Make a habit of eating multigrain flour, not only wheat

गेहूँ ही नहीं, मल्टीग्रेन आटे को खाने की आदत डालिए
गेहूं यूं तो सबसे पसंदीदा अनाज है लेकिन यदि आप तेजी से वजन कम करना चाहते हैं तो गेहूं की बजाय अन्य हेल्दी खानों को ट्राई करें, क्योंकि गेहूं में ग्लूटेन तो होता ही है, इसके अलावा ये ब्लड शुगर के स्तर को भी बढ़ाता है

जिससे बढ़ा हुआ ब्लड शुगर कैलोरीज को फैट्स के तौर पर शरीर में स्टोर करने लगता है, इसलिए गेहूं को अपने डायट से हटाने पर आपकी भूख भी अपने आप कम हो जाएगी।

बादाम का आटा

वजन खत्म करने के लिए बादाम का आटा सबसे बेहतरीन आॅप्शन है। केवल वजन कम के लिए ही नहीं स्वास्थ्य के लिए भी ये काफी लाभदायक है। बादाम का आटा पाचन के लिए भी बहुत अच्छा है। गेहूं के आटे के मुकाबले ये काबोर्हाइड्रेट में कम और विटामिन ई से भरपूर होता है। इसमें डायटरी फाइबर मौजूद होता है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। बादाम में ढेर सारे पौष्टिक तत्व होते हैं और ये कैलोरी में भी कम होता है।

बादाम का आटा मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ई, कॉपर, मैग्नीज व फॉसफोरस आदि से भरपूर होता है। ये ग्लूटेन फ्री होता है इसलिए वेट लॉस में लाभदायक है। बादाम विटामिन ई का बहुत अच्छा स्रोत है, विटामिन-ई शरीर के लिए एक बेहतरीन एंटीआॅक्सीडेंट है। इसके गुणों के चलते ये हार्ट पेशेंट, डायबिटीज, हाई बीपी से ग्रसित लोगों के लिए काफी अच्छा और हेल्दी आॅप्शन है।

चोकरयुक्त आटा

गेहूं में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, लेकिन चोकर निकाल देने से इसके गुण कम हो जाते हैं। यदि वजन कम करना है तो चोकर युक्त रोटी खाएं। चोकर में हाई फाइबर, आयरन, विटामिन ए, बी, कैल्शियम, मैगनीशियम, पोटेशियम पाया जाता है। चोकर कई बीमारियों को भी कंट्रोल करता है। ये हार्ट को, आंतों को हेल्दी रखता है और कोलेस्ट्रोल नहीं बनने देता है।

रागी का आटा

रागी फाइबर का बेहतरीन स्रोत है। रागी पाचन तंत्र को बेहतर करके वजन कम करने में मदद करता है। ये ग्लूटेन फ्री होता है और ग्लूटेन ही वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है। रागी विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है। इसके अलावा रागी में आयरन, कैल्शियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। रागी कोलेस्ट्रोल को कम करता है और कई बीमारियों से भी बचाने में कारगर है। ये अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाकर अच्छी नींद लाने में सहायक है।

मल्टी ग्रेन आटा

मल्टी ग्रेन में कई तरह के अनाज मिलाकर कर आटा बनाया जाता है। इसमें ज्वार, बाजरा, चना, रागी और भी अपनी पसंद के अनुसार अनाजों को बराबर मात्रा में मिलाकर आटा बना सकते हैं। इससे बनी रोटी हेल्दी भी होती है और वजन घटाने में भी मदद करती है।

जौ का आटा

इसमें न केवल कम कैलोरी होती है बल्कि बार-बार भूख लगने की समस्या भी नहीं होती, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा काफी ज्?यादा होती है। ये डायबिटीज, हार्ट की बीमारी, कोलेस्ट्रोल व मोटापे से मुक्ति दिलाता है।

ज्वार का आटा

प्रोटीन से भरपूर ज्वार का आटा भी ग्लूटेन फ्री होता। ये पाचन तंत्र को बेहतर करता है। इम्यूनिटी बूस्ट करता है। ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है। इसमें आयरन, प्रोटीन, मिनरल्स, कैल्शियम, फोसफोरस और विटामिन मौजूद होते हैं। डायट्री फाइबर से भरपूर ज्वार के आटे से बनी रोटियां वजन कम करने में काफी कारगर हैं।

बाजरे का आटा

फाइबर से भरपूर होता है बाजरा, जिससे देर तक भूख नहीं लगती। इस तरह ये वजन कम करने के लिए बेहतरीन माना जाता है। पाचन क्रिया को ये बेहतर करके कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है। बाजरा विटामिन बी, कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्रोत है। ये डायबिटीज को कंट्रोल करता है। हार्ट और आंतों को हेल्दी रखता है। यह ग्लूटेन फ्री होता है और कुछ तरह के कैंसर से भी बचाता है।

सत्तू का आटा

वजन को कम करने के लिए सत्तू को काफी अच्छा माना जाता है। ये गैस, अपच व पेट फूलने की समस्या से निजात दिलाकर मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है और शरीर को प्रभावी तरीके से कैलोरीज बर्न करने में मदद करता है। इसकी डिटॉक्सिफाइंग प्रॉपर्टीज शरीर से टॉक्सिंस को बाहर करने में मदद करती हैं। ये आयरन और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है। पाचन तंत्र को हेल्दी रखता है। इसके सेवन से आंतें व पेट भी हेल्दी रहता है जिससे आप हेल्दी और फिट रहते हैं। ये कूलेंट की तरह काम करके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। हाई बीपी और डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है और ये आपको एनर्जेटिक भी रखता है।

सोयाबीन का आटा

ये फाइबर और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत तो है ही, साथ ही इसमें सैचुरेटेड फैट्स बेहद कम होता है। ये लो फैट होता है और विटामिन, मिनरल्स से भरपूर होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है। ये जीरो कोलेस्ट्रोल और लैक्टोस फ्री होता है। हाई प्रोटीन होने के कारण ये तेजी से वजन घटाने में काफी कारगर है। मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं के लिए ये काफी लाभदायक है क्योंकि इसमें फीमेल हॉर्मोन जैसा पदार्थ होता है जो मेनोपॉज के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

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