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देर तक जागने की आदत से घट सकती है उम्र

समय पर उठना और समय पर सोना दोनों ही सेहतमंद रहने के लिए जरूरी हैं। वैसे आजकल लोगों ने आधी रात तक जागने को ही आदत बना लिया है। मोबाइल फोन या टीवी देखने के चलते आधी रात तक जागना और फिर नींद ना आना, जिससे बैचेनी, टेंशन, बिना वजह का तनाव जैसी समस्याएं इन्सान को घेरने लग जाती हैं जो भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

अगर आप देर से सोते हैं तो जाहिर सी बात है कि देर से उठेंगे, क्योंकि 6-8 घंटे की नींद लेना हर किसी के लिए जरूरी है। रात को समय पर सोने के लिए इसलिए कहा जाता है, ताकि आपकी हेल्थ बेकार स्लीप पैटर्न की वजह से खराब न हो, देर से सोने की वजह से रोजमर्रा के काम भी प्रभावित होते हैं। देर रात तक जागने वालों पर हुई एक रिसर्च के परिणाम बेहद चौंकाने वाले हैं। ऐसे लोगों के ऊपर जल्दी मौत का खतरा मंडरा रहा है।

कई रिसर्च में ऐसा दावा किया गया है कि रात में जागना कई बीमारियों को दावत देने जैसा है। स्टडी में दावा किया गया है कि जिन लोगों को रात में जागने की आदत होती है, उन लोगों में कम उम्र में ही मौत होने का जोखिम रहता है। एक्सपर्ट्स ने उन कई कारणों को भी खोजा है, जिनकी वजह से रात में जागने वाले लोगों की जीवन के कीमती साल कम हो सकते हैं। रिसर्चकर्ताओं की मानें तो दिन के मुकाबले रात में जागने वाले लोग स्मोकिंग और शराब जैसे नशे के प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं जो शरीर के लिए अधिक घातक साबित होता है।

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क्रोनोबायोलॉजी इंटरनेशनल:

द जर्नल आॅफ बायोलॉजिकल एंड मेडिकल रिदम रिसर्च’ में छापे एक लेख के अनुसार, रिसर्चर्स ने लगभग 23,000 जुड़वा बच्चों के डेटा को देखने के बाद यह बात कही है कि जो लोग सुबह जल्दी उठते हैं, उनके मुकाबले रात में जागने वाले लोगों के मरने की संभावना 9 फीसदी ज्यादा है। इन सभी जुड़वा बच्चों ने 1981 से 2018 तक फिनिश ट्विन कोहोर्ट स्टडी में हिस्सा लिया था. इसमें से 8,728 लोगों की मौत हुई। इस डेटा के विश्लेषण में एक राहत की बात यह भी रही कि रात में जागने वाले जो लोग नशा नहीं करते हैं, उनके ऊपर इस तरह जल्दी मरने का खतरा बहुत कम है।

देर रात तक जागने के कारण होती हैं ये परेशानियां

आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव-

आजकल लोगों अधिकतर युवाओंं का साथी मोबाइल फोन बन गया है। देर रात जगने वाले लोगों को अकसर मोबाइल चलाने की आदत होती है। जब तक वह उनकी आंखें थम नहीं जाती, वे मोबाइल देखते रहते हैं। मोबाइल की लाइट आंखों की नमी को सोखने का कार्य करती है, इसकी वजह से आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। अकसर युवावस्था में ही विजन कमजोर के मामले सामने आ रहे हैं।

बढ़ता तनाव और चिंता:

देर रात तक जगने वाले लोगों में तनाव और चिंता जैसी समस्याएं आम देखी जा सकती हैं, क्योंकि रात में वो हर बात दिमाग में आती है, जो चिंता और तनाव का कारण बन जाती है। यही कारण है कि आपको देर रात तक जगने से बचना चाहिए।

पाचन क्रिया में गड़बड़ी:

आधी रात तक जगने वाले लोगों में यह दिक्कत भी देखी जाती है। यदि आप चाहते हैं कि आपके द्वारा खाया गया भोजन जल्दी पच जाए तो रात में समय पर सोने की आदत डालें।

मोटापे की समस्या:

देर रात तक जागने वाले लोगों को अक्सर रात में भूख लगने लग जाती है। अपनी भूख को मिटाने के लिए वो तरह-तरह की चीजें खाते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो अभी संभल जाएं. क्योंकि इससे आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है।

डार्क सर्कल:

रात में जागने वाले लोगों की आंखों के नीचे डार्क सर्कल भी उबर आते हैं. जिसकी वजह से चेहरा खराब लगने लगता है। इससे बचने के लिए समय पर सोएं और अच्छी नींद लेनी चाहिए।

रात तक जागने वाले व्यक्ति में मौत का खतरा मुख्य तौर तभी बढ़ता है, जब वह तंबाकू और शराब का बड़ी मात्रा में सेवन करता है।
-क्रिस्टर हब्लिन, फिनिश इंस्टीट्यूट आॅफ आॅक्यूपेशनल हेल्थ, फिनलैंड।

देर रात तक जागने वालों को हृदय रोग व मधुमेह का भी खतरा

वहीं एक शोध में यह भी सामने आया है जो लोग देर रात तक जागते हैं उनमें हृदय रोग और मधुमेह का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। देर रात तक जगने से हमारे शरीर के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसी की वजह से हम कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित हो जाते हैं।

एक शोध से यह बात भी सामने आई है कि जो लोग रात के समय अधिक देर तक जागते हैं उनमें डायबिटीज और हार्ट रोगों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि उनमें वसा अधिक मात्रा में जमा होने लगती है। नींद न पूरी लेने की वजह से कई बार हमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी बीमारी भी हो जाती है जिसके बाद सर्दी, जुकाम, और फ्लू होने का भी खतरा बढ़ जाता है। बढ़ते हुए वजन या फिर मोटापे का भी एक कारण देर रात तक जागना है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में यह पाया कि जो लोग जल्दी उठते हैं वे अधिक एनर्जी के लिए वसा पर निर्भर रहते हैं और भारी मात्रा में वसा युक्त पदार्थों का सेवन करते हैं, लेकिन वे दिनभर सक्रिय रहते हैं जिससे ऊर्जा खर्च होती है, लेकिन जो लोग देर रात तक जागते हैं और देर में उठते हैं उनके द्वारा दिनभर में उतनी ऊर्जा खपत नहीं हो पाती और शरीर में वसा जमने लगती है. ऐसे में टाइप-2 मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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