Make a great career after MCA Professionals

एमसीए प्रोफेशनल्स के बाद बनाएं शानदार करियर
मॉडर्न टेक्नोलॉजी से पूरी दुनिया में आईटी सेक्टर निरंतर विकसित हो रहा है।

टेक्नोलॉजी के बिना अब हम अपनी डेली लाइफ में किसी भी चीज की कल्पना नहीं कर सकते हैं। इसी तरह, कंप्यूटर्स और टेक्नोलॉजी में विशेष करियर आॅप्शन्स में से एक है-एमसीए अर्थात मास्टर आॅफ कंप्यूटर एप्लीकेशन।

इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की विभिन्न फील्ड्स में आजकल एमसीए ग्रेजुएट्स की मांग लगातार तेजी से बढ़ रही है। कोई भी ऐसा एमसीए ग्रेजुएट, जिसके पास सूटेबल एनालिटिकल और लैंग्वेज स्किल्स हैं, आईटी सेक्टर की विभिन्न फील्ड्स में बड़ी आसानी से सूटेबल जॉब हासिल कर सकता है।

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इंटरनेशनल लेवल पर भी इंडियन एमसीए ग्रेजुएट्स की मांग लगातार बढ़ रही है।

जॉब आॅफर्स/ करियर आॅप्शन्स:

एमसीए के तहत कई कार्यक्षेत्र शामिल हैं और आप अपने इंटरेस्ट, जोश और रुझान के आधार पर ही अपने लिए एक उपयुक्त करियर आॅप्शन चुनें।

एमसीए करने के बाद उपलब्ध विभिन्न करियर आॅप्शन्स का विवरण निम्नलिखित है:

ऐप डेवलपर:

इस फैक्ट से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि अब पूरा संसार मोबाइल ऐप्स एक जोन के तौर पर एकजुट हो गया है। किसी भी छोटे प्रोडक्ट या सर्विस के लिए, आपको एक मोबाइल ऐप मिल जाएगा। इस वजह से ऐप डेवलपर्स की मांग काफी बढ़ गई है। यह रोल मुख्य रूप से आईओएस, एंड्राइड, ब्लैकबेरी और विंडोज प्लेटफॉर्म्स के लिए मोबाइल एप्लीकेशन पर विचार करने, उसकी डिजाइनिंग और निर्माण कार्य पर आधारित है। आजकल, प्रत्येक कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को मोबाइल ऐप्स के जरिये प्रमोट करके मार्केटेबल बनाना चाहती है। इसलिए, आप एक ऐप डेवलपर के तौर पर किसी भी कंपनी में आसानी से कोई जॉब प्राप्त कर सकते हैं बशर्ते आपके पास उपयुक्त स्किल सेट और सीखने का जोश हो और आप नये मार्केट ट्रेंड्स से पूरी तरह अपडेटेड रहें।

बिजनेस एनालिस्ट:

यदि आप महत्वपूर्ण इश्यूज को एनालाइज करने में कुशल हैं और आपके पास निर्णय लेने की क्षमता के साथ ही बढ़िया प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स हैं, तो बिजनेस एनालिस्ट का जॉब प्रोफाइल आपके लिए ही बना है। एक बिजनेस एनालिस्ट का काम संबद्ध बिजनेस के टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल पहलुओं का पता करना और उनके अनुरूप महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में सुझाव देना है। एक एमसीए ग्रेजुएट के तौर पर, ऐसा माना जाता है कि आपके पास बेहतरीन डाटा-क्रंचिंग स्किल्स हैं। अगर आप इन स्किल्स को अपने बिजनेस और प्रोडक्ट मैनेजमेंट स्किल्स के साथ मिला दें तो यकीनन आप इस फील्ड में काफी तरक्की करेंगे।

सॉफ्टवेयर डेवलपर/ प्रोग्रामर/ इंजीनियर:

