घर में रहकर कुर्सी की मदद से करें योग
आज के आधुनिक युग और भागदौड़ के भरे जीवन में सब कुछ होते हुए भी खुद के लिए समय का अभाव है, जिस कारण महिलाएं घर पर भी अपने लिए समय नहीं निकाल पातीं। यदि आपके साथ भी ऐसी ही समस्या है, तो हम कुछ ऐसे योगासन और एक्सरसाइज बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप घर पर आसानी से कर सकते हैं, वो भी एक कुर्सी की मदद से। घर में रहते हुए भी हम कैसे फिट और तरोताजा रहें ये आज एक समस्या है।
एक समय ऐसा था जब घर के कार्य ही महिलाओं को शारीरिक व मानसिक शक्ति देते थे। ऐसी शक्ति जिससे ना केवल वो स्वस्थ रहती थीं बल्कि दीर्घायु भी रहती थीं। दादी-नानी के जमाने की बात करें तो आज भी मन आश्चर्य से भर जाता है कि वो कैसे हंसते-हंसते घर के सारे काम निपटा लिया करती थीं व उनके माथे पर थकावट की सलवट भी नहीं आती थी वही गुण मां, चाची, ताई, बुआ, मौसी में भी देखने को काफी हद तक मिला। उन्होंने भी काम से ना कभी जी चुराया और ना ही खुद को थका हुआ बताया।
आज की महिलाओं के पास मशीनों की भरमार है, जिसके कारण उनके सारे कार्य मशीनों के जरिये बड़ी जल्दी व आसानी से हो जाते हैं। आज की महिलाओं को घर के काम करने के लिए मेहनत करके अपना पसीना नहीं बहाना पड़ता है। जब सब करने के लिए मशीनें हैं तो व्यायाम जैसी चीजें ही नहीं हैं इसलिए आज की महिलाओं को जिम की जरूरत पड़ती है। परंतु समय के अभाव के कारण आज भी घरेलू महिलाएं ना तो योग कर पाती हैं और ना ही जिम जा पाती हैं, जिसका प्रभाव उनके शरीर पर विभिन्न रोगों के रूप में पड़ता है। लेकिन इस समस्या का भी समाधान है।
घर में रहते हुए भी कुर्सी या तख्त पर बैठकर कुछ योग व आसनों को करके ही अपने शरीर को फिट, तरोताजा, जवान और निरोगी रख सकते हैं, वो भी बिना जिम जाए, बिना धन खर्च किए और थोड़े से समय में ही बिना किसी साइड इफेक्ट के इन आसनों को आप दिन में किसी भी समय कर सकेंगे।
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ये सभी आसन हर आयु की महिलाएं कर सकती हैं। इन आसनों व योग क्रियाओं के कोई भी दुष्परिणाम नहीं होते हैं लेकिन यदि आप हृदय, किडनी या किसी अन्य बड़ी बीमारी से ग्रस्त हैं या किसी प्रकार की शल्य चिकित्सा आपने करवाई है तो फिर आप किसी डॉक्टर से पूछकर ही इन योग क्रियाओं को करें, अन्यथा ना करें। सामान्य तौर पर यदि आप किसी भी उम्र के हैं और पूरी तरह से स्वस्थ हैं तो आप इनमें से कोई भी योग आसन रोजाना अपनी सुविधानुसार जरूर करें। इन सभी योग करने से ना केवल आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा साथ ही मोटापा, शुगर, जोड़ों के दर्द, थकावट, थायराइड, साइटिका, उच्च व निम्न रक्तचाप जैसे रोगों से भी राहत मिलेगी।
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तो आइए जानते हैं कुर्सी से जुड़े कुछ आसन:
कुर्सी मार्जरी बिटिलासन:
कुर्सी पर बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, दोनों पैरों को फर्श पर रखें। दोनों हथेलियों को या तो घुटनों पर रखें या जांघों पर रखें। लंबी सांस को भीतर की तरफ खींचते हुए सीने को बाहर की तरफ फुलाएं। रीढ़ की हड्डी को मोड़ते हुए कंधों को पीछे की तरफ ले जाएं। ये बिटिलासन है। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को पीठ की तरफ ले जाएं, ठोडी को गले में लगाएं। कंधे व सिर को आगे की तरफ झुकाएं। ये मार्जरी आसन है। ये दोनों आसन 5-5 बार रोज करें।
कुर्सी उर्ध्व हस्तासन:
