Take care of health -sachi shiksha hindi

नौकरी के साथ सेहत का भी रखें ख्याल

जहां आज के युग में महिलाओं का नौकरी करना एक आम बात हो गई है वहीं नौकरी और घर-परिवार के बढ़ते तनाव के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसके कई प्रकार के कुप्रभाव दिखाई दे रहे हैं। आमतौर पर कामकाजी महिलाएं तनाव, अवसाद, कमर दर्द, सिरदर्द, टांगों में खिंचाव, सरवाइकिल स्पोंडिलाइटिस और कब्ज जैसी नई बीमारियों का शिकार हो जाती हैं और घर और दफ्तर दोनों के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पातीं।

सुबह के समय बच्चों को स्कूल भेजना, अपना और पति का टिफिन पैक करना, दिन के लिए बच्चों के खाने का प्रबन्ध करके जाना, फिर समय पर तैयार होकर दफ्तर पहुंचना अपने आप में बहुत थका देने वाली दिनचर्या है। सुबह के सीमित घंटों में इतने काम करने से बहुत तनाव पैदा हो जाता है।

Also Read :-

दफ्तर पहुंच कर दफ्तर का काम पूरा करना, फिर से बसों के धक्के खाते हुए घर पहुंचना, घर परिवार के कामों में जुट जाना, बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखना, यह सब कामकाजी महिलाओं के लिए बहुत तनाव पैदा करने वाला होता है। तनाव से कभी-कभी महिलाएं अवसाद की स्थिति में पहुंच जाती हैं जिससे न तो घर को सही रूप से चला पाती हैं, न दफ्तर के कार्यों को ढंग से पूरा कर पाती हैं।

प्रात: काल इतने घंटे रसोई में खड़े होकर काम करने के बाद दफ्तर पहुंचकर टांगें लटकाकर अधिक समय बैठने से पैरों की सूजन, टखनों और घुटनों में दर्द, टांगों में खिंचाव आदि बीमारियों का शिकार बन जाती हैं कामकाजी महिलाएं। टांग पर टांग रखकर अधिक समय बैठने से घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है।

कोशिश करें कि दोनों टांगों पर बराबर बोझ डालें। बीच बीच में जूते उतार कर पैरों को आराम दें, लगातार एक जगह बैठ कर काम न करें और थोड़ी-थोड़ी देर पश्चात उठती-बैठती रहें। ऐसी महिलाओं को घर आकर रात्रि में पैरों को नमक मिले पानी से सेंक करना चाहिए।

सही स्थिति में न बैठने से और झटके से बार-बार उठने से कमर दर्द की शिकायत होती है इसलिए कुर्सी मेज पर काम करने के लिए सही स्थिति में बैठें और उठते हुए आराम से उठें जिससे कमरदर्द से बचा जा सके।
अधिक झुककर काम करने से आंखों पर प्रभाव पड़ता है जिससे सिरदर्द की शिकायत बढ़ जाती है। लिखने-पढ़ने का काम करते समय ध्यान रखें कि रोशनी का सही प्रबन्ध हो। समय-समय पर अपनी आंखों की जांच करवाते रहें।

लगातार लिखने-पढ़ने का काम करने से गर्दन और कंधों की हड्डियों में खिंचाव आ जाता है। लिखने-पढ़ने का काम करते समय बीच में कुछ समय के लिए आंखें बंद करके आराम कर लें, गर्दन को तीन ओर धीरे-धीरे घुमा कर व्यायाम करें। ध्यान रखें कि गर्दन को आगे की ओर न झुकाएं। खाना-खाने के बाद हो सके तो पैर कुर्सी पर रखकर आंखें बंद करके थोड़ा सुस्ता लें जिससे गर्दन और कंधों को आराम मिल जाएगा।

नौकरी करने वाली महिलाओं को कुछ बातें हल्के मन से लेनी चाहिएं, जिससे मानसिक तनाव और न बढ़े। हंसते-हंसाते रहना चाहिए जिससे कुछ तनाव अपने आप कम हो जाते हैं। कामकाजी महिलाओं को अपने और अपने परिवार के पौष्टिक भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कोशिश करें, रात को नींद पूरी लें। नींद पूरी न लेने पर कब्ज की शिकायत हो जाती है। कब्ज होने पर पेट की कई बीमारियां जन्म ले लेती हैं। सही खान-पान से और पूरा आराम लेने से उससे बचा जा सकता है।

योजनाबद्ध तरीके से चलने पर भी तनाव कम किया जा सकता है। घर परिवार के सभी सदस्यों को कामकाजी महिला को सहयोग देना चाहिए व घर का वातावरण हल्का-फुल्का रखने का प्रयास किया जाना चाहिए। घर के काम पूरे न होने पर हीनभावना का शिकार उन्हें न बनायें। उन पर किसी प्रकार का तनाव न डालें।

यदि घर की लक्ष्मी तनावमुक्त रहेगी तो घर स्वर्ग बन जायेगा और वह अपना कुछ समय अपने स्वास्थ्य की देखरेख में दे सकेगी। स्वास्थ्य ठीक रहने पर वह घर-परिवार और दफ्तर के साथ-न्याय कर सकती है।
-नीतू गुप्ता

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!