New disease of modern life I.V.S. -sachi shiksha hindi

आधुनिक जीवन की नई बीमारी सी.वी.एस.

आधुनिक जीवन में स्कूल कॉलेज से लेकर घर तक कम्प्यूटर ने घुसपैठ कर ली है। हर जगह इसके अधिकाधिक उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। बच्चे स्कूल कॉलेज के अलावा घर में कम्प्यूटर के सम्मोहन में बंधे रहते हैं।

कम्प्यूटर गेम खेलने या उसका अन्य उपयोेग करने आंखें मानिटर पर टिकी रहती हैं। हाथ की उंगलियां माउस पर रहती हैं। इसके अधिक उपयोग के कारण जो बीमारी उपयोगकर्ता को लगती है, उसे कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) कहते हैं।

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सीवीएस का प्रभाव

कम्प्यूटर एवं टीवी के अधिक उपयोग के कारण सी.वी. एस. का दुष्प्रभाव आंखों, गर्दन, रीढ़ की हड्डी, घुटनों, कमर, पैरों आदि पर पड़ता है। लक्षण स्वरूप ये समस्या पैदा करते हैं। इनकी स्वाभाविक क्रि या एवं कार्य प्रभावित होते हैं। कम्प्यूटर एवं टीवी के पिक्चर ट्यूब से निकलने वाला तेज प्रकाश घातक होता है। टकटकी लगाकर देखने से आंखों की पलकों का गिरना उठना कम हो जाता है।

इससे आंखों से निकलने वाले बचाव स्राव की मात्र में कमी आ जाती है। आंखें सूखी हो जाती हैं जिससे इनमें कड़वाहट, किरकिरी, दर्द आदि की शिकायत होती है। ऐसे में घर के बाहर सूर्य के तेज प्रकाश से आंखें चौंधिया जाती हैं। कम्प्यूटर या टीवी को प्रतिदिन निश्चित दूरी से देखने पर आंखों का लैंस स्वाभाविक गुण छोड़ देता है। दृष्टि दोष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

बचाव

कम्प्यूटर एवं टीवी के ब्राइटनेस को कम रखें। बंद कमरे में नहीं देखें। कमरे में बल्ब या ट्यूब लाइट जलाए रखें। कभी भी कम्प्यूटर एवं टीवी को समीप से या निश्चित दूरी एवं दिशा में न देखें। दूरी एवं दिशा बदलते रहें। हर एक घंटे के भीतर आंख मुंह धोएं। आंखों पर कोई चश्मा या मानिटर और टीवी पर विकिरण रोधी कांच या प्लास्टिक आदि लगाएं। डाक्टर से पूछकर आंखों पर कोई तरल पदार्थ (दवा) आई टोन लगाएं।

रीढ़ की हड्डी पर प्रभाव

कुर्सी पर लगातार बैठने एवं बिस्तर पर तकिया अधिक लगाकर टी वी देखने से रीढ़ की हड्डी दुष्प्रभावित होती है। स्वाभाविक लचीलापन खो देती है। रीढ़ के हड्डी में दर्द होता है।

बचाव

टीवी, कम्प्यूटर के दर्शक किसी भी रीढ़ की परेशानी से बचने के लिए रीढ़ की हड्डी सीधी रखकर देखें। कुर्सी पर बैठे हों तो पृष्ठभाग कुर्सी पर टिकी हो। सदैव रीढ़ की हड्डी सीधी हो। खड़े होकर रीढ़ की हड्डी को आगे-पीछे ’दायें बाएं’ घुमाने वाला व्यायाम करें। चलते समय भी रीढ़ को सीधा रखें।

घुटनों पर प्रभाव

कुर्सी पर बैठकर अधिक कम्प्यूटर, टीवी देखने से घुटने पर प्रभाव पड़ता है। घुटनों का तरल पदार्थ सूख जाता है इसीलिए इसमें दर्द होता है।

बचाव

कुर्सी पर लगातार बैठकर कम्प्यूटर, टीवी न देखें। बीच-बीच में उठकर कुछ दूर चलें फिरें। जूते चप्पल निकालकर जमीन पर पैर रखें।

कमर पर प्रभाव

कम्प्यूटर, टीवी के दर्शकों को उसके लगातार देखने के कारण कमर में अकड़न एवं दर्द की शिकायत होती है।

बचाव

कमर की शिकायत कम्प्यूटर, टीवी के दर्शकों को हो तो कुछ देर के लिए अपने स्थान से उठकर चलें फिरें। कमर को चारों तरफ झुकाएं, गोल-गोल घुमाएं, किसी भी दर्द की स्थिति में वहां मलहम लगाएं पर पेनकिलर बिना डॉक्टरी परामर्श के कदापि न लें।

पैरों पर प्रभाव

कम्प्यूटर, टीवी के नियमित दर्शकों को पैरों में दर्द या अकड़न की शिकायत होती है।

बचाव

खाली पैर चलें। उठक-बैठक वाला व्यायाम करें। पंजों को तानकर आगे की और अपनी ओर करें। सीढ़ी चढेंÞ-उतरें। दर्द निवारक मलहम लगाएं पर दवा डॉक्टर की सलाह से लें।
स्थिति अधिक खराब हो तो जानकार डॉक्टर से मिलें पर ऐसी स्थिति से पूर्व बचाव का उपाय स्वयं करें।

गर्दन पर प्रभाव

टीवी, कम्प्यूटर लगातार देखने से गर्दन अकड़ जाती है। दर्द होता है किसी दिशा में पलट कर या घूम कर देखना कठिन हो जाता है।

बचाव

टीवी, कम्प्यूटर के गर्दन पर दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ देर चलें फिरें। इनको घुमाने, दायां, बायां करने वाला व्यायाम करें। दर्द हो रहा हो, तब गोली न लेकर गर्दन के बाहरी परत में लगाई जानी वाली दवा, मलहम लगाएं।

सीतेश कुमार द्विवेदी

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