Enjoy winter

ठंड का मजा लें, Enjoy winter लेकिन सर्दी-जुकाम की परेशानियों से बचें – सर्दी-जुकाम एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी मौसम में किसी भी समय हो सकती है। कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि डॉक्टर के पास जाने पर भी तुरंत राहत नहीं मिलती। सर्दी-जुकाम को रोकने के लिए नित्य नए-नए शोध हो रहे हैं और नई-नई औषधियों की खोजें की जाती हैं किन्तु अभी तक कोई सफल औषधि ऐसी नहीं बन पाई है जो सटीक एवं कारगर हो। लक्षणों के आधार पर ही सर्दी जुकाम का उपचार किया जाता है।

सर्दी-जुकाम होते ही नाक से पानी आना, लगातार छीकों का होना, हल्का बुखार, गले में खराश, आंखों में भारीपन, आंखों से पानी बहना, सिर में दर्द, गले में दर्द आदि की शिकायतें हो जाती हैं। कई बार इसके चलते काफी बुखार भी आ जाता है तथा पूरे बदन में दर्द उठने लगता है।

हालांकि जुकाम के बारे में यह कहा जाता है कि यह सात दिनों में अपने-आप ठीक हो जाता है। किन्तु जिसे यह जुकाम हो जाता है, वह जल्दी से जल्दी इससे निजात पाना चाहता है। नाक से बहते पानी और छींकों से परेशान व्यक्ति कुछ भी उपाय करने को तैयार रहता है। कभी-कभी इसके कारण नाक और गला सूख भी जाता है। अचानक नाक से पानी बहना और अचानक नाक सूख जाना बहुत ही कष्टकारी रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनके माध्यम से सर्दी-जुकाम की गंभीर समस्या से राहत मिल सकती है। यूं तो आयुर्वेद का यह भी कहना है कि जाड़े के मौसम में ठंडे पदार्थों का सेवन न किया जाय, प्रदूषण, धूम्रपान तथा धूल से भी बचा जाए। इस मौसम में दही का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

सर्दी-जुकाम से बचने के निम्नांकित आयुर्वेदिक उपचारों को निर्भीकतापूर्वक किया जा सकता है।

  • अगर सर्दी-जुकाम चरम पर है अर्थात् बदन में दर्द है, गले में खराश है, साथ ही नाक से पानी भी बह रहा हो तो सोंठ को गुनगुने पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर नाक पर लगाने से आराम मिलता है।
  • गर्म पानी में एक साफ सूती कपड़ा भिगोकर नाक और माथे पर रखने से आराम पहुंचता है।
  • दो कप पानी में एक चौथाई छोटी चम्मच सोंठ, पांच तुलसी की पत्तियां, थोड़ी-सी दालचीनी, पांच छोटी पीपल की पत्तियां तथा थोड़ा सा गुड़ मिलाकर उबाल लें। जब यह अच्छी तरह उबल जाए तो इस काढ़े को चाय की तरह घूंट-घूंटकर पीने से सर्दी-जुकाम में लाभ मिलता है।
  • एक बर्तन में पानी उबाल कर उसमें नमक मिला लें। जब पानी थोड़ा ठंडा हो जाए तो इससे गरारे करें। इससे बन्द गला खुल जाता है और सांस लेने में आराम भी मिलता है।
  • एक बड़े बर्तन में पानी उबाल कर उसमें से निकलने वाली भाप को नाक के माध्यम से खीेंचें। इससे जुकाम में अवश्य लाभ होगा।
  • अपने भोजन में अदरक का प्रयोग बहुतायत से करें। चाय, सब्जी, दाल, सलाद, आदि के रूप में अदरक को लेते रहने से जुकाम की परेशानी से बचा जा सकता है।
  • विटामिन-सी के प्रयोग से जुकाम को काबू में रखा जा सकता है। अत: अपने भोजन के साथ विटामिन-सी का प्रयोग अवश्य करते रहना चाहिए।
  • कच्चे लहसुन की दो-तीन कलियों को रोज खाते रहने से सर्दी-जुकाम पर लगाम लगाई जा सकती है। बासी मुंह लहसुन की कलियों को खाते रहने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है।
  • अजवायन भी सर्दी-जुकाम में बहुत लाभकारी होती है। इसके बीजों को कुचलकर एक पतले साफ सूती कपड़े में बांधकर सोने से पहले सूंघते रहने से अत्यन्त लाभ पहुंचता है।
  • एक गिलास गर्म दूध में एक शक्कर व एक चुटकी हल्दी मिलाकर सोने से पहले घूंट-घूंट करके पीने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती है। इसमें एक चम्मच शहद मिला लेने से और अधिक लाभ मिलता है।
  • एक कप दूध में दो कप पानी मिलाकर इसमें सात कालीमिर्च तथा सात तुलसी के पत्तियां डालकर उबाल लें। हल्का गुनगुना पीने से जुकाम में लाभ होता है।
  • तीन-चार पत्ती केसर को पांच-छह बूंद पानी में मिलाकर एक घंटे तक रख दें। इस मिश्रण को गर्म दूध में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में लाभ मिलता है। केसर मिलने से दूध का रंग बदलता है, इसलिए घबराना नहीं चाहिए। -परमानन्द परम

जुकाम से बचाव के लिए पूज्य पिता जी के वचन

  • गेहूं या चने के दाने के आकार की कच्ची हल्दी को खाली पेट चबाएं।
  • नहाते वक्त गर्म पानी मुंह में रखकर नहाएं।
  • नींबू के रस की तीन बूंदे नाक में डालने से भी जुकाम में राहत मिलती है, लेकिन इससे नाक में थोड़ी जलन भी हो सकती है।
  • किशमिश व छुहारों को दूध में उबालें। रात को सोते समय इस दूध को पीने व किशमिश-छुहारे साथ खाने से आराम मिलता है।

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