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करियर इन फार्मासिस्ट

फार्मासिस्ट का करियर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक स्थान रखता है। फार्मासिस्ट वे पेशेवर होते हैं जो दवाओं से संबंधित जानकारी देने, उन्हें सही तरीके से वितरण करने और दवाओं के प्रभावों का प्रबंधन करने में भूमिका निभाते हैं। आज फार्मासिस्ट की मांग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तेजी से बढ़ रही है। यह पेशा उन लोगों के लिए आदर्श है जो चिकित्सा विज्ञान में रुचि रखते हैं और दवाओं के माध्यम से लोगों की सेवा करना चाहते हैं।

फार्मासिस्ट का कार्यक्षेत्र:

फार्मासिस्ट का कार्यक्षेत्र विविध होता है। वे अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों, फार्मास्युटिकल कंपनियों, खुदरा फार्मेसी स्टोर्स और अनुसंधान केंद्रों में कार्य करते हैं। फार्मासिस्ट का मुख्य कार्य दवाओं का वितरण करना होता है, लेकिन इसके अलावा वे दवाओं की जानकारी देने, उपचार में सलाह देने, और दवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख भूमिकाएं:

क्लिनिकल फार्मासिस्ट:

career-pharmacistये फार्मासिस्ट अस्पतालों में काम करते हैं और चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करते हैं। इनका कार्य मरीजों को सही दवा और खुराक की सलाह देना और यह सुनिश्चित करना होता है कि मरीज द्वारा ली जा रही दवाएँ उनकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुरूप हैं।

कम्युनिटी फार्मासिस्ट:

इन्हें रिटेल फार्मासिस्ट भी कहा जाता है। ये अपनी फार्मेसी के माध्यम से दवाओं का वितरण करते हैं और सामान्य लोगों को दवाओं के सही उपयोग और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देते हैं।

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इंडस्ट्रियल फार्मासिस्ट:

फार्मास्युटिकल कंपनियों में काम करने वाले ये पेशेवर नई दवाओं की खोज, विकास, उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण का कार्य करते हैं।

रिसर्च और डेवलपमेंट:

शोध में रुचि रखने वाले फार्मासिस्ट अनुसंधान संस्थानों में नई दवाओं के विकास और मौजूदा दवाओं को बेहतर बनाने के लिए कार्य करते हैं।

रेगुलेटरी अफेयर्स:

रेगुलेटरी फार्मासिस्ट दवाओं के संबंध में नियामक प्रक्रियाओं का पालन करने, गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने और नियामक निकायों के साथ तालमेल बनाने का काम करते हैं।

शैक्षणिक योग्यता और कौशल:

फार्मासिस्ट बनने के लिए विशेष शैक्षणिक योग्यता और कौशल की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, छात्र को विज्ञान (साइंस) में 12वीं की परीक्षा पास करनी होती है, जिसके बाद उसे फार्मेसी में डिग्री पाठ्यक्रमों का चयन करना होता है।

  • बेसिक कोर्स:  12वीं कक्षा के बाद छात्र बैचलर आॅफ फार्मेसी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं, जो चार वर्षों का होता है। इस कोर्स में दवाओं के निर्माण, वितरण और उनके कार्यों के बारे में पढ़ाया जाता है।
  • उच्च शिक्षा:  ग्रेजुएशन के बाद छात्र मास्टर आॅफ फार्मेसी कर सकते हैं, जो एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर देता है, जैसे कि फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, फार्माकॉग्नोसी आदि।
  • डॉक्टरेट: इसके बाद छात्र पीएचडी भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें शोध और शिक्षण क्षेत्र में अवसर मिलते हैं।
  • डिप्लोमा कोर्स: कुछ संस्थान डिप्लोमा इन फार्मेसी भी प्रदान करते हैं, जो दो वर्ष का होता है और इसमें छात्रों को बुनियादी स्तर पर फार्मेसी का प्रशिक्षण दिया जाता है। फार्मासिस्ट बनने के लिए केवल शैक्षणिक योग्यता ही पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा भी कुछ विशेष गुणों की आवश्यकता होती है, जैसे कि संवाद कौशल, ग्राहकों के साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करना, और समस्या समाधान की क्षमता।
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रोजगार के अवसर:

फार्मासिस्ट के क्षेत्र में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में फार्मासिस्ट के लिए कई रोजगार विकल्प मौजूद हैं।

  • सरकारी क्षेत्र: सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सा विभागों में फार्मासिस्ट के पदों के लिए नियमित रूप से भर्ती होती है। साथ ही, केंद्रीय और राज्य स्तर की चिकित्सा कंपनियों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
  • निजी क्षेत्र: निजी अस्पतालों, फार्मा कंपनियों और खुदरा फार्मेसी स्टोर्स में भी फार्मासिस्ट की मांग बनी रहती है। फार्मास्युटिकल कंपनियों में, विशेषकर अनुसंधान और विकास विभाग में कई अवसर होते हैं।
  • विदेश में अवसर: कई देशों में भारतीय फार्मासिस्टों के लिए अच्छा स्कोप है। यदि किसी ने विदेशी फार्मासिस्ट लाइसेंस परीक्षा पास कर ली है, तो वह वहां फार्मासिस्ट के रूप में काम कर सकता है।
  • स्वरोजगार:  कई फार्मासिस्ट अपनी खुद की फार्मेसी खोल सकते हैं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता और अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलता है।

वेतन और प्रगति:

शुरूआती स्तर पर एक फार्मासिस्ट को औसतन 3-5 लाख रुपए वार्षिक वेतन मिलता है। फार्मास्युटिकल कंपनियों में कार्यरत इंडस्ट्रियल फार्मासिस्ट का वेतन और भी अधिक हो सकता है। इसके अलावा, अस्पतालों और निजी संस्थानों में विशेषज्ञ फार्मासिस्टों के लिए आकर्षक वेतनमान होते हैं।