सफल होने के लिए जरूरी हैं कुछ गुण
मनुष्य का स्वभाव है सफल होना। वह चाहता है कि उसके पास पर्याप्त पैसा हो और एशो-आराम की हर चीज हो। उसकी तारीफ करने वाले लोग हों। उसका नाम एक सफल व्यक्ति के रूप में लिया जाए आदि-आदि। कहते हैं मनुष्य का खुद का दिमाग ही संसार में उसका सबसे बड़ा अध्यापक होता है।
अगर आदमी आत्मचिंतन करे तो अपने से ही बहुत कुछ सीख जाए। यहां तो अनेक लोग ऐसे हैं जिन्हें कोई उनकी कमियां बताए तो उससे चिड़ जाते हैं। हमारे यहां सदियों पहले कहा गया है ‘निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छबाए, बिन साबुन पानी बिना निर्मल करे सुभाए।‘ अभिप्राय: यह कि यदि आपकी कोई आलोचना करता है तो आप अपने व्यवहार और काम करने के तरीके में बदलाव लाएं। परिणाम अच्छा आए तो आलोचक को धन्यवाद दें। सफल मनुष्य जीवन के लिए आप अपने भीतर गुणों का विकास करें।
आइये जानें-
- आपको जिस काम में रूचि है, आप उसे करके भी अच्छा कमा सकते हैं। बस आपको अपने काम की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी करनी होगी। ऐसी क्वालिटी अपने में विकसित करें कि आपका काम लोगों को पसंद आए।
- ध्यान दें कि डर और आलस सफलता के दुश्मन हैं। नियमित काम करने की आदत डालें। कहीं किसी से कोई सही बात कहनी हो तो संकोच न करें।
- आपके पास जितना भी पैसा हो, कभी-पूरे का पूरा खर्च न हो, ऐसा प्रयास करें। पैसे को आप बचाएंगे तो पैसा आपको बचाएगा। कहा भी गया है कि पैसा ही पैसे को कमाता है। अगर पैसा बिल्कुल ही खर्च कर दिया तो संभव है कहीं आने-जाने लायक या कोई काम करने लायक हम न रह जाएं।
- कब कोई काम आ जाए, वक्त का पता नहीं, इसलिए यथासंभव किसी की उपेक्षा न करें, किसी को अपमानित न करें, किसी को हेय दृष्टि से न देखें। दूसरों की उपेक्षा, अपमान करने वाले अच्छे नहीं समझे जाते।
- प्रेमचंद्र ने लिखा है शोषण करने वाले समाज में सम्मान पाने के अधिकारी नहीं हैं। अगर आपने किसी का आर्थिक, मानसिक या शारीरिक शोषण किया है तो शोषित व्यक्ति आपको कभी माफ नहीं करेगा और आपकी करतूत लोगों को बताएगा।
- उधार चाहे छोटा हो या बड़ा, यह महत्त्वपूर्ण नहीं है। महत्त्वपूर्ण यह है कि उधार देने वाला कभी भूलता नहीं। कुछ लोगों को उधार लेकर भुला देने की आदत होती है अत: उन्हें इस आदत के कारण कई बार अपमानित होना पड़ता है। याद रखें कि उधार लेने से पहले सोच लें कि उधार चुकता कैसे होगा, उसकी योजना पहले से ही बना लें और लगातार उस पर काम करें।
- अधिकतर लोग उन्हीं के साथ काम करना पसंद करते हैं जिनके साथ उनके पहले से संबंध हों। लोगों से मिलते-जुलते रहने से संबंध बने रहते हैं। कोई नया काम शुरू करते समय कोई आपको साथ ले सकता है तो आप काम शुरू करते समय दूसरों का सहयोग ले सकते हैं।
- हमेशा हर किसी से गर्मजोशी के साथ मिलने की आदत डालें। ढीले-ढाले, मरियल स्वभाव से मिलने से लोगों की आप में रूचि कम हो जाएगी। अच्छा सोचिए, बढ़िया तरीके से बोलिए।
- अगर आप आर्थिक रूप से परेशान हैं तो अपनी परेशानी हर किसी के सामने जाहिर न करें। केवल करीबी-विश्वसनीय लोगों से ही कहें। आर्थिक तंगी कपड़ों, चेहरे व बातचीत से जाहिर न हो अन्यथा लोग, जो आपकी मदद कर सकते हैं, आपसे किनारा करने का प्रयास करेंगे।
- अपनी हर गलती को यह समझकर न भुलाएं कि यह कोई गंभीर समस्या नहीं है। गलती-दर-गलती करना आपको भारी मुसीबत में फंसा सकता है।
- यथासंभव आप दूसरों की मदद को तत्पर रहें। ऐसे लोगों को समाज पसंद करता है, विश्वास करता है और वक्त, जरूरत में काम आता है।
- जो काम आप न कर सकें, उसे करने का वादा न करें। यदि कभी किसी से कोई वादा कर लिया तो उसे पूरा करने का हर संभव प्रयास करें ताकि आप पर भरोसा करने वाले को आप पर भरोसा बना रहे।
- जो बीत गया, उस पर रोने-पछताने के बजाए उससे सबक लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करें। किसी ने कहा है कि ’कुछ लिख के सो, कुछ पढ़ के सो, तू जिस जगह जागा सवेरे, उस जगह से बढ़ के सो।‘
ए.पी. भारती