Preserve the nutritional value of your diet

nutritional  हम भारतीय रसोई का सर्वेक्षण करें तो अधिकांश घरों में हमें यही जानकारी मिलेगी कि गृहणियां, बढ़िया व्यंजन बनाने में तो निपुण होती हैं किन्तु खाद्यान्नों की पौष्टिकता बरकरार रखते हुए व्यंजन बनाए जाने की जानकारी से अनभिज्ञ होती हैं। प्रस्तुत हैं यहां कुछ जानकारियां जिनको मद्देनजर रखते हुए आप न केवल अपने भोजन की पौष्टिकता बनाए रख सकती हैं अपितु जिसे आप अपने भोजन की अवांछनीय वस्तु समझती हैं उसे भी प्रयोग कर पूर्ण पौष्टिकता पा सकती हैं।

चावल:nutritional

वर्तमान बाजारों में उपलब्ध चावल और पहले के चावल में काफी भिन्नता आ गई है। पहले जो चावल बाजारों में उपलब्ध थे वे एक हल्के लाल रंग की परत तथा एक खुरदरापन लिए हुए थे किन्तु जैसे-जैसे मशीनों का प्रचलन आरंभ हुआ, चावलों को मशीनों द्वारा ही साफ किया जाने लगा। आकर्षक व सुन्दर दिखने हेतु तथा साफ-सफाई जल्दी हो जाने के चलते चावलों की जो लाल परत थी,

वह पूर्णत: nutritional

हटा दी गई। अब बाजार में बिलकुल सफेद व चिकने तथा बनने के बाद आकर्षक दिखने वाले चावल आने लगे। क्या आप इस बात से परिचित हैं कि वह लाल परत तथा चावल का खुरदरापन क्या था? वह बी-क्रोटीन तथा विटामिन-बी नामक पौष्टिक तत्व था, जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। वह न केवल आसानी से पचता है अपितु शरीर के लिए शक्तिवर्धक भी है। आज भी भारत के गांवों में इस प्रकार के चावल उपलब्ण्ध हैं किन्तु शहरों में इसकी उपलब्धता नहीं के बराबर है।

इसमें संदेह नहीं कि आज के मशीनों के दौर में चावल अपनी 70 प्रतिशत पौष्टिकता नष्ट कर चुका है किन्तु जो 30 प्रतिशत है उसे भारतीय गृहणियां स्वयं ही धोने, भिगाने तथा मांढ़ निकालने के क्रम में नष्ट कर देती हैं। अंत में हमारी थाली में परोसने तक चावल अपनी पूर्ण पौष्टिकता नष्ट कर चुका होता है किन्तु कुछ सावधानियों को ध्यान में रखते हुए आप चावल की रही सही पौष्टिकता पा सकती हैं।

चावल को बनाते समय ही धोएं और तुरंत ही पकाएं। जहां तक संभव हो, प्रेशर कुकर में ही पकाएं ताकि इसका मांढ़ न फेंकना पड़े। अगर आप प्रेशर कुकर में चावल बनाना पसंद नहीं करती तो पतीले आदि में चावल पकाने के पश्चात मांढ़ फेंकें नहीं, वरन उसे अन्य उपाय द्वारा प्रयोग में लाकर उसकी पूर्ण पौष्टिकता को पाएं।

विभिन्न रूप से तड़का दे सकती हैं चाहे वह जीरे, कढ़ी पत्ता या अजवाइन का हो। काली मिर्च, नमक अंत में डालें। इसी प्रकार प्याज कतरे हुए, शिमला मिर्च, टमाटर, आलू, लहसुन, गाजर, हरी मिर्च, पालक, अदरक का टुकड़ा तथा अन्य हरी सब्जियां भी डाल सकती हैं।

कुछ लोग पतला मांढ़ चाहते हैं। इसके लिए आप मांढ़ ठंडा होने के पश्चात ऊपरी परत निकाल दें। इसे आप दोपहर के खाने में सूप की भांति हरी धनियां आदि की सजावट कर परोस सकती हैं। मेहमानों में यह परोसा हुआ सूप काफी आकर्षक, पौष्टिक एवं सराहनीय सिद्ध होगा।

अगर आप इस सूप के प्रति उत्साहित नहीं हैं तो आप आटे के साथ मिला कर इसे गंूधिए तथा बेहतर स्वाद के लिए आप इसमें अजवाइन, नमक व भुना जीरा भी डाल सकती हैं तथा परोसते समय हल्का मक्खन लगा कर परोसें। कुछ बचा हुआ मांढ़ आप दाल में डाल सकती हैं। स्वाद तो दुगुना होगा ही, साथ ही पूर्ण पौष्टिकता का आनंद आप ले सकेंगी।

गेहंू:

आजकल बाजारों में विभिन्न कंपनियों के आटा पैकेटों में उपलब्ध हैं। पैकेटों में उपलब्ध यह आटा मिल में पीसा जाता है जहां गेहूं की पौष्टिकता से भरपूर चोकर को निकाल दिया जाता है। इस प्रकार का आटा स्वास्थ्यवर्धक नहीं बताया गया है। इसके विपरीत आप अगर गेहूं खरीद कर धोकर, सुखा कर आटा-चक्की में पिसवाएं और चोकर सहित ही रोटियां बनाएं तो न केवल आप पूर्ण पौष्टिकता पा सकती हैं वरन जो व्यक्ति विभिन्न प्रकार की अन्तड़ियों की बीमारियोंं व पाचन की गड़बड़ियों से पीड़ित हैं वे इस प्रकार के आटे का सेवन कर अपने रोगों से निजात पा सकते हैं।

