Run AC at 26 degrees save electricity and keep your heart healthy

26 डिग्री पर चलाएं अउ बिजली की होगी बचत दिल रहेगा स्वस्थ

गर्मियों की शुरूआत हो चुकी है और बढ़ते तापमान ने अभी से लोगों के पसीने छुड़ाने शुरू कर दिए हैं। इसी के साथ अब घरों में कूलर-एसी की सफाई शुरू हो चुकी है। इसी मौसम में लोग गर्मी से बचने और अपने घरों-आॅफिस को ठंडा रखने के लिए कूलर-एसी का इस्तेमाल करते हैं।

बीते कुछ समय से गर्मी के सितम से राहत पाने के लिए लोगों के बीच एसी का चलन काफी बढ़ गया है। हालांकि, इसके बढ़ते चलन का असर न सिर्फ हमारे पर्यावरण, बल्कि हमारी सेहत पर नज़र आने लगा है। एसी का ज्यादा इस्तेमाल करने से प्रदूषण तो बढ़ता ही है, साथ ही इससे हमारी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।

सिरदर्द और थकान:

अत्यधिक ठंडी हवा रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ सकती है, जिससे सिरदर्द और थकान हो सकती है।

सूखी त्वचा और आंखें:

एसी की हवा में नमी कम होती है, जिससे त्वचा और आँखें सूखी व बेजान हो सकती हैं।

एलर्जी और अस्थमा:

एसी से ठंडी हवा में धूल, मिट्टी आदि अन्य कण जमा हो सकते हैं, जो एलर्जी और अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।

गले में खराश और खांसी:

ठंडी हवा वायुमार्ग को परेशान कर सकती है, जिससे गले में खराश और खांसी हो सकती है।

संयुक्त दर्द:

ठंडी हवा जोड़ों को कड़ा कर सकती है और दर्द व अकड़न पैदा कर सकती है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करना:

लगातार ठंडी हवा में रहने से इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की शक्ति) कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

अन्य नुक्सान:

  • ऊर्जा की खपत और बिजली का बिल: एसी चलाने से बहुत अधिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे बिजली का बिल बढ़ सकता है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: एसी, रेफ्रिजरेटर आदि बिजली उपकरण ग्रीनहाउस गैसें छोड़ते हैं जो जलवायु परिवर्तन में योगदान करते हैं।
  • घर के अंदर और बाहर के तापमान में अंतर: एसी के अत्यधिक उपयोग से घर के अंदर और बाहर के तापमान में बड़ा अंतर हो सकता है, जो बाहर निकलने पर ठंड लगने का कारण बन सकता है।

एसी के नुकसानों को कम करने के लिए कुछ सुझाव:

  • एसी को जरूरत के अनुसार ही चलाएं। जब आप कमरे में न हों तो इसे बंद कर दें।
  • तापमान को 24-26 डिग्री के बीच रखें। बहुत ठंडा तापमान सेट करने से बचें।
  • नियमित रूप से फिल्टर को साफ करें। इससे हवा की गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी और एसी अधिक कुशलता से काम करेगा।
  • पंखे का उपयोग करें। पंखा हवा को घुमाने में मदद करता है और आपको ठंडक महसूस करने में मदद कर सकता है, जिसके लिए आपको एसी को कम चलाने की आवश्यकता होगी।
  • पानी पीते रहें, क्योंकि एसी की हवा प्राकृतिक हवा को सुखा देती है, इसलिए हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है।
  • नम हवा बनाए रखें। ह्यूमिडिफायर (हवा साफ करने की मशीन) का उपयोग करके आप घर के अंदर नमी का स्तर बढ़ा सकते हैं।
  • अच्छे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एसी का समझदारी से उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

सीने में इंफेक्शन, ड्राइनेस, जोड़ों में दर्द होता है: रिसर्च

अमेरिकन सोसाइटी आॅफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयरकंडीशनिंग इंजीनियर्स के एक रिसर्च के अनुसार आम लोगों के लिए एसी का तापमान 23.5 से 25.5 डिग्री के बीच रहना चाहिए। इससे कम होने पर श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा ठंडे कमरे में लंबे समय रहने से सीने में इंफेक्शन, ड्राइनेस, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द की शिकायतें हो सकती हैं। 23 डिग्री से कम एसी में लगातार रहने से खून की नसें सिकुड़ती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यह अटैक की आशंका पैदा करता है। शरीर का तापमान 37 डिग्री रहता है। अगर यह 32 डिग्री पर आ जाए तो हार्ट की रफ्तार बदलती है, जिससे हार्ट के लिए खतरा होता है। इसलिए एसी को 26 डिग्री तापमान पर रखना चाहिए।