भयानक कर्म भी कट जाते हैं।

सत्संगियों के अनुभव

पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत
… भयानक कर्म भी कट जाते हैं।
एडवोकेट सम्पूर्ण सिंह इन्सां पुत्र स. प्रीतम सिंह गाँव अमरपुरा राठान तहसील पीलीबगां जिला हनुमानगढ़ (राज.) परम पूजनीय हजूर पिता संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की अपार रहमत का एक करिश्मा इस प्रकार लिखता है:-
दिनांक 13 अगस्त 2013 शाम के करीब छ: बजे की घटना है।

मेरा लड़का हरजिन्द्र सिंह उम्र 35 वर्ष मोटरसाइकिल पर गाँव से पीलीबंगा आ रहा था। अचानक उसकी आँख में मच्छर वगैरा कुछ पड़ गया। वह आँख मसलने लगा तो मोटर साईकिल का बैलेंस बिगड़ गया और वह पक्की सड़क पर जोर से गिर पड़ा। उसी समय मेरे पास पीलीबंगा से फोन आया कि आपके लड़के हरजिन्द्र का एक्सीडैंट हो गया है।

जब मैं और मेरा भतीजा बलराज सिंह घटना स्थल पर पहुँचे तो तब तक किसी कार वाले ने उसको अपनी कार में डाल लिया था।

हमने उनको कहा कि आप पीलीबंगा हस्पताल

में हमारे साथ गाड़ी लेकर आ जाओ। वहाँ से हस्पताल में पहुँचने पर डाक्टरों ने उसे श्री गंगानगर के लिए रैफर कर दिया। हम एम्बुलैंस के द्वारा करीब आठ बजे श्रीगंगानगर हस्पताल पहुँचे। पता चलने पर शाह सतनाम जी ग्रीन एस बैल्फेयर फोर्स विंग के काफी मैम्बर सेवादार व जिम्मेवार वहाँ पहुँच चुके थे। डाक्टर साहिब ने लड़के का चैॅक-अप करके जवाब दे दिया कि सिर में बहुत भयानक चोट लगी है और इसका बचना ही मुश्किल है।

बहुत ज्यादा आग्रह करने पर उन्होंने भर्ती कर लिया। दूसरे दिन फिर डाक्टर साहिब से मिलने पर उसने जवाब दे दिया कि इसका बचना मुश्किल है। हमने एक जिम्मेवार सेवादार के द्वारा सरसा में पूज्य हजूर पिता जी से अर्ज की। 14 अगस्त शाम छ: बजे पूज्य पिता जी द्वारा भेजा प्रशाद हमारे पास पहुँचा। हमने वह पावन प्रशाद डाक्टर साहिब से नलकी के द्वारा लड़के को दे दिया। सुमिरन तो हम कर ही रहे थे। फिर क्या था, शहनशाह जी की रहमत हुई।

15 अगस्त को वही डाक्टर कहने लगा

कि अब मरीज ठीक है। दिनांक 16 अगस्त को मैंने पूज्य हजूर पिता जी से दया-मेहर के लिए अर्ज की तो सर्व सामर्थ सतगुरु जी ने फरमाया, ‘बेटा सुमिरन करो।’ मौका मिलने पर मैंने जब भी उक्त विषय के बारे में अर्ज की तो हजूर पिता जी ने हर बार सुमिरन करने का हुक्म फरमाया। मेरे कई रिश्तेदारों व संबंधियों ने मुझ पर दबाव डाला कि किसी और डाक्टर को दिखाओ। मैंने उनको कहा कि जब पिता जी ने कहीं और दिखाने के लिए नहीं कहा तो अपने कहीं और क्यों जाएँ। पिता जी यहीं ठीक करेंगे। पाँच-सात दिन बाद डॉक्टर ने कहा कि यह मेरी समझ में नहीं आ रहा कि हमारे हिसाब से जो जिन्दा नहीं रह सकता था,

वह इतना जल्दी ठीक कैसे हो रहा है।

इस चोट वाला मरीज बहुत धीरे-धीरे ठीक होता है। कुल चौदह दिन के बाद हम हस्पताल से छुÞट्टी लेकर घर आ गए। अभी तक वह बोलने नहीं लगा था। वैसे पिता जी की अपार रहमत से ठीक हो रहा था। इसके बाद मैंने रत्नगढ़ (राजस्थान) की सत्संग में पूज्य हजूर पिता जी से अर्ज की तो पिता जी ने डा. गौरव जी को वचन किए कि इनसे रिपोर्ट मंगवा कर एम्स में किसी अच्छे डाक्टर को दिखाकर बताना। जब डा. गौरव ने एम्स के डाक्टरों को वह रिपोर्ट दिखाई, तो उन्होंने भी कहा कि इस चोट वाला इतना जल्दी ठीक नहीं हो सकता। यह तो पिता जी की ही रहमत है।

पूज्य गुरु जी ने उसी वर्ष अक्तूबर महीने

में राजस्थान के कई सत्संग मंजूर कर दिए और साथ में सफाई अभियान भी थे। आठ अक्तूबर को अलवर का सत्संग था। साध-संगत राजनीतिक विंग राजस्थान (45 मैम्बर) का मैम्बर होने के नाते मेरी ड्यूटी अलवर में लगा दी गई। मैं वहां पहले ही चला गया। मेरा छोटा लड़का पवन घर पर था। उसने मुझे टेलीफोन पर कहा कि मैं सफाई अभियान पर जाना चाहता हूँ तो मैंने उसे कहा कि तुम सफाई अभियान पर चले जाना, मैं पिता जी से आज्ञा लेकर घर आ जाऊँगा। मैंने 8 अक्तूबर के सत्संग के बाद पूज्य पिता जी से घर जाने की आज्ञा मांगी कि पिता जी, हरजिंद्र को संभालने वाला कोई नहीं है।

छोटा लड़का पवन भी सफाई अभियान में आया हुआ है।

पिता जी ने वचन किए कि घर पर सुखदेव (छोटा भाई) नहीं है। पिता जी ने वचन किए कि उसको कह दो, संभाल लेगा। आप टेंशन मत लो। मुझे क्या पता था कि पिता जी ने किस प्रकार क्या-क्या कर्म काटने हैं। मैं वहीं से सत्संगों पर आगे चला गया और मेरा लड़का हरजिन्द्र बोलने लग गया। धन्य-धन्य मेरा मालिक सतगुरु। आज सिर्फ पिता जी की अपार दया-मेहर से ही वह पूरी तरह ठीक हुआ है और खेती का सारा काम संभालता है। पिता जी, हम पूरा परिवार आप जी का देन नहीं दे सकते। आप जी का लाख-लाख धन्यवाद जी।

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!