीघ्र सोने का प्रयास करें। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार हमारे शरीर के विेशेष अंग विशेषत: एड्रिनल ग्लैंडस रात्रि 11 से 1 बजे तक नींद में अपनी शक्ति पुन: प्राप्त करते हैं। यदि समय पर नहीं सोयेंगे तो आपके एड्रिनल ग्लैंडस इसका लाभ नहीें उठा पायेंगें।
  • अच्छी नींद के लिए स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से व्यस्त रखें, ताकि दिमाग व्यर्थ की बातों में न उलझें।
  • सोने का समय तय कर लें और उसी रूटीन पर अमल करें। रूटीन बिगड़ने से नींद का सिस्टम बिगड़ता है।
  • मेडिटेशन भी अच्छी नींद में मदद करता है। सोने से पूर्व मेडिटेशन करने से नर्वस सिस्टम शांत होता है और अच्छी नींद आती है।
  • बेडरूम का तापमान सामान्य रखें, न अधिक ठंडा न अधिक गर्म। एसी, कूलर में ठंड लगे तो मोटी चादर ओढ़ लें। तापमान के अधिक अंतर से भी नींद नहीं पड़ती।
  • पेट्स को अपने साथ या रूम में न सुलायें। इससे एलर्जी का खतरा भी रहता है और पेट्स भी नींद खराब करते हैं।
  • अगर किसी कारणवश दो-तीन रात देर तक जागना पड़े तो अगले दिन शांत नींद के लिए दवा का सहारा न लें। प्राकृतिक तरीके से शरीर की नींद प्रणाली को पुरानें ढर्रे पर लौटने दें।
  • बेडरूम शांत रखें। रात्रि में कोई म्यूजिक 9 बजे के बाद न लगाएं।
  • सोने से पूर्व बेडरूम की लाइट और खिड़कियां बंद करें, क्योंकि खुली खिड़कियों से बाहर का शोर भी नींद खराब कर सकता है। इसका ध्यान रखें।
  • नींद न आने पर उस बारे में न सोचें। भगवान को याद करें और शवासन में लेटकर अपनी श्वासों पर ध्यान दें।
    -नीतू गुप्ता

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!