नौकरी छोड़ते वक्त न करें ये गलतियां – कई बार करियर ग्रोथ के लिए, तो कई बार अच्छा मौका मिलने से या कई बार पुरानी कंपनी में आ रही दिक्कतों की वजह से लोग नौकरी बदलते हैं। नौकरी छोड़ने या बदलने के कई कारण होते हैं। लेकिन आपके जीवन में जब ये मौका आए तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
कुछ गलतियाँ हैं जो आपको नौकरी छोड़ने से पहले नहीं करनी चाहिए और कुछ तैयारियाँ जो जरूर कर लेनी चाहिए। यदि पहले से फाइनेंशियल प्लानिंग की जाए तो नौकरी जाने और दूसरी नौकरी मिलने के वक्त के बीच आप चुनौतियों को कम कर सकते हैं तथा अपने परिवार को भी तनाव से दूर रख सकते हैं।
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इमरजेंसी फंड बनाएं:
नौकरीपेशा लोगों को हमेशा एक इमरजेंसी फंड रखना चाहिए। इसके लिए वेतन में से हर महीने एक निश्चित रकम सेविंग्स अकाउंट में जमा करें। 6-12 महीने के खर्च के बराबर रकम जमा हो जाने पर उसे लिक्विड फंड या बैंक एफडी में डाल सकते हैं। इसका इस्तेमाल सिर्फ आपात स्थिति में ही करें।
पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस लें:
नौकरी जाने पर कंपनी का हेल्थ इंश्योरेंस बंद हो जाता है, लेकिन मेडिकल इमरजेंसी कभी भी आ सकती है। ऐसी स्थिति आपके संकट को और बढ़ा सकती है। आपकी बचत को निगल सकती है। इसलिए पर्सनल फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होनी चाहिए।
पोर्टफोलियो बनाएं:
निवेश पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें। इसमें इक्विटी, गोल्ड, बॉन्ड, रियल एस्टेट जैसी अलग-अलग एसेट जोड़ें। इससे किसी एक एसेट क्लास में गिरावट आने पर दूसरी में तेजी का लाभ मिलेगा। बाजार गिरने पर अमूमन सोने की कीमत बढ़ती है। जरूरत पर डेट या गोल्ड में निवेश रिडीम कर सकते हैं।
पहले बचाएं, फिर खर्च करें:
गोल्डन रूल है कि सैलरी मिलते ही बचत या निवेश की रकम सबसे पहले अलग निकालें। फिर बची हुई रकम खर्च करें। पहले खर्च करना और बचे हुए पैसे निवेश करने की रणनीति अच्छी नहीं है। सैलरी के 20% हिस्से का निवेश सुनिश्चित करें।
नौकरी जाने के बाद ये करें
कैश के लिए रोक सकते हैं एसआईपी:
नौकरी जाने से नियमित आय बंद होने पर सबसे पहले एसआईपी निवेश रोकें। एसआईपी के जरिये जमा हुई रकम को किसी फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करें। इससे आपको नियमित मासिक आय होगी। लंबे समय तक नौकरी मिलना निश्चित न हो तो आप अपने पोर्टफोलियो के इक्विटी कम्पोनेंट को धीरे-धीरे सुरक्षित निवेश में तब्दील कर सकते हैं।
जरूरी, गैर-जरूरी खर्चों की लिस्ट बनाएं:
जरूरी खर्चों की लिस्ट बनाएं। इसमें घर का किराया, ईएमआई, स्कूल फीस, बिजली, पानी, किराने का सामान शामिल हैं। सिर्फ इन्हीं पर खर्च करें। गैर-जरूरी खर्चों की लिस्ट तैयार करें। ओटीटी, जिम मेंबरशिप, रेस्टोरेंट में डिनर आदि ऐसे खर्च हैं, जिन्हें बंद किया जा सकता है।
अपने फैसले पर फिर से विचार करें:
मान लीजिए आपको इस बात का अहसास है कि आप आर्थिक दृष्टि से तैयार नहीं है और इस समय नौकरी छोड़ना ठीक नहीं भी हो सकता है। आप अपनी नौकरी या काम से जुड़ी परेशानियों के बारे में अपने एचआर से बात करके देख सकते हैं कि वे आपको बरकरार रखने के लिए आपकी परेशानियों का हल निकाल सकते हैं या नहीं।