Experiences of the Devotess

जड़ से खत्म हुआ असाध्य रोग -सत्संगियों के अनुभव -पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत

श्री बिहारी लाल सुपुत्र श्री रुलदू राम गांव बांगरन डाकघर शिवपुर तहसील पांवटा साहिब जिला सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) से अपनी पुत्री पर हुई पूज्य सतगुरु सच्चे रहबर हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रहमत के बारे में लिखते हैं:-

मेरी बेटी रितु देवी पिछले आठ सालों से दिमागी परेशानी की वजह से बहुत बीमार रहती थी। सारा परिवार लड़की की ऐसी दशा को देखकर बहुत परेशान रहता था। दवाइयों से भी वह ठीक नहीं हो रही थी। एक दिन प्रेमी ओम प्रकाश इन्सां ने मेरी बेटी की ऐसी दयनीय हालत देखी तो उसने हमें परामर्श दिया कि डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से इसको नाम-शब्द, गुरुमंत्र दिलवा दो। मुझे अपने पूज्य गुरु जी पर इतना दृढ़ विश्वास है कि फिर यह ठीक हो जाएगी।

हमें उनकी बातों पर विश्वास हो गया, क्योंकि हमने भी देखा है कि बहुत लोग सरसा वाले गुरु जी से नाम लेकर नशे छोड़ गए, बहुत लोगों की बीमारियां भी ठीक हो गई। हमने प्रेमी भाई की प्रेरणा से 2 जनवरी 2009 में पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन अवतार दिवस भंडारे पर बेटी को नाम-शब्द दिलवा दिया। पूज्य हजूर पिता जी के बताए अनुसार, उसने नाम का निरंतर सुमिरन किया तथा परिवार के अन्य लोगों ने भी उसके जल्द स्वस्थ होने के लिए सुमिरन के साथ-साथ सतगुरु-परमात्मा से प्रार्थना भी स्वास-स्वास की कि हे मालिक! हमारी बेटी ठीक हो जाए, आप जी रहमत करो जी। आप जी की ही रहमत से ही ये संभव हो सकता है।

मालिक सतगुरु की अपार रहमत से मेरी बेटी बिल्कुल स्वस्थ हो गई। इस बात को आज सोलह साल हो गए हैं। जब से उसने नाम-दान लिया है और सुमिरन भी किया है, मेरी बेटी बिल्कुल ठीक व स्वस्थ है। हमारा पूरा परिवार पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं। पूरे परिवार की यही अरदास है कि पिता जी, इसी तरह अपनी अपार दया-मेहर, रहमत हम पर बनाए रखना जी।