आमतौर पर, हरेक तीसरा एमसीए ग्रेजुएट एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम करना पसंद करता है। सॉफ्टवेयर डेवलपर्स मुख्य रूप से जटिल सॉफ्टवेयर सिस्टम्स के संबंध में सोच-विचार करने, उसकी डिजाइनिंग और मेनटेन रखने से संबंधित सभी कार्य करते हैं। उनका काम अपने क्लाइंट्स की जरूरत का निरीक्षण और विश्लेषण करके आईटी सर्विसेज उपलब्ध करवाना और क्लाइंट्स की जरूरत के आधार पर सॉफ्टवेयर सिस्टम को डिजाइन करना होता है। यह बहुत चुनौतीपूर्ण लेकिन रचनात्मक फील्ड है, जहां आप टिपिकल कोडिंग स्किल्स से कहीं आगे बढ़कर अपना टैलेंट दिखा सकते हैं।

ट्रबलशूटर:

कोई भी कंपनी एक ट्रबलशूटर के बिना आजकल अपना काम या व्यवसाय नहीं कर सकती है। एक ट्रबलशूटर कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की प्रॉब्लम्स की जांच करता है और जिन लोगों को टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है, उन्हें टेक्नोलॉजी सुलभ करवाता है। किसी भी कंपनी में अगर कोई आईटी इश्यू उत्पन्न होता है तो यह ट्रबलशूटर का काम है कि उस प्रॉब्लम/ इश्यू को समय रहते फिक्स करे ताकि प्रोजेक्ट्स निर्धारित समय पर पूरे किये जा सकें। उनकी यह भी जिम्मेदारी होती है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और अन्य स्टाफ के लिए जरुरी रिसोर्सेज को मेनटेन रखें। अगर आपको चुनौतियां स्वीकार करना अच्छा लगता है और जब भी कोई काम आपको सौंपा जाता है तो आप अच्छे रिजल्ट देने वाले सोल्यूशन पेश करने में कुशल हैं, तो यह जॉब आपके लिए बिलकुल परफेक्ट है।

सिस्टम एनालिस्ट:

एक सिस्टम एनालिस्ट की जॉब संबद्ध बिजनेस को चलाने के लिए और कुशलता बढ़ाने के लिए इनोवेटिव आईटी सोल्यूशन मोड्यूल्स के बारे में सोच-विचार करना और उन्हें डिजाइन करना है। एक सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर, आपको क्लाइंट्स की जरूरतों के अनुसार सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के उद्देश्य से बढ़िया आईटी सोल्यूशन सिस्टम डिजाइन करने के लिए करेंट बिजनेस, बिजनेस प्रोसेसेज और मॉडल्स को विस्तार से पढ़ना चाहिए। सिस्टम एनालिस्ट्स क्लाइंट्स और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के बीच एक महत्वपूर्ण व्यक्ति या अधिकारी के तौर पर काम करते हैं।

सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन आर्किटेक्ट:

अगर आप विज्यूलाइजेशन और इमेजिनेटिव स्किल्स में माहिर हैं तो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट का रोल आपके लिए एक बेहतरीन करियर आॅप्शन साबित होगा। सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट्स आईटी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के डिजाइन और आर्किटेक्चर में उच्च-स्तर के निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। किसी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन आर्किटेक्ट की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी में टेक्निकल मैनुअल्स और प्रोटोकॉल्स जैसेकि, टूल्स, प्लेटफॉर्म्स और सॉफ्टवेयर कोडिंग स्टैंडर्ड्स तैयार करना शामिल है। वे कई सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चरल मॉडल्स के सुचारु रूप से काम करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

सॉफ्टवेयर कंसलटेंट:

कंसल्टेंसी आजकल एक लोकप्रिय करियर आॅप्शन के तौर पर उभरी है। एक सॉफ्टवेयर कंसलटेंट का काम बिजनेस प्रोसेस का मुल्यांकन और विश्लेषण करने के साथ-साथ बिजनेस को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए सबसे अच्छे सॉफ्टवेयर सोल्यूशन्स और अन्य उपयुक्त फीडबैक उपलब्ध करवाना होता है। किसी सॉफ्टवेयर कंसलटेंट का सबसे पहला लक्ष्य संबद्ध कंपनी की सेल्स प्रोसेस को बढ़ाने के लिए कॉस्ट-इफेक्टिव बिजनेस सोल्यूशन्स उपलब्ध करवाना है। इस पेशे की सबसे खास बात तो यह है कि, यह पेशा आपको पूरी फाइनेंशल आजादी देता है क्योंकि आप इस जॉब प्रोफाइल के तहत अपनी कंसल्टेंसी सर्विस शुरू कर सकते हैं।