सांस खीचते हुए अपने दोनों हाथों को छत की तरफ उठाएं व दोनों के बीच में करीब एक फीट का फासला रखें। हाथों को ऊपर की तरफ ले जाते हुए कंधों की मांसपेशियों को पीठ की तरफ खींचने की कोशिश करें। जांघों व हिप्स की मांसपेशियों को ये आसन करते समय स्थिर रखें। ये आसन 5-7 बार करें।
कुर्सी उत्तनासन:
दोनों हथेलियों को फर्श पर फैलाकर रखें, जबकि सिर को जांघों की ओर लटकाकर रखें। सांस खींचते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाएं। ये आसन 5-7 बार करें तो अच्छे परिणाम आएंगे।
कुर्सी उत्थित पार्श्वकोणासन:
कुर्सी पर बैठकर अपने दोनों हाथ फैला लें। अपने बायें हाथ की हथेली को दायें पैर की तरफ लाकर फर्श पर लगाएं। सांस खींचते हुए दायें हाथ को हवा में ऊपर की तरफ ले जाएं। सिर को मोड़कर छत की तरफ देखने की कोशिश करें। जब तक हो सके इस मुद्रा में रहने का प्रयास करें, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में खुद को लाएं। फिर यही प्रक्रिया दाएं हाथ की तरफ से करें।
कुर्सी अर्थ मत्स्येन्द्रासन
इसके लिए बिना हत्थे वाली कुर्सी लें। कुर्सी की पीठ को पकड़कर अपने धड़ को बायीं व दायीं तरफ घुमाएं, फिर रीढ़ की हड्डी को सांस लेते हुए ऊपर की तरफ खींचने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डी को मोड़ने की कोशिश करें। सात से दस बार यही प्रक्रिया करें, फिर दाएं हाथ की तरफ से भी ये ही प्रक्रिया करें।
कुर्सी वीरभद्रासन:
दायीं जांघ को कुर्सी पर टिकाएं और बायें पैर को खींचकर पीछे की ओर ले जाएं। अपने सीने का झुकाव आगे की तरफ रखें व दोनों हाथों को सांस खींचकर ऊपर की तरफ मिलाते हुए आपस में मिलाएं। फिर कुछ देर तक इसी मुद्रा में रहें, फिर बायीं जांघ से यही प्रक्रिया करें।
कुर्सी गरुड़ासन:
कुर्सी गरुड़ासन के लिए अपनी दायीं जांघ को बायीं जांघ पर रखकर क्रास करें। दायें पैर के पंजे से बायें पैर की पिंडली और बायें पैर के पंजे से दायें पैर की पिंडली को लपेट लें। इस प्रक्रिया को 5-7 बार दोहराएं। इसी अभ्यास को दूसरी तरफ से भी करें।
कुर्सी से जुड़े कुछ अन्य व्यायाम
आप कुछ अन्य व्यायाम भी घर में रहकर ही बिना जिम जाये और थोड़े से समय में ही कर सकते हैं, जो कि आपके लिए बहुत लाभकारी होंगे। तख्त या कुर्सी जिस पर भी बैठें उस पर बैठकर अपनी एड़ियों को धीरे-धीरे उठाकर जमीन पर रखें।
इससे पैरों के सुन्न हो जाने की समस्या दूर होगी व पैरों व पंजों में आने वाले मरोड़ भी नहीं आएंगे।
- कुर्सी पर दस बार उठें, दस बार बैठें, ये प्रक्रिया दिन में चार-पांच बार करें। इससे कमर का दर्द व पैरों के दर्द में फायदा मिलेगा।
- तख्त या कुर्सी पर बैठकर पैरों के पंजों को जमीन पर लगायें और उठायें, इससे पैरों के तलवों में रक्त संचार सही से होगा व पैरों में चुभन-जलन की समस्या दूर होगी।
- तख्त या कुर्सी पर बैठकर अपने कंधों को जितना हो सके उतना ऊंचा उठायें, उनको आगे-पीछे, ऊपर-नीचे घुमाएं। ऐसा करने से कंधों का व्यायाम होगा और कंधों व गर्दन का दर्द भी दूर होगा।
- कुर्सी या तख्त पर बैठे-बैठे ही अपने हाथों का अंगुलियों को खोलें व बंद करें, इससे अंगुलियों की सूजन दूर होगी, दर्द दूर होगा।
- आंखों के दर्द को दूर करने के लिए कुर्सी पर बैठकर आंखों को 360 डिग्री के कोण पर घुमाएं या एक पेंसिल को सीधे हाथ में पकड़कर आंख के पास लाएं और फिर दूर ले जायें। ऐसा दिन में दो-तीन बार 5-5 मिनट तक करें। इससे आंखों की रोशनी बढ़ेगी व आंखों का दर्द दूर होगा।
- इन सभी आसन और कसरत करने से आपको लाभ होगा, लेकिन अपने स्वास्थ्य व शारीरिक जरूरत को देखते हुए ही ये घरेलू योगा करें।