Aloo Bukhara Benefits

Benefits Of Plums खट्टा-मीठा आलू बुखारा

आलू बुखारे का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। गोल मटोल लाल रंग का आलू बुखारा देखने में थोड़ा-सा सख्त होता है, पर खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। कटोरा भर फलों के सलाद में जितने पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, उतने ही पौष्टिक तत्व एक आलू बुखारे में होते हैं। आलू बुखारा एक गुठलीदार फल है।

आलू बुखारे लाल, काले, पीले और कभी-कभी हरे रंग के भी होते हैं। आलू बुखारों का जायका मीठा या खट्टा होता है। अक्सर इनका पतला छिलका अधिक खट्टा होता है। इनका गूदा रसदार होता है। आलू बुखारे को सीधा खाया जाता है। इसे मुरब्बे के रूप में भी खाया जा सकता है। आलू बुखारे में ऐसे एंटी-आॅक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो हमें कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करते हैं। यह मौसमी फल है, पर वर्ष भर प्रयोग में लाया जाता है।

आलू बुखारा एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके फल को ‘अलूचा’ व इंग्लिश में ‘प्लम’ कहते हैं। ये फल लीची के बराबर या कुछ बड़ा होता है और छिलका नरम तथा साधारणत: गाढ़े बैंगनी रंग का होता है। गूदा पीला और खट्टे-मिट्ठे स्वाद का होता है। भारत में इसकी खेती बहुत कम होती है, परंतु अमेरीका आदि देशों में यह महत्वपूर्ण फल है। विश्व में आलू बुखारे की 2 हजार किस्में पाई जाती हैं। ग्रीष्म काल और पतझड़ में आलू बुखारा की जापानी किस्में लाल, जामुनी तथा संतरी गूदेवाले या पीले संतरी गूदेवाली हो सकते हैं।

यह फल भारत के पहाड़ी प्रदेशों में होता है। इसके सफल उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु आवश्यक है। देखा गया है कि उत्तरी भारत की पर्वतीय जलवायु में इसकी उपज अच्छी हो सकती है। मटियार, दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त है, परंतु इस मिट्टी का जलोत्सारण (ड्रेनेज) उच्च कोटि का होना चाहिए। इसकी सिंचाई आड़ू की भांति करनी होती है।

आलू बुखारा का प्रयोग सूखे मेवे और फल दोनों ही रूप में किया जाता है। हर तरह की बीमारी में इसका उपयोग बहुत ही लाभदायक होता है। अंजीर का सेवन जिस तरह से सूखे मेवे के रूप में करते हैं, और जिस तरह से अंगूर के पेड़ पर अंगूर को पकाकर मुनक्का बनाया जाता है, और उसका सूखे मेवे के रूप में उपयोग किया जाता है व खुबानी का भी प्रयोग सूखे मेवे के रूप में किया जाता है, इसी तरह आलू बुखारा भी सूखे मेवे के रूप में प्रयोग किया जाता है।

Benefits Of Plums आलू बुखारा के रासायनिक गुण:-

न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार 100 ग्राम आलू बुखारा में ऊर्जा 2.3 प्रतिशत, कार्बोहाइडेट 8 प्रतिशत, प्रोटीन 1 प्रतिशत, फाइबर 3.5 प्रतिशत, विटामिन-ए 12 प्रतिशत, विटामिन-सी 16 प्रतिशत, विटामिन-के 5 प्रतिशत, विटामिन-ई 2 प्रतिशत, पोटेशियम 3 प्रतिशत, कॉपर 6 प्रतिशत, फास्फोरस 2 प्रतिशत और सेलेनियम 2 प्रतिशत पाया जाता है।

वैज्ञानिक शोध:-

एक अध्ययन में पता चला है कि आलू बुखारा हड्डी टूटने से बचा सकता है। अध्ययन से पता चला है कि प्रतिदिन 10 आलू बुखारे खाने से अस्थिभंग की आशंका को कम किया जा सकता है। आयु बढ़ने के साथ ही हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है। सूखा आलू बुखारा हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए सूखे अंजीर, सूखे स्ट्राबेरी, सूखे सेब और किशमिश से अधिक लाभकारी है। इसके अलावा एक अध्ययन में यह भी पता चला है कि आलू बुखारा के सेवन से शरीर में मिनरल ज्यादा मात्रा में शोषित होते हैं और शरीर को ज्यादा एनर्जी मिलती है।

अध्ययनों से पता चला है कि आलू बुखारा एंटी-कैंसर का काम करता है, जो कैंसर और ट्यूमर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। आलू बुखारा में मौजूद एंटी-आॅक्सीडेंट और कई अन्य तरह के पोषक तत्व शरीर में कैंसर कोशिकाओं को एक्टिव होने से रोकते हैं। इसके सेवन से फेफड़ों और मुँह का कैंसर नहीं होता है।

Benefits Of Plums आलू बुखारा के औषधीय गुण:

  • आलू बुखारे का सेवन करने से दिल की बीमारी पैदा होने का खतरा कम हो जाता है और साथ ही यह शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • आलू बुखारा में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इससे पेट संबंधी समस्याएं कम होती हैं और पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसमें मौजूद फाइबर के कारण आलू बुखारे के सेवन से पेट में भारीपन नहीं होता है और आंतों को भी आराम मिलता है।
  • आलू बुखारे का सेवन करना डायबिटीज (शूगर के) रोगियों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। इसका सेवन खाना खाने से पहले या बाद में भी कर सकते हैं। यह शरीर में ब्लड-शूगर का लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • जो लोग वजन कम करना चाहते हैं या डायटिंग पर हैं, आलू बुखारा का नियमित सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से फैट नहीं बढ़ता है और शरीर का वजन भी नियंत्रित रहता है।
  • आलू बुखारा में एंटीआॅक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण इसके नियमित सेवन से स्किन ग्लौ (चमड़ी में चमक) करने लगती है। इसे खाने से याददाश्त भी बेहतर होती है।
  • आलू बुखारा में नियासिन, राइबोफ्लेविन और थायमिन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। जोकि शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक है।
  • आलू बुखारा में विटामिन-ए और बीटा कैरोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। विटामिन-‘ए’ आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसलिए इसका सेवन आँखों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से आँखों की देखने की शक्ति व सामर्थ तेज होती है और हानिकारक यूवी किरणों से भी बचाव होता है।