औषधीय गुणों से भरपूर अदरक Ginger
अदरक में विटामिन ए और सी पाया जाता है। यह क्षार उत्पन्न करता है। भोजन से पहले थोड़ी अदरक प्रतिदिन काले नमक के साथ खाने से रूचि उत्पन्न होती है, भोजन शीघ्र पचता है, अफारा, कृम और शूल दूर हो जाता है, पित्त उत्तेजित होता है, हृदय को बल मिलता है। अदरक का सेवन करने से कफ और गले के रोगों को बहुत लाभ होता है। श्वास, मंदाग्नि तथा रक्तविकारों को नष्ट कर देता है। कुष्ठ, पाण्डु, मूत्रकृच्छ, रक्तपित्र, ज्वर, दाह इत्यादि में इसका प्रयोग बहुत ही अधिक लाभदायक है।
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खांसी:-
एक तोला अदरक का रस, एक तोला शहद में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से दमा खांसी के लिए बढ़िया दवा का काम करता है। दही, खटाई, लस्सी का सेवन न करें।
भूख की कमी:-
6 माशा अदरक को खूब महीन-महीन काटकर थोड़ा सा नमक लगाकर दिन में एक बार आठ दिनों तक सेवन करने से हाजमा ठीक हो जायेगा और भूख लगने लगेगी। कब्ज को भी दूर कर देता है। इसके सेवन से पेट की हवा भी साफ होती है।
पूर्ण हाजमे के लिये:-
दो तोला सोंठ, दो तोला अजवायन और नींबू का रस इतना लें कि वह भीग जाये और छाया में सुखाकर बारीक पीसकर थोड़ा नमक मिलाकर रख दें। इसका सेवन मेदे को ताकत देता है, पेट का दर्द दूर करता है। खट्टी डकार को रोक कर खाने को हजम कर देता है।
उल्टी में:-
अदरक और प्याज का रस दो चम्मच पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।
जुकाम और बंद गले में:-
अदरक का रस एक तोला, शहद एक तोला गर्म करके दिन में दो बार देने से आराम मिलता है।
मसूड़ों का फूलना:-
अगर मसूड़े फूल जायें तो तीन माशा सोंठ दिन में एक बार पानी के साथ चार दिनों तक नियमित खाने से दांत का दर्द और मसूड़ों का फूलना ठीक हो जाता है।
-इंदीवर मिश्र