अगर आप आटे को छान कर चोकर को अलग करना चाहती हैं तो बचे हुए चोकर की हफ्ते में दो बार खीर बना कर उसकी पौष्टिकता का भरपूर प्रयोग कर सकती हैं। चावल खीर की तरह यह खीर बनाई जाती है। चावल के स्थान पर चोकर को प्रयोग में लाया जाता है। बाकी सारी सामग्री वही होती है।

इसके साथ-साथ मिश्रित सब्जियों में भी थोड़ा-थोड़ा चोकर डाल कर बना सकती हैं। सोयाबीन, बाजरा को भी गेहूं पीसते समय शामिल कर सकती है। इससे स्वाद दुगुना तो होगा ही, साथ ही आप पूर्ण पौष्टिकता भी प्राप्त कर सकेंगी।

दाल:

दाल चाहे चने या मसूर की हो, उड़द की हो या अरहर की, बनाने से पूर्व धोएं और तुरंत ही बनाएं। कोई विशेष व्यंजन बनाते समय उड़द या चने की दाल को आठ से नौ घंटे भिगोना हो तो आप दाल को अच्छी तरह से धो लें। तत्पश्चात ही उसे भिगोएं तथा बर्तन को ढक दें। जब यही दाल पीसनी हो तो इसी पानी को प्रयोग में लाएं।

इडली, डोसे व्यंजन विषयक दाल व चावल भिगोने के क्रम में भी इसी विधि को अपनाएं। चने की दाल, छोले, राजमा आदि व्यंजन बनाते समय मीठे सोडे का प्रयोग न करें। इससे पौष्टिकता नष्ट हो जाती है। सोडे से पकाए व्यंजन खाने से गैस, खट्टी डकार, पित्त आदि रोगों की शिकायत होने लगती है।

हरी साग सब्जियां:

सब्जियां जब तक गृहणियों द्वारा पक कर खाने की मेज तक पहुंचें, तब तक वे अपनी 70 प्रतिशत पौष्टिकता नष्ट कर चुकी होती हैं। अधिकांशत भारतीय रसोई में देखा गया है कि गृहणियां सब्जियोंं को छील कर तथा काट कर दो तीन बार धोती हैं जिसके कारण सब्जियों की अपनी 60 प्रतिशत पौष्टिकता नष्ट हो जाती है। पकाते समय भी सही अनुपात में पानी न डाल कर जरूरत से अधिक पानी डाल देती हैं। पहले नमक डाल कर पकाती हैं।

ढक कर नहीं पकाती, फलत: nutritional

रही सही पौष्टिकता भी नष्ट हो जाती है।

आप कुछ बातों को ध्यान रख कर साग सब्जियों की पौष्टिकता बनाए रख सकती हैं। पहले सब्जियों को अच्छी तरह से धो लें, तत्पश्चात ही उन्हें काटें। आलू, परमल, बैंगन, गाजर, मूली, जैसी सब्जियों को यथासंभव न छीलें क्योंकि इन सब्जियों के छिलकों में ही काफी पौष्टिक तत्व होते हैं। पकाते समय सदैव पानी के सही अनुपात का ध्यान रखें तथा ढक कर पकाएं। कच्चे केले, मीठा करेला जैसी सब्जियों को पकाने से पूर्व अगर आप उबालती हैं तो बचे हुए पानी को आप फेंके नहीं वरन आप इसे अन्य सब्जियों में डाल सकती हैं तथा आटे में भी गूंध सकती हैं।

अगर आप सब्जियों की पूरी पौष्टिकता लेना चाहती हैं तो इन्हें भाप में पकाएं जिस तरह इडली पकाई जाती है तथा बाद में विभिन्न तड़कों के साथ नए स्वाद पाइए। सब्जियां पक जाने के पश्चात उतारने से पूर्व ही नमक डालें। सलाद आदि में यथासंभव नमक का प्रयोग न करें। जहां तक संभव हो, इसमें नींबू न निचोड़ें क्योंकि इससे नमक की आवश्यकता पड़ सकती हैं। नींबू अलग से ही काट कर सलाद के पास सजाएं।

इसके अतिरिक्त मूली, गाजर, शलगम, चुकंदर, गोभी आदि के पत्तों को आप उबाल कर टमाटर के साथ सूप बना सकती हैं या पीस कर आटे में अजवाइन, जीरे व नमक के साथ गूंध सकती हैं। इन पत्तियों को आप धूप में सुखा कर चूर्ण बना कर बड़ियां आदि डालते समय प्रयोग में ला सकती हैं।

अत:

आपने देखा कि कुछ सावधानियों से न केवल आप खाने का स्वाद बढ़ा सकती हैं अपितु बिना अतिरिक्त खर्चे के उसी वस्तु से अधिक स्वाद व पौष्टिकता का लाभ उठा सकती हैं।
-रूबी

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!