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फेल होने के बावजूद बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं

बच्चे के परीक्षा में फेल होने से उसके आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचती है, जिससे उबर पाना हर बच्चे के लिए आसान नहीं है। इसलिए परीक्षा में फेल हुए बच्चों के आत्मविश्वास को जगाने के लिए आप उनसे कहें कि ये सफर खत्म नहीं हुआ है बल्कि अपना बेस्ट शॉट देने का वक्त आ गया है।

भारतीय समाज में बच्चों की काबलियत उनके एग्जाम में आने वाले नंबरों से आंकी जाती है। बरसों से चली आ रही इस प्रथा को आज भी उतनी ही शिद्दत से माना जाता है। पड़ोसी के बच्चे के इतने नंबर्स आए, तुम पीछे कैसे रह गए, तुम ऐसा कैसे कर सकते हो, ये तमाम सवाल अक्सर बच्चों से एग्जाम में फेल होने पर या फिर कम नंबर लाने पर पूछे जाते हैं। इन सब सवालों के बीच आपको इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है कि प्रत्येक बच्चे की अपनी काबलियत है और वह उस हिसाब से ही अपने जीवन में आगे बढ़ता है। यदि आपका बच्चा किसी कारण से परीक्षा में फेल भी हो जाता है तो आप उसका मनोबल बढ़ाएं।

आइए जानते हैं ऐसी पांच बातों के बारे में जिन्हें हर माता-पिता को अपने बच्चे से पूछना चाहिए।

क्या मुश्किल था?

यदि आपका बच्चा एग्जाम में फेल हो गया है तो आपको उसे डांटने के बजाए उससे ये पूछने की जरूरत है कि ऐसा एग्जाम में क्या था, जो उसे मुश्किल लगा? ये तरीका आपको अपने बच्चे के मन में बैठे डर को बाहर निकालने में मदद करेगा और अगली दफा आपका बच्चा पूरी मेहनत से उस डर से पार पाने में सफल साबित होगा।

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क्या सुधारना है?

यदि आपका बच्चा परीक्षा में किसी कारण से फेल हुआ है या फिर अच्छे नंबर नहीं ला पाया है तो आप उससे ये पूछें कि इस चीज को बेहतर बनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं? ये बात पूछने से आपके बच्चे को अपने अधूरे विश्वास को जगाने में मदद मिलेगी और वह पहले से बेहतर तरीके से उससे निपट पाएगा।

सफर जारी है

बच्चे के परीक्षा में फेल होने से उसके आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचती है, जिससे उबर पाना हर बच्चे के लिए आसान नहीं है। इसलिए परीक्षा में फेल हुए बच्चों के आत्मविश्वास को जगाने के लिए आप उनसे कहें कि ये सफर खत्म नहीं हुआ है बल्कि अपना बेस्ट शॉट देने का वक्त आ गया है।

फेल होना सब कुछ नहीं

यदि आपका बच्चा किसी एग्जाम में फेल हो गया है तो उसे इस बात को लेकर न बैठने की सलाह दें क्योंकि कभी भी फेल्योर आपके भविष्य के लिए राह नहीं तैयार करती है। ठोकर लगकर ही लोगों को अक्ल आती है और सफलता का स्वाद वही जानता है, जिसने अपने जीवन में बहुत असफलताएं देखी हों।

नाखुश न हों

अगर आपका बच्चा एग्जाम में फेल हो गया है या फिर उसके नंबर्स कम आए हैं तो इस बात पर नाखुशी जताने के बजाए उससे ये कहें कि आप उससे नाखुश नहीं हैं और न ही कभी हो सकते हैं। ये बात बच्चों में कुंद पड़े विश्वास को फिर से जगाने में मदद करेगी और उनमें एक नई ललक पैदा करेगी।

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