ऑर्गेनिक गुड़ की मिठास का हर कोई दिवाना – डेरा सच्चा सौदा में आॅर्गेनिक गन्ने से गुड़ बनाने की देशी विधि
- 10 क्विंटल गन्ने से एक क्विंटल गुड़ तैयार होता है
- करीब 4 से 6 घंटे का समय लगता है
मिलावट के इस दौर में शुद्धता की बात करना बेमानी सी लगती है। किंतु डेरा सच्चा सौदा हमेशा से आमजन के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहा है। खासकर औषधीय गुणों से भरपूर गुड़ की बात करें तो डेरा सच्चा सौदा आज भी गुड़ के नैच्यूरल स्वाद और उसकी पौष्टिकता को बरकरार रखे हुए है। जी हाँ, डेरा सच्चा सौदा मेें देशी विधि से गुड़ तैयार किया जाता है जिसकी मिठास आज हर जुबां पर है। ऑर्गेनिक गन्ने से बनने वाले इस प्राकृतिक गुड़ की मांग देशभर में ही नहीं, अपितु विदेशों में भी है।
गुड़ स्वाद के साथ-साथ खुद में औषधीय गुणों का खजाना भी छुपाए हुए है। जिसकी वजह से इसे सालभर खाया जाता है। बहुत से लोग नाश्ते के बाद या भोजन में एक टुकड़ा गुड़ खाते हैं, जिसके बहुतेरे फायदे हैं।
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लोगों के मिठास के इस जायके को पूर्णत:
नैच्यूरल बनाते हुए डेरा सच्चा सौदा वर्षों से देशी विधि से आर्गेनिक गुड़ तैयार कर रहा है। मोटर नंबर 20 में गुड़ बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए एसबीएस नाजम सिंह इन्सां ने बताया कि पुराने जमाने की गर बात करें तो लोग देशी विधि से गुड़ तैयार करते थे, जिसमें मिलावट की रत्ती भर भी गुंजायश नहीं होती थी। लेकिन समय के साथ-साथ लोगों ने इसका व्यवसायीकरण कर दिया जिसके चलते इसकी मिठास से छेड़छाड़ होने लगी है। इन्सां ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा में कई वर्षों से गुड़ तैयार किया जा रहा है, जिसकी शुद्धता एवं क्वालिटी को हमेशा से बरकरार रखा गया है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन मार्गदर्शन में गुड़ की शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। डेरा सच्चा सौदा के खेतों में आर्गेनिक गन्ना ही बोया जाता है, जिससे गुड़ तैयार किया जाता है।
जंगली भिंडी के रस से निखरता है गुड़ का रंग व स्वाद
इन्सां ने बताया कि आधुनिकता के दौर में अब रसायनों का प्रयोग बहुत बढ़ता जा रहा है। अधिकतर लोग गुड़ की शुद्ता के नाम पर इसमें कैमिकल का प्रयोग करने लगे हैं। लेकिन डेरा सच्चा सौदा में गुड़ की चासनी से मैल हटाने के लिए इसमें विशेष प्रकार की भिंड़ी के रस का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसकी क्वालिटी में और निखार लाता है और स्वाद भी लाजवाब बना देता है। पंजाबी भाषा में जहां इसे भिंडी कहा जाता है, वहीं कई जगह इसे सुकलाई या मस्कदाना भी कह देते हैं।
10 क्विंटल गन्ने से तैयार होता है एक क्विंटल गुड़
नाजम इन्सां ने बताया कि 10 क्विंटल गन्ने से एक क्विंटल गुड़ तैयार होता है, जिसे बनाने की प्रक्रिया में करीब 4 से 6 घंटे का समय लगता है। वहीं गन्ने की पैदावार की बात करें तो एक एकड़ में 300 क्विंटल के करीब गन्ने का उत्पादन होता है। हालांकि इसका उत्पादन भूमि की उपजाऊ शक्ति पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि आजकल लोग गुड़ की मिठास को कृत्रिम तरीके से बढ़ाने का भी प्रयास करते हैं। जैसे जनवरी महीने के आस-पास गन्ने का पौधा पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता, ऐसे में कच्चे गन्ने में पूरी मिठास नहीं बन पाती। किंतु गुड़ बनाने वाले ऐसे कच्चे गन्ने से जब गुड़ तैयार करने का प्रयास करते हैं तो उसकी मिठास बढ़ाने के लिए चीनी के घोल का प्रयोग करते हैं जो गुड़ की नैच्यूरलिटी को खत्म कर देता है।
गुड़ खाने के फायदे
- गैस या एसीडीटी एवं खट्टे डकार में लाभदायक होता है।
- यह पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाता है।
- हिमोग्लोबिन एवं लाल रक्त कणिकाएं की मात्रा बढ़ती है।
- गर्भवती महिलाओं में खून की कमी दूर होती है।
- बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- गुड़ का सेवन दूध के साथ रोजाना करने से थकान दूर होती है।