Experiences of satsangis

बेटा! बेफिक्र होकर सो जाओ!! -सत्संगियों के अनुभव पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज की कृपा-दृष्टि

बहन कुलदीप कौर पत्नी प्रेमी सौदागर सिंह, गांव आदमपुर त. फूल जिला बठिंडा से अपने ऊपर हुई सतगुरु की रहमत का जिक्र निम्न अनुसार कर रही है:- सन् 1991 की बात है कि मेरा पति सौदागर सिंह महीने में एक हफ्ते की पक्की सेवा पर डेरा सच्चा सौदा शाह मस्ताना जी धाम सरसा आया करता था।

उनकी डयूटी सफैदों वाले गेट पर पहरे की होती थी, जिधर बहनें रफा-हाजत के लिए जाया करती थी। उनकी सेवा का हफ्ता आ गया, इसलिए उन्होंने सेवा पर आना था। उन दिनों में पंजाब में आतंकवाद जोरों पर था। बाहर तो क्या, घर में भी डर आता था कि पता नहीं कब कोई घटना हो जाए। उस समय हमारे गांव आदमपुर में दो घटनाएं हो चुकी थी। हम घर में केवल तीन ही सदस्य थे। मैं, मेरा घरवाला और मेरा चौदह-पंद्रह साल का लड़का। मेरे घर वाले ने मुझसे पूछा कि मैं अपनी सेवा की ड्यूटी पर डेरे जाऊं या ना जाऊं? क्योंकि हालात बहुत खराब थे।

आगे से मैंने पूरे हौंसले से कहा या मालिक सतगुरु ने मुझसे कहलवाया कि जो कुछ होना है, वह तो होकर ही रहेगा। अगर आप घर में हुए तो आप कौन सा उसको रोक सकते हो। आप अपनी सेवा की ड्यूटी पर बेफिक्र होकर चले जाओ, मैं काम चला लूंगी। आपने सेवा नहीं छोड़नी। मैं दूसरे घर से माता जी को बुला लूंगी। इन साहसपूर्ण बातों से मेरे पति का हौंसला बढ़ गया और वह अपना थैला उठाकर सरसा दरबार की ओर चल पड़े।

उस रात मेरे मन में डर था, इसलिए नींद नहीं आ रही थी। मैं कभी सुमिरन करती तथा कभी सोने का यत्न करती। इतने में मैंने देखा कि सतगुरु जी की दोनों पवित्र बॉडियां पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज तथा पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां हमारे बड़े गेट के द्वारा बाहरी आंगन में दाखिल होकर अंदर वाले आंगन में आकर खड़े हो गए। अब पूजनीय परमपिता जी पूजनीय हजूर पिता जी के कंधे पर हाथ रखकर दूसरे हाथ में डंगोरी पकड़े अंदर की तरफ आ रहे हैं। दोनों पवित्र बॉडियों के नूरी प्रकाश से आंगन जगमगा उठा। पूजनीय परमपिता जी ने मुझे वचन फरमाया- ‘बेटा! बेफिक्र होकर सो जाओ, अब हम आ गए हैं। ’ इतने वचन सुनकर मेरे मन का डर दूर हो गया। मैं बेफिक्र होकर सो गई। उस दिन से मुझे गहरी नींद आने लगी।

जब मैंने अपने पति को यह सारी कहानी सुनाई तो वह वैराग्य में आ गए कि सतगुरु जी अपने बच्चों की कैसे-कैसे रक्षा करता है। प्रेमियों के घरों में पहुंचकर पल-पल संभाल करता है। उस के बाद मेरे पति ने कभी भी सेवा नहीं छोड़ी।

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