Energy increases winter sunshine

ऊर्जा बढ़ाती है सर्दियों की धूप
सर्दियों में मनोदशा विकार होना आम है। लोग अवसाद का शिकार होने लगते हैं, जिसे मौसमी मनोदशा विकार (सीजनल मूड डिसआॅर्डर) के नाम से जाना जाता है।

इस मौसम में मनोदशा खराब होने के अलावा चिड़चिड़ापन, अत्यधिक नींद, थकान, मीठा खाने की चाह, मजाक-मस्ती की कमी, उम्मीद की कमी, खुद को कम आंकना आदि महसूस होता है। चूंकि, ऐसा सर्दियों में ज्यादा महसूस होता है इसलिए इन्हें विंटर ब्लूज के नाम से भी जाना जाता है।

क्यों होते हैं विंटर ब्लूज

धूप की कमी, अंधेरा, शारीरिक निष्क्रियता, खराब आहार और अत्यधिक सोने की वजह से यह हो सकता है। अंधेरापन विंटर ब्लूज का एक बड़ा कारण है। अंधेरा व्यक्ति के अंदर की ऊर्जा को कम करता है और नकारात्मकता को बढ़ावा देता है।

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चूंकि सर्दियों में धूप कम निकलती है और रात लंबी होती है इसलिए लोग ज्यादातर बत्तियां बुझाकर अपने-अपने कंबलों में ही रहना पसंद करते हैं। ऐसे में वे अंधेरे की नकारात्मकता का शिकार बनते हैं और विंटर ब्लूज महसूस करने लगते हैं। शुरूआत में ये केवल आम आलस जैसा महसूस होता है लेकिन धीरे-धीरे अवसाद में बदल जाता है। विंटर ब्लूज से बचने के उपाय भी हैं।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें:

सर्दियों में हम थोड़ा निष्क्रिय होने लगते हैं। एक जगह बैठे रहने और गति न करने की इच्छा आम है। लेकिन यही मुश्किल की जड़ भी है क्योंकि सक्रियता जरूरी है। शारीरिक सक्रियता सर्दियों में होने वाले अवसाद से बचने का एक खास और कारगर उपाय है। नियमित व्यायाम, योग, नृत्य, खेल-कूद आदि से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ये सभी गतिविधियां मनोरंजक होने के साथ-साथ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी फिट रहने में सहायक होती हैं।

त्यौहार और जश्न में शामिल रहिए:

सर्दी का मौसम यदि मनोविकार का कारण बनता है, तो यह जश्न के भी कई कारण देता है। ये मौसम नया साल (न्यू ईयर), लोहड़ी, संक्रांति आदि का जश्न मनाने का अवसर देता है। तैयारियों में शामिल हों, जश्न मनाएं, तो विंटर ब्लूज से लड़ने में मदद मिल सकती है। ऐसे में इस मौसम को सकारात्मक रूप में लेते हुए इसका आनंद लेने की कोशिश करें।

ब्लूज से लड़ने के लिए लाइट थैरेपी:

लाइट थैरेपी ब्लूज से लड़ने का एक पुराना और कारगर इलाज है। चूंकि, सर्दियों में धूप कम निकलती है और लोग ज्यादातर बत्ती बंद करके कंबल में सोए रहते हैं इसलिए अंधेरा बना रहता है। वहीं शाम को जल्दी अंधेरा हो जाता है, जो मन में अवसाद पैदा करने लगता है। विंटर ब्लूज से बचने के लिए, अगर धूप निकली हो, तो उसमें कुछ देर अवश्य बैठें। घर में सुबह की रोशनी और धूप आने दें। उजाला दिखता रहे और घर में भी बना रहे, इसकी कोशिश करें।

जीवनशैली और खान-पान सुधारें:

सर्दियों में लोग तला-भुना ज्यादा खाने लगते हैं, तो दूसरी ओर आराम भी ज्यादा करते हैं, जो उनमें आलस पैदा करता है। यह आलस धीरे-धीरे तनाव और फिर अवसाद का कारण बनता है। इसलिए इस मौसम में रुटीन को सही रखें और हरी सब्जियों और फलों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। इन उपायों से समस्या का समाधान हो जाता है।

मस्ती में रहें:

हंसी-मजाक खराब से खराब मन को भी ठीक कर सकता है। कोरोना के कारण घर में ज्यादा वक्त बिता रहे हों, तो परिवार के साथ बैठकर मजाक-मस्ती करें। दोस्तों से बात करना पसंद है तो फोन पर या कभी उनसे मिल-बैठकर हंसी-मजाक कर सकते हैं। हास्य-व्यंग्य की किताबें पढ़ें।

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