गर चाहते हैं करियर में आगे बढ़ना हर इंसान की चाहत होती है कि वह करियर में कामयाब बने पर कामयाब बनने के लिए ईमानदारी, काम में परफेक्शन, अनुशासन, व्यवहार, व्यक्तित्व सभी बातें जरूरी हैं।
सब कुछ होते हुए भी कुछ छोटी बातें ऐसी हो जाती हैं जो कामयाबी की मंजिल को छूने में आपको पीछे कर देती हैं।
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- कर्मचारियों को बाँध कर रखना आपके अपने हाथ में है
आइए जानें उन छोटी-छोटी बातों को और उनसे हर स्टेप पर दूरी बना कर रखें।
कुछ लोगों की आदत होती है अपनी गलतियों को छिपाने की और पता चलने पर इल्जाम दूसरे सहयोगी पर डाल देते हैं। इससे बचें।
- काम करते हुए गलतियां तो हो ही जाती हैं। उन्हें सुधारें। दूसरों पर गलती न डालें।
- अपनी वर्तमान नौकरी को न पसंद करना, अधिक छुट्टी लेना, आफिस के नाम से चिढ़ना, यह व्यवहार बहुत गलत है। ऐसा रवैय्या आपकी प्रगति में बाधा बनेगा।
- अपनी वर्तमान नौकरी को सकारात्मक लें। ऐसा करने से कई संभावनाएं नजर आएंगी। अगर अपने क्लीग्स और बॉस से किसी बात पर मनमुटाव हो जाए तो बाकी स्टाफ से कुछ लोग बुराई करने लगते हैं। यह आदत ठीक नहीं।
- बॉस के विचारों से सहमत न होने पर भी बहस न करें। बाद में अपना मत व्यक्त करें। बहस कर आप अपना इंप्रेशन खराब करेंगे।
- ल्ल सहयोगी को अगर मदद चाहिए और आपके पास समय हो तो उसकी मदद करें। अगर समय नहीं तो स्पष्ट कहें कि अपना काम समाप्त करने पर ही कुछ मदद कर सकूंगा।
- बॉस अगर कुछ नया प्रोजेक्ट या काम दें तो मना मत करें, न ही टाल-मटोल करें। उनसे सहयोग लेकर काम पूरा करने का प्रयास करें। इमेज खराब नहीं होगी।
- स्वयं को कमतर न समझें, न ही ओवर कांफिडेंट बनें। जिस पोजीशन पर मेहनत कर पहुंचे हैं, आगे भी मेहनत कर बढ़ने का प्रयास करें और समय-समय पर अपना अवलोकन करते रहें।
- नकारात्मक सोच न रखें। अपनी क्षमता और मेहनत पर विश्वास रखें।
- ऊपरी मंजिल तक पहुंचने के लिए कुछ नया सीखते रहें ताकि अच्छा अवसर हाथ से न जाने पाए।
- आफिस में अपनी इमोशंज पर काबू रखें। अपना व्यक्तिगत जीवन और प्रफेशनल जीवन अलग रखें। इससे आपका कांफिडेंस लेवल बना रहेगा।
- अपने व्यक्तिगत स्वभाव का बेवजह प्रदर्शन आफिस में न करें जैसे ईर्ष्या, क्र ोध, अहंकार, आकर्षण आदि।
- अपने काम के प्रति समर्पित रहें। भावनाओं को दूर रखें।
- कंपनी की शिकायत या आलोचना बार-बार न करें। यह आपकी तरक्की में बाधक हो सकता है।
- दूसरों के गुणों की प्रशंसा करें। उनकी खूबियों से सीखें।
सुदर्शन चौधरी