Make a special plan for summer vacation

गर्मी की छुट्टियों का बनाएं खास प्लान – मौज-मस्ती के साथ करें फायदे की बात

गर्मी की छुट्टियाँ मेरे व मेरे परिवार के पसंदीदा समय में से एक है, क्योंकि यह हमारे लिए तनाव मुक्त यात्राओं पर जाने और प्रकृति के करीब जाने का एक आदर्श समय है। आमतौर पर इन छुट्टियों में नाना-नानी से मिलने जाते हैं या परिवार और दोस्तों के साथ घूमने निकल जाते हैं। इन छुट्टियों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इस दौरान परिवार के साथ बिताया गया समय हमारे जीवन-भर की यादें बन जाता है।

कुछ ऐसी मनोदशा हर विद्यार्थी की रहती है, जो अकसर पढ़ाई की ऊब से निकलकर कुछ पल प्रकृति की गोद में व सामाजिक रिश्तों की बुनियाद में बीताना चाहता है।  15 वर्षीय रहमतप्रीत बताती है कि गर्मी की छुट्टियां साल का सबसे मज़ेदार टाइम होता है, क्योंकि मुझे अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका मिलता है। मैं अप्रैल-मई में ही अपनी गर्मियों की छुट्टियों की योजना बनाना शुरू कर देती हूूं। हॉस्टल के बंद कमरे से खुली हवा में सांस लेने की तलब इतनी ज्यादा होती है कि गर्मियों की छुट्टियों के बहाने अपने परिवार यानि दादा-दादी से मिलने का अवसर मिलता है। उनकी मीठी-मीठी, प्यारी-प्यारी बातें, डांट-डपट सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

7वीं कक्षा में प्रवेश करने वाले नूरजोत ने भी इस बार छुट्टियों को लेकर खास प्लान तैयार किया है। उसका कहना है कि इस बार वह खेल का जमकर लुत्फ उठाएगा, क्योंकि पढ़ाई के इस दौर में वह अभी इससे अछूती ही है। वहीं कोई हिल स्टेशन पर भी घूमने जाने का इरादा है ताकि प्रकृति के नज़ारे देखने और उसके बीच में रहने का मज़ा लिया जा सके। मेरे दादा-दादी ने कई हिल स्टेशनों पर फैली विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और सांस्कृतिक विरासत के बारे में बताया है। इससे मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा।

इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यह छुट्टियां माता-पिता के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होती। अक्सर बच्चे छुट्टी के आनंद के नाम पर पढ़ाई से दूर होने लगते हैं। ऐसे में जहां माँ-बाप को उनका होमवर्क पूरा करवाना होता है, वहीं स्कूल खुलते ही शुरु होने वाली परीक्षाओं का भी खास ख्याल रखना होता है। कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपनाकर माँ-बाप अपने बच्चों को इन छुट्टियों में आसानी से पढ़ाई करवा सकते हैं और समर लर्निंग का नुकसान होने से भी बच जाएगा।

बच्चों को अगर नियमित रूप से पढ़ाई करवाने की जगह आप खेल का सहारा ले सकते हैं। इस काम में कुछ ऐप और वेबसाइट से मदद मिल सकती है। चूंकि बच्चों का अधिकतर समय स्क्रीन के सामने ही बीतता है तो ऐसे में इन ऐप के जरिए उनके स्क्रीन टाईम को क्वालिटी-टाईम में बदला जा सकता है।

इसके अलावा समर कैंप बच्चों के सीखने का बेहतरीन तरीका साबित हो सकता है। जिसमें वे खेल-खेल में बहुत कुछ सीख जाते हैं। बच्चों के लिए ऐसे कैंप चुनने चाहिए, जिनमें खेलकूद के साथ एजुकेशनल क्लास भी शामिल हो। इसमें मैथ ट्रिक्स, साइंस एक्सपेरिमेंट, ग्रामर, वैदिक मैथ्स, हैंड राईटिंग इत्यादि हो सकते हैं। समर कैंप में आर्ट एंड क्राफ्ट के साथ म्यूज़िक, रीडिंग और हॉली-डे होमवर्क जैसी एक्टिविटी को हिस्सा बनाया जा सकता है।

वर्कशीट से पढ़ाई का आजकल खासा चलन है। गर्मी की छ्ट्टियों में रोज़ाना एक या दो वर्कशीट करने से बच्चों की पढ़ाई की आदत तो बनेगी ही, साथ ही उन्हें ऐसे सवाल भी हल करने का मौका मिलेगा, जो उनके सिलेब्स में नहीं होते। इससे उनकी दिमागी क्षमता और बेहतर होगी।

मोबाइल का अधिक प्रयोग दे सकता है कई तरह की बीमारियाँ

छुट्टियों में अकसर देखते हैं कि कई बच्चे अधिकतर समय घर के किसी कोने में दुबक कर ही बिता देते हैं। ऐसा मोबाइल की लत के चलते होता है, जो ज्यादातर समय खुद को मोबाइल से अटैच रखते हैं। वर्तमान टाइम में लोग इतने व्यस्त हो गए है कि अपने बच्चों के बारे में सोचते ही नहीं हैं। मोबाइल जैसी चीज़ें बच्चो के हाथ में आजकल आसानी से पहुंच रही हैं, जो कि बहुत गलत है। आजकल लोग बच्चों को खाना खिलाने के लिए मोबाइल का प्रयोग करते हैं। छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में भी मोबाइल ही नज़र आता है। पर ऐसा करना बिल्कुल गलत है। अभिभावक कोशिश करेें कि जितना हो सके उन्हें मोबाइल से दूर रखें।
ज्यादा मोबाइल यूज़ करने से बच्चे को ये समस्याएं पेश आ सकती हैं:

  • स्वभाव में बदलाव।
  • मोबाइल की लत लगना।
  • डिप्रेशन से घिर जाना।
  • नींद भी कम आने लगेगी।
  • मोटापा बढ़ना।

ये तरीका अपनाएं, बच्चे रहेंगे मोबाइल से दूर

  • जब भी आपका बच्चा मोबाइल चलाने की जिद करे तो उसे समझाएं, उसका ध्यान दूसरी चीजों पर ले जाने की कोशिश करें।
  • अपने बच्चों को क्रिएटिव चीज़ों में बिज़ी रखें, जैसे कि डांस क्लासेज़, पेंटिंग बनाना, या घर में अन्य कोई क्रिएटिव कार्य दें।
  • जब बच्चे साथ में हों और आपसे बात करें तो उनके सामने मोबाइल ना चलाएं।
  • बच्चों के हाथ में मोबाइल देने की बजाए उनके साथ कुछ टाईम व्यतीत करें। उनके साथ खेलें, खुद के बचपन की यादों को भी ताज़ा करें।
  • अगर आपका बच्चा बहुत जिद्द करता है तो धीरे-धीरे उसकी इन आदतों को दूर करें। एक दिन में ही ऐसा करने की कोशिश ना करें।
  • यूट्यूब पर विडियोज़ दिखाने से अच्छा है, उन्हें कोई किस्से-कहानी सुनाएं।
  • अपने मोबाइल में पासवर्ड जरूर रखें, ताकि आपके बच्चे मोबाइल खोल ना पाएं।

ये कार्य करें

  • छुट्टियों में बच्चों को पर्सनल्टी डेवलपमैन्ट का कोर्स करवाएं।
  • योगा का कोर्स करवाएं।
  • इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स करवाएं।
  • प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करवाएं।
  • अपने शहर की प्राचीन धरोहर से परिचय करवाएं, उनका वीडियो फोटो बनवाएं और उन पर कहानी लिखने के लिए प्रेरित करें।
  • बच्चों से पढ़ाई करवाएं पर खेल-खेल में, ताकि उनको यह ना लगे कि उन पर छुट्टियों में भी अन्यास दबाव दिया जा रहा है।