सावधान! आपके दिमाग से खेलते हैं साइबर ठग Cyber criminals
- ठगों के चंगुल से बचने का विकल्प तलाशें, डरें नहीं
- खुद को ठगों के सुपुर्द करने से पहले एक बार विचार करें और बचें
- ऐसी परिस्थिति में सहनशीलता बेहतर विकल्प, जल्दबाज़ी बिल्कुल भी न दिखाएं
देशभर में साइबर ठगी का सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। यह गिरोह लोगों के दिलो-दिमाग से खेलता है और उनके विचलित भावों का जमकर फायदा उठाता है। साधारण ही नहीं, अपितु कई बार जेंटलमेन भी ऐसे ठगों का शिकार हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला सोनीपत में सामने आया है, जहाँ एक पूर्व अधिकारी व उनकी धर्मपत्नी को इन जालसाजों ने मनी लॉंड्रिंग केस के नाम पर डिजिटल अरेस्ट करते हुए 1.78 करोड़ रुपए हड़प लिए। पीड़ित दंपत्ति इस कदर उनके चंगुल में फंसा कि घबराहट में घर छोड़कर खुद को होटल में कैद कर लिया और उनके कहे अनुसार हर बात को मानते रहे। लेकिन जब पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है तो उनके पैरों तले से जमीं खिसक गई।
ऐसा ही एक और वाक्या सरसा शहर के ख्योवाली गाँव में सामने आया, जहां कॉल करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का एसपी बताकर एक महिला से 30 हजार रूपए ठग लिए। पीड़ित महिला के अनुसार, उसका पति किसी कार्य से हिसार गया था। कुछ घंटे बाद ही उसके फोन पर व्हाट्सएप कॉल आई कि उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। अगर तुम अपने पति को छुड़वाना चाहती हो तो हमें 30 हजार रुपए दे दो, हम जांच करके तुम्हारे पति को छोड़ देंगे।
हड़बड़ाहट में पीड़ित महिला ने किसी पड़ोसी से पैसे उधार लेकर ठगों के बताए एकाउंट में डलवा दिए। हालांकि इन मामलों में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है, लेकिन ऐसे अनेकों मामले सामने आ रहे हैं, तो ऐसी परिस्थिति में यदि थोड़ा विवेक एवं सहनशीलता से काम लिया जाए तो इस उलझन से बचने का रास्ता मिल जाता है। ऐसी समस्या आने पर अपने किसी परिचित या दोस्त से भी सलाह अवश्य लें, जो आपकी मनोस्थिति को समझते हुए बेहतर मार्गदर्शन करे।
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व्हाट्सएप पर आई एपीके फाईल पर न करें क्लिक Cyber criminals
साइबर एक बड़ा रोचक मामला सामने आया है, जिसमें व्हाट्सएप ग्रुप में आई एक फाइल को क्लिक करने मात्र से ही मोबाइल हैक हो गए और मोबाइल में फीड अन्य नंबरों पर स्वत: ही यह फाईल फार्वड होने लगी। दरअसल, फिरोजाबाद क्षेत्र में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक व्हाट्सएप ग्रुप से सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, साइबर ठगों ने 12 शिक्षकों के मोबाईल हैक कर लिए। गनीमत रही कि शिक्षकों ने समय रहते मोबाईल ठीक करवा लिए। आईटी एक्सपर्ट अंकित कुशवाह की मानें तो यदि मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर अथवा गु्रप में एपीके फाईल बैंक अथवा आधार कार्ड अपडेट करने के नाम से कोई फाईल आए तो भूलकर भी उसे डाउनलोड नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके माध्यम से साइबर ठग के पास आपकी पूरी जानकारी पहुँच जाएगी और इसकी आपको भनक भी नहीं लगेगी।
ध्यान रखें यह बातें:
- फोन में आॅटोमेटिक डाउनलोड आॅप्शन को बंद करके रखें।
- किसी अनजान लिंक को न खोलें।
- व्हाट्स एप को हमेशा टू-स्टेप वेरिफिकेशन पर करके रखें।
- यदि भूलवश ऐसा कुछ डाउनलोड हो जाए तो तत्काल साइबर क्राइम नंबर 1930 पर सूचना दें।
ट्राई की तरफ से कभी नहीं दी जाती धमकी, रहें अलर्ट
पिछले कुछ समय में साइबर फ्रॉड और स्कैम के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अब सरकार की तरफ से टीआरएआई (ट्राई) के नाम से की जा रही धोखाधड़ी से देशभर के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को सावधान किया है। जैसे-जैसे स्मार्टफोन्स और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है वैसे-वैसे ही साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़े हैं। पिछले कुछ समय में डिजिटल अरेस्ट लोगों को ठगी का शिकार बनाने का एक नया तरीका बन चुका है। स्कैमर्स अब ग्राहकों को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के नाम पर भी ठगने लगे हैं। अब सरकार की तरफ से मोबाइल यूजर्स इस तरह के स्कैम को लेकर अलर्ट किया गया है।
बता दें कि हाल ही में प्रेस इंफॉर्मेंशन ब्यूरो की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया गया था। सोशल मीडिया पोस्ट पर पीआईबी की तरफ से पूछा गया कि ‘क्या आपको भी दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण की तरफ से कॉल करके यह कहा गया है कि फोन के असमान्य व्यवहार के कारण आपको मोबाइल नंबर जल्द बंद कर दिया जाएगा।’
पीआईबी ने अपने पोस्ट में ट्राई को टैग करते हुए यह स्पष्ट किया कि कभी भी मोबाइल यूजर्स को ट्राई की तरफ से कॉल नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं, पीआईबी ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्राई किसी टेलिकॉम यूजर्स को नंबर बंद करने से संबंधित किसी भी तरह का कोई मैसेज नहीं करता है।
इन नंबरों से सावधान रहें:
सरकार की तरफ से मोबाइल यूज़र्स को कुछ नंबर्स बताए गए हैं और इनसे आने वाली कॉल्स को रिसीव न करने की सलाह दी गई है। अगर आपको +77, +85, +89, +86, +87 और +84 कोड से शुरू होने वाली कॉल्स आती है तो उन्हें रिसीव न करें।
शेयर बाजार में मोटे मुनाफे का झांसा देते हैं साइबर ठग
आज के समय में युवाओं में शेयर मार्किट में पैसे लगाने का काफी क्रेज बढ़ता जा रहा है। युवा कम समय में शेयर मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीद कर मुनाफा कमाने के चक्कर में रहते हैं। लेकिन साइबर ठगी से बचने के लिए मोबाइल फोन कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप कॉल, टेलिग्राम एप्प पर आए संदिग्ध लिंक या अन्य सोशल मीडिया साईट पर आए किसी भी प्रकार के लुभावने आॅफर पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए। यदि आपने गलती से भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक कर दिया तो आपके जीवनभर की पूंजी पलक झपकते ही गायब हो जाएगी और आप साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाएंगे।
बरतें सावधानी:
- एप्प और वेबसाइट के माध्यम से निवेश करते समय जांच लें कि वे असली हैं या नकली ।
- असली शेयर निवेश एप्प सेवी द्वारा लाईसेंस प्राप्त है। एनबीएफसी आरबीआई द्वारा लाईसेंस प्राप्त है ।
- ऐसी एपीके फाईलें डाउनलोड न करें जो आधिकारिक एप्प स्टोर में सूचीबद्ध न हो।
- ऐसे मैजेस पर विश्वास न करें जो उच्च रिटर्न देने का वादा करता है।
- अपना पासवर्ड और ओटीपी किसी को न बताएं।
- पासवर्ड नियमित रूप से बदलतें रहें।
निवेशक सेबी द्वारा पंजीकृत सलाहकार से ही निवेश की सलाह लें। शेयर बाजार से संबंधित धोखाधड़ी की रिपोर्ट डीमेट/डिपोजिट्री फ्रॉड श्रेणी के अंतर्गत सेबी के निवेश शिकायत सेल या www.cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं।
-विक्रांत भूषण, पुलिस अधीक्षक, सरसा