Struggle to save human life on inaccessible mountains - sachi shiksha

Save Human Life कुछ विरले शख्स ऐसे होते हैं जो खुद की सुरक्षा के बजाय दूसरों की सुरक्षा को ज्यादा अहमिसत देते हैं। अमरनाथ, चारधाम जैसी दुर्गम यात्राओं के दौरान तीर्थयात्रियों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती होती है खुद को सुरक्षित रखना। तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य कब खराब हो जाए, पता नहीं चलता। कुछ समय बाद केदारनाथ यात्रा आरंभ होनी है। वहां आकस्मिक चिकित्सीय समस्याओं से निपटने का बीड़ा उत्तराखंड सरकार ने लगातार दूसरी बार भी डॉ. अनिता भारद्वाज को दिया है।

अनिता को माउटिंग लेडी कहा जाता है। उनका चिकित्सीय काफिला पिछले कई सालों से ती र्थयात्रियों की सेवा में लगा हुआ है। इनके मानवीय काम को देखते हुए हाल ही राष्ट्रपति ने इनको सम्मानित भी किया था। दुर्गम पहाड़ियों पर लोगों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने को लेकर उनसे विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।

बधाई हो, उत्तराखंड सरकार ने आप पर दोबारा से विश्वास दिखाया?

Save Human Life धन्यवाद देना चाहूंगी उत्तराखंड सरकार का। दरअसल, ये हमारे काम का ईनाम है। हम वर्षों से देश के दुर्गम क्षेत्रों में यात्रियों को चिकि त्सीय सुविधा प्रदान करते आ रहे हैं। पिछले वर्ष भी केदारनाथ यात्रा में मेरी संस्था ‘सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर’ ने लोगों को चिकित्या सुविधाएं मुहैया कराई थी, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश ने की सहभागिता रही थी। सफल चिकित्सा सुविधा को देखते हुए सरकार ने दोबारा सेवा का मौका दिया है। स्वास्थ्य सुविधाओं साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 95 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है।

पहाड़ों पर चिकित्सा सुविधा देने को लेकर किस तरह रोडमैप तैयार करती हैं आप?

बड़ा चुनौती भरा काम है। पहाड़ों पर जाने के लिए कई बार चिकित्सक राजी भी नहीं होते, उन्हें मनाना पड़ता है। पिछली बार उत्तराखंड के चारों धामों की समूची यात्रा में हमारा काफिला यात्रियों के इर्द-गिर्द रहा था। मुख्य जगहों पर चिकित्सा शिविर तैनात किए थे।

पोटा केबिनों में अस्थाई अस्पताल बनाए जिनमें प्रत्येक क्षेत्र के डॉक्टरों को पाली के आधार पर डयूटी दी। हमारे काम में आर्मी के जवान भी लगते हैं। पूर्व में हुए केदारनाथ हादसे के बाद सुरक्षा-सुविधाओं के हर पहलूओं पर सर्तकता दिखाई गई। तुंगनाथ बड़ा दुगर्म क्षेत्र माना जाता है वहां उच्च अलटीटूट चिकित्सा प्रबंध किए गए। साथ ही रेस्क्यू टीम भी किसी आपातकालीन स्थिति से मुकाबले के लिए तैनात थी।

ये बड़ी बात है एक महिला चिकित्सक के लिए यह सब कर पाना?

Save Human Life मुझे चुनौतीपूर्ण कार्य करने में ही मजा आता है। मुझे लगता है आधुनिक युग में वूमेन बहुत सशक्त हुई है, इसलिए अब कमतर नहीं आंकना चाहिए। हां, वह अलग बात है फिमेल चिकित्सक ज्यादातर अपना अस्पताल खोलकर प्रैक्टिस करती हैं। लेकिन मैंने शुरू से ठान रखा था कि मैं उन लोगों को चिकित्सा सुविधा दूंगी, जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। इसमें मेरा साथ हमेशा मेरे पति डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज देते रहे हैं।

देश को चिकित्सा सुविधाओं के लिए मुझे अब तक छह बार राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। सरकार ने मुझे आर्मी अस्पतालों में तैनात करने का भी आॅफर दिया है। लेकिन मेरा पहला मकसद उन जगहों पर सेवा देना है जहां लोग जाना पसंद नहीं करते। मुझे मरीजों की सेवा के अलावा परिवार के साथ भी तालमेल बिठाना होता है, उसे भी आसानी से कर लेती हूं। हमारे घर का माहौल आर्मी से जुड़ा रहा है। ससूर कर्नल रहे हैं। इसलिए अनुशासन हमारे लिए पूजा के समान है।

चिकित्सा सुविधा के इस कार्य में काफी व्यय भी आता होगा?

हां जी। लेकिन सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर हमेशा से निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करती आ रही है। शुरूआत में हमें बड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। लेकिन अब बिना कहे सरकारें हमारे मुहिम में शामिल हो रही हैं। सेवा में आहूति देने वालों की आज भी कमी नहीं है। पूरे देश के चिकित्सक हमसे संपर्क करते हैं कि उनके काफिले का हिस्सा बनना चाहते हैं। इतना होने के बाद मुझे नहीं लगता कि किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत पड़ेगी। मैं मानव सेवा को सबसे बड़ा धर्म समझती हूं। ऐसी ललक सभी में जगे इसके लिए प्रयासरत रहती हूं।

अगले माह आर्मी टीम के साथ गुलमर्ग में भी आपका कोई प्रोग्राम होना प्रस्तावित है?

हमारी संस्था और आर्मी जवानों के साथ एक ज्वाइंटवेचर चिकित्सका हाई अटीटयूट प्रोग्राम आयोजित करेगी जिसमें हम उन्हें यह बताएंगे कि विषम परिस्थितियों में कैसे चुनौती से लड़ा जाए। कार्यक्रम में कर्नल जैसे अधिकारी शामिल होंगे।

अगला पड़ाव आपका केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा देने का है?

केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। 26 अप्रैल से यात्रा आरंभ हो जाएगी। वहां के लिए हमारी चिकित्सा टीमों का गठन हो चुका है। वहां अस्पतालों को बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। अमरनाथ यात्रा में चिकित्सा सुविधा देने का हमारा लंबा अनुभव है। देश के विभिन्न अस् पतालों के 95 डॉक्टरस् सुविधाएं देंगे।

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!