हॉस्टल ग्रोइंग बच्चे को सिखाएं ये आदतें
बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अपने घर से दूर स्कूल, कॉलेज में भेजते हैं। ऐसे में बच्चों को वहां हॉस्टल में रहना पड़ता है। हॉस्टल का माहौल घर से बिल्कुल अलग होता है। बच्चों को हॉस्टल जाने में जितनी दिक्कत महसूस होती है, अभिभावकों के लिए भी पल बहुत कठिन होता है। इसलिए माता-पिता को बच्चे को हॉस्टल में भेजने से पहले कुछ प्लानिंग करनी चाहिए व वहां बच्चा अच्छे से रह सके, इसलिए उसे कुछ बातें सिखाई जानी आवश्यक होती है।
Also Read :-
- बच्चों को क्रिएटिव बनाती है प्ले थेरेपी
- बच्चों से काम लेना भी एक कला है
- जगाएं बच्चों में चैंपियन बनने की क्षमता
- बच्चों को सिखाएं बुजुर्गों का सम्मान करना
- संस्कारी बच्चा ही भावी पीढ़ी का निर्माता
Table of Contents
तो आईये जानते हैं, ऐसी ही कुछ बातें जो हॉस्टल गोर्इंग बच्चे को सिखाई जानी चाहिएं:-
आत्मनिर्भरता:
अगर आप बच्चे को बांधकर रखते हैं, तो उसके लिए हॉस्टल में रहना मुश्किल हो सकता है। इसलिए आपको अपने बच्चे को आत्मनिर्भर भी रहने देना चाहिए। इससे उसमें कॉन्फिडेंस लेवल डेवल्प होगा, साथ ही वह जिम्मेदारियां लेने के लिए भी तैयार होगा। इसलिए बच्चे के लिए बार-बार रोका-टाकी न करें। उसे कुछ निर्णय खुद से लेने दें, ताकि उसे हॉस्टल में दिक्कत न हो। अगर आप ही बच्चे का हर निर्णय लेंगे, तो इससे उसे बाद में हर जगह पर आपकी जरूरत पड़ सकती है और हॉस्टल में आप बच्चे के साथ नहीं होते हैं।
अनुशासन:
बच्चे को डिसिप्लिन जरूर सिखाएं। इसके लिए आप अपने बच्चे को अपना बिस्तर उठाना, बेड शीट बिछाना सिखाएं। अपने कपड़ों, किताबों और स्टेशनरी के सामानों को सही जगह पर रखने की आदत सिखाएं। इससे बच्चे का सामान खोएगा नहीं, और जब उसे जरूरत होगी तो आसानी से मिल जाएगा। साथ ही बच्चे को उसका एक शेड्यूल और रूटीन को फॉलो करने की आदत डालें।
नए रिश्ते बनाना सिखाएं:
सभी बच्चों को खुले विचारों का होना चाहिए। सभी के साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए। अगर आप बच्चे को हॉस्टल भेज रहे हैं, तो उसे नए रिश्ते बनाना जरूर सिखाएं। अगर आपका बच्चा अकेले रहना पसंद करता है, तो उसे नए दोस्त बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को अलग-अलग लोगों से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे आपका बच्चा हॉस्टल में दोस्तों के साथ आसानी से रह पाएगा। अगर बच्चा सहमा हुआ और अकेला रहने वाला होता है, तो उसे हॉस्टल में दिक्कत हो सकती है। वह अकेलापन महसूस कर सकता है।
पैसों की सही प्लानिंग:
वैसे तो सभी बच्चों को मनी हैंडलिंग करना सिखाना चाहिए, लेकिन अगर आप बच्चे को हॉस्टल भेज रहे हैं, तो उसके लिए मनी हैंडलिंग सीखना ज्यादा जरूरी हो जाता है। क्योंकि हॉस्टल में बच्चे को पॉकेट मनी मिलती है और उसे उन्हीं पैसों के हिसाब से खर्चा करना होता है। इसके लिए आप बच्चों को पैसों की वैल्यू सिखाएं, ताकि वह फिजूल का खर्च करने से बच सके। साथ ही बच्चों को सेविंग करना भी जरूर सिखाना चाहिए। लेकिन सेविंग के चक्कर में बच्चे को उनकी जरूरतों को मारने के लिए बिल्कुल न कहें।
मैनेजमेंट करना सिखाएं:
आपको अपने बच्चे को टाइम मैनेजमेंट, मनी मैनेजमेंट और दूसरी सभी चीजों को मैनेज करना आना चाहिए। अगर बच्चे को मैनेजमेंट आता होगा, तो वह आसानी से हॉस्टल लाइफ एंज्वॉय कर सकता है। अन्यथा उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
हॉस्टल भेजने के बाद बच्चे से जुडे रहें:
अगर आपने बच्चे को हॉस्टल भेज दिया है, तो उसके साथ हमेशा कनैक्टेड रहें। रोजाना बच्चे से 2-3 बार बात जरूर करें। बच्चे से उसका हाल-चाल पूछें। आप बच्चे के साथ वीडियो कॉल पर बात कर सकते हैं। इससे बच्चे को बिल्कुल भी दूर रहने का अहसास नहीं होगा।