टेक्निकल राइटर:

अगर आपके पास बेहतरीन टेक्निकल स्किल्स के साथ काफी बढ़िया लेखन कौशल हैं तो आप टेक्निकल राइटिंग को अपने करियर आॅप्शन के तौर पर चुन सकते हैं। इसके लिए, आप में गैजेट्स और राइटिंग से लगाव होने के साथ ही लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज के बारे में जानकारी प्राप्त करने का पैशन जरुर होना चाहिए। आमतौर पर, एक टेक्निकल राइटर यूजर गाइड्स/ मैनुअल्स, प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन्स, वाइट पेपर्स, प्रोजेक्ट प्लान्स और डिजाइन स्पेसिफिकेशन्स जैसे टेक्निकल डॉक्यूमेंट्स लिखने का काम करता है।

वेब डिजाइनर और डेवलपर:

इंटरनेट और आॅनलाइन मार्केटिंग के निरंतर विकास के साथ ही वेब-डिजाइनिंग की मांग में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है। किसी वेब डिजाइनर का काम क्लाइंट्स द्वारा दिए गए संक्षिप्त विवरण के आधार पर वेबसाइट्स के बारे में सोच-विचार करना, वेबसाइट्स को डिजाइन और डेवलप करने से संबंधित कार्य करना होता है। एक वेब डिजाइनर के तौर पर, आपको काफी कल्पनाशील होना चाहिए और आपके पास बेहतरीन विज्यूलाइजेशन स्किल्स अवश्य होने चाहिये। एक आकर्षक वेबसाइट डिजाइन करने के लिए रंग, फॉन्ट स्टाइल और लेआउट्स के संबंध में आपके पास उपयुक्त क्रिएटिव सेंस जरुर होनी चाहिए। इसके अलावा, एचटीएमएल और फ़्लैश की अच्छी जानकारी होने के साथ ही आपके पास ड्रीमवीवर, सीसीएस, फोटोशॉप और इलस्ट्रेटर जैसे सॉफ्टवेयर्स की भी बढ़िया जानकारी होनी चाहिए।

एमसीए फ्रेशर्स की सैलरी:

एमसीए कैंडिडेट्स की शुरूआती सैलरी प्रत्येक कैंडिडेट के टैलेंट और स्किल लेवल के साथ ही उनके वर्क एरिया और जिम्मेदारियों के आधार पर अलग-अलग होती है।

एमसीए ग्रेजुएट्स की एंट्री लेवल सैलरी की लिस्ट, उनके विभिन्न रोल्स के अनुसार नीचे दी जा रही है:

  • ऐप डेवलपर: रुपये 20,000 – 35,000 रुपये
  • आईटी असिस्टेंट: रुपये 10,000 – 20,000 रुपये
  • हार्डवेयर इंजीनियर: 15,000 रुपये- 25,000 रुपये
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर/ डेवलपर: रुपये 21,000 – 47,500 रुपये
  • वेब डिजाइनर और डेवलपर: रुपये 25, 000 -55,000 रुपये

एमसीए के बाद हायर स्टडी के आॅप्शन्स:

अपनी एमसीए पूरी करने के बाद, आप एमई (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) कर सकते हैं। यदि आप अपनी एमसीए पूरी करने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो आप एमई (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) कर सकते हैं।

कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करने के लिए टॉप इंस्टिट्यूट्स की लिस्ट निम्नलिखित है:

  • बंगाल इंजीनियरिंग एंड साइंस यूनिवर्सिटी (बीईएसयू), कोलकाता
  • डिपार्टमेंट आॅफ कंप्यूटर साइंस, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू)
  • इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी
  • इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद
  • इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, कानपुर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, मुंबई

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