कहते हैं संस्कार माँ सिखाती है व संघर्ष पिता, बाकी तो दुनिया सिखा देती है। हम Good Habits in Hindi सूचीबद्ध कर रहे हैं जो आपको जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
पर यदि आप अपने आस पास के परिवेश से सीखेंगे तो बहुत जल्द सीख कर बड़े हो जाएंगे। हम अपने छोटे भाई बहनों को अच्छी आदतें सिखाना चाहते हैं, पर क्या कभी खुद भी कुछ सीखते हैं? सिर्फ उम्र बढ़ जाने से कोई बड़ा नहीं हो जाता। उम्र के साथ समझदारी और गंभीरता भी बढ़नी चाहिए। इसका पता हमारे रोजमर्रा के कामों से चलता है।
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अनदेखा कर देना | Learn to Ignore
इंसान स्वभाव से ही उत्सुक होते हैं। छोटे बच्चे सबसे ज्यादा उत्सुक होते हैं और कुछ भी जानने या पाने के लिए तुरंत बेचैन हो उठते हैं। बड़े होने के साथ उत्सुकता तो रहती है, पर संयम भी आ जाता है। लेकिन अब तकनीक बार-बार बड़ों के संयम की परीक्षा लेती रहती है। हम बार बार मोबाइल चेक करते हैं कि कोई मैसेज तो नहीं आया। इस चक्कर में ध्यान भंग होता है, जिससे कार्यक्षमता प्रभावित होती है और समय भी बर्बाद होता है।
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इसलिए ईमेल्स, व्हाट्सएप सन्देश, फेसबुक नोटिफिकेशन्स को लेकर सतर्क रहें। जानें कि किन मेल्स/चैट/मैसेज को आप बिना पढ़े ही डिलीट कर सकते हैं। स्पैम भी मार्क करते रहें, ताकि डिलीट करने का झंझट भी न रहे। जब मैसेज चेक करने की इच्छा हो तो, खुद को रोकें। इसी तरह आस पास कुछ लोग भी होते हैं, जिन्हे अनदेखा कर देना अच्छा होता है (Good Habits in Hindi) | ऐसे लोगों से दूर रहने में ही समझदारी होती है।
कब बोलना, कब नहीं | Good Habits for Students’ Success
आपने यह सलाह सुनी होगी कि अच्छा बोलो, सबकी तारीफ करो, तो रिश्ते सुधरते हैं, लेकिन यह पूरा सच नहीं है, क्योंकि कई बार आप अच्छा बोलकर भी फंस सकते हैं या बुरा बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, कमलेश ने जब नए दोस्त अजय को घर बुलाया, तो उसने लौकी के पकौड़े की खूब तारीफ की, हालाँकि वे उसे जरा भी नहीं भाते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि अब जब भी अजय, कमलेश के घर जाता है, उसे लौकी के पकौड़े जरूर खिलाए जाते हैं। इस तरह एक झूठी तारीफ उसके गले की फांस बन गई है। इसी तरह, कोई बढ़ा-चढ़ा कर की गई तारीफ को ताना मारना भी समझ सकता है। इसलिए, बोलने से पहले उसके असर के बारे में जरूर सोचें।
नोट करना अच्छा है | Noting is Always a Good Habit
युवावस्था में याद्दाश्त अच्छी होती है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप उसे महत्वहीन चीजें याद रखने में खपा दें। अपनी याददाश्त को अहम बातों के लिए रखें। इसलिए छोटी-मोटी बातों को तत्काल नोट करने की आदत बनाएं। जैसे:- दोस्तों को अपनी किताबें अवश्य दें। लेकिन एक डायरी में लिख भी लें। उधार दें या जब किसी से खुल्ले पैसे वापस लेने हों, वह भी नोट कर लें। बाहर जाएं, तो खर्च का हिसाब नोट करते जाएं।
फोन पर कैसे बोलना है | How to Speak on Phone?
जब हम छोटे होते थे तो फोन पर हर बात के बाद एक ही बात ‘होर की हाल है?’ यानी कि बात खत्म नहीं करनी तो बार-बार हाल चाल ही पूछ लेते थे। तब तो फोन का बिल भी अच्छा खासा आता था। आज तो सबके फोन में अनलिमिटेड बेलेंस होता है। कोई फिक्र ही नहीं।
फोन पर बात करना भी एक कला है। फोन होने का मतलब यह नहीं कि हर समय आप फोन के ही कान ऐंठते रहें। जरूरत हो या न हो आप फोन में ही समय बर्बाद करते रहें। आपके पास मोबाइल फोन है, इसका यह मतलब नहीं कि कोई भी, कभी भी फोन लगाकर आपका समय बर्बाद कर दे। अपना समय और ऊर्जा बचाने के तरीके सीखें। जब आप व्यस्त हों, तो फोन रिसीव करते ही तुरंत कह दें कि मैं अभी व्यस्त हूं। बाद में अपनी सहूलियत से फोन लगा लें। लेकिन जब बात करना जरुरी ही हो जाए, तो काम शब्दों में जवाब दें या हां-हूँ करें, ताकि सामने वाला आपकी व्यस्तता को ताड़ जाए